दन्तेवाड़ा
कोदो की पारंपरिक मिंजाई
15-Dec-2025 9:39 PM
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 15 दिसंबर। दंतेवाड़ा जिला अपनी पारंपरिक संस्कृति को सहेजने के लिए विख्यात है। अंचल की खेती - किसानी में इसकी झलक मिल जाती है।
इसी कड़ी में जिले में कोदो (कोसरा) का जैविक उत्पादन किया जाता है। किसानों द्वारा उक्त फसल को बैलों के माध्यम से मिंजाई की जा रही है। कुआकोण्डा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चोलनार में महिला किसान लिंगे मंडावी द्वारा अपने घर में कोसरे की मिंजाई की जा रही है। किसान ने बताया कि इस वर्ष बारिश की वजह से कोसरे की बुवाई में विलंब हुआ था। इसी कारण से कोसरे के रकबे में भी कमी हुई। जिससे उक्त फसल के उत्पादन में कमी की आशंका है।
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