दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 14 दिसंबर। मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने कइ विशेष प्रयास किया जा रहे है। इसी कड़ी में डाइट परिसर में आयोजित विषयवार ब्लूप्रिंट व्याख्याता प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया।
इस दौरान विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. दिनेश कुमार लहरी, सहायक प्राध्यापक (मनोविज्ञान) ने विभिन्न विद्यालयों से आए प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित किया।
डॉ. लहरी ने अपने व्याख्यान में बताया कि मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखना न केवल शिक्षकों के लिए आवश्यक है, बल्कि इसे विद्यालयी वातावरण में प्रभावी रूप से लागू कर छात्र-छात्राओं के भावनात्मक, मानसिक एवं सामाजिक विकास को भी सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे, तो उनके जीवन कौशल स्वत: ही मजबूत होंगे। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न क्रियाकलापों और उनके विशेष बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इन्हें अपनाकर पठन-पाठन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
डॉ. लहरी ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एक्टिविटी आधारित पठन-पाठन से विद्यालय के वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन आता है तथा छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से अपील की कि वे मानसिक स्वास्थ्य के पहलुओं को समझते हुए विद्यार्थियों के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
इस अवसर पर डाइट परिसर के प्राचार्य शैलेश सिंह ने कहा कि आने वाले समय में मानसिक स्वास्थ्य विषय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इस दिशा में निरंतर कार्य किया जाएगा। विद्यालयों में सकारात्मक वातावरण बना रहे तथा शिक्षक-छात्र संबंध और अधिक मजबूत हों।
इस प्रशिक्षण प्रभारी पुरुषोत्तम लाल साहू, मास्टर ट्रेनर पंकज त्रिपाठी, डॉ. विजय साहू, गंगाराजू सुन्नम, योगेन्द्र जोशी, दुसनलाल मार्गे, डॉ. तरुणा सिंह और शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद थे।


