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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 फरवरी। नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने आज अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने कहा है की बिलासपुर में आदर्श पुलिसिंग दिखाई देगी। अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस होगा।
करीब एक सप्ताह पहले सिंह का तबादला आदेश जारी हो गया था लेकिन वह एक रिफ्रेशर कोर्स के चलते लखनऊ प्रवास पर थे। आज सुबह रायपुर से रवाना होकर वे दोपहर 12:00 बजे एसपी कार्यालय पहुंचे। वे महामाया दर्शन के लिए रतनपुर भी गए। बिलासपुर पुलिस के जवानों ने उन्हें कार्यालय परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिला मुख्यालय में उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सभी से परिचय भी प्राप्त किया।
दोपहर बिलासागुड़ी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बिलासपुर में पुलिस आम जनता की कल्याण के लिए कार्य करेगी प्रयास रहेगा कि यातायात व्यवस्था सुचारू हो महिला अपराधों के प्रति सख्ती बरती जाएगी। पकड़े गए अपराधियों के खिलाफ चालान पेश करने में विलंब नहीं किया जाएगा। उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नागरिकों और मीडिया से सहयोग भी मांगा।
रजनेश सिंह इससे पहले धमतरी और नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं वह एंटी करप्शन ब्यूरो में भी एसपी रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 फरवरी। यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे सुरक्षा बल विगत महीनों से ऑपरेशन अमानत अभियान चला रहा है। इसके तहत पिछले 10 महीनों में बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर मंडल के 960 यात्रियों के गुम हुए या छूटे सामान ढूंढकर उन्हें वापस किए गए हैं। ये सामान दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के थे।
कई बार ट्रेनों में चढऩे, उतारने की जल्दबाज़ी में यात्री अपना सामान ट्रेन में ही भूल जाते हैं या फिर कई बार उनका सामान गुम हो जाता है । उनके छूटे सामान को पहुंचाने तथा गुम हुए सामानों की रिकवरी के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस अभियान की शुरुआत की गई है । बिलासपुर, चांपा, कोरबा, उसलापुर, रायगढ़, ब्रजराजनगर, पेंड्रारोड, अनुपपुर, शहडोल, मानेंद्रगढ़, बिजुरी, अंबिकापुर, भाटापारा, तिल्दा-नेवरा, रायपुर, दुर्ग, भिलाई राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, भंडारारोड, इतवारी, नैनपुर, छिंदवाड़ा, वडसा, नागभीड़, कांप्टी आदि रेल सुरक्षा बल पोस्ट ने इस अभियान में अपना योगदान दिया है।
ट्रेन में पेट्रोलिंग तथा स्टेशनों में गश्ती के दौरान रेल सुरक्षा बल तथा अन्य रेल कर्मियों ने यात्रियों के छूटे हुए सामानों को स्टेशन में तथा ट्रेनों में अधिकृत प्राधिकारियों के पास जमा किया। यात्रियों ने भी कई बार अन्य यात्रियों के छूटे हुए सामानों को ट्रेनों में टीटीई या रेल सुरक्षा बल के कर्मियों के पास सुपुर्द किया तथा सूचित किया। रेल यात्रा के दौरान जिन यात्रियों का सामान गूम हो जाता है, वे अपनी शिकायत ट्रेनों में टीटीई, रेल सुरक्षा बल या ट्रेन मैनेजर अथवा स्टेशनों में स्टेशन मास्टर व संबन्धित रेल कर्मियों के पास दर्ज कराते हैं।
यात्री रेल मदद एप, हेल्पलाइन नंबर 139, ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते है । शिकायत मिलने पर संबन्धित ट्रेनों, स्टेशनों तथा अन्य आरपीएफ पोस्ट में इसकी सूचना दी जाती है और संबन्धित प्राधिकार सामान को रिकवर करने के लिए जुट जाते हैं।
ऑपरेशन अमानत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में एक अभियान के स्तर पर चलाया जा रहा है तथा यह आगे भी इसी ऊर्जा के साथ निरंतर जारी रहेगा।
संयुक्त टीम ने की जांच, शासन को भेजी गई कार्रवाई के लिए अनुशंसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 फरवरी। सेंदरी मानसिक अस्पताल के अधीक्षक और प्रभारी संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. जेपी आर्य द्वारा एक निजी अस्पताल में इलाज किए जाने के पुख्ता सबूत पाए गए हैं। उनके द्वारा इलाज के लिए अखबार में विज्ञापन भी जारी किया गया था। कलेक्टर ने मामले की संयुक्त टीम द्वारा जांच कराई। जांच में इलाज किए जाने की पुष्टि हुई है। लिहाजा, उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति को अनुशंसा की गई है।
संयुक्त टीम की जांच रिपोर्ट के अनुसार अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.जे.पी.आर्या जो कि वर्तमान में अधीक्षक राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के साथ-साथ प्रभारी संयुक्त संचालक संभागीय स्वास्थ्य सेवायें बिलासपुर के पद पर पदस्थ हैं। उनके द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र में 10 फरवरी को यूनिटी हॉस्पिटल बिलासपुर में निजी प्रैक्टिस के संबंध में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था। उक्त विज्ञापन जिला कलेक्टर के संज्ञान में आने पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के चिकित्सकों की टीम द्वारा 10 फरवरी को ही यूनिटी हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया गया। यहां डॉ आर्या के हॉस्पिटल में लगातार कार्य करने के संबंध में दस्तावेज मिले।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को प्रस्तुत किया गया। गौरतलब है कि शासकीय चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस करने के संबंध में छ.ग. शासन द्वारा दिये गये विभागीय पुनरीक्षित निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने की छूट रहेगी, पंरतु निजी प्रैक्टिस केवल ड्यूटी अवधि के बाद ही की जा सकेगी। साथ ही चिकित्सक को अपने स्वयं की चेम्बर अथवा क्लीनिक होने चाहिए।
स्वयं की क्लीनिक के अतिरिक्त अन्य किसी पाली क्लीनिक अथवा चिकित्सालय में निजी प्रैक्टिस करते हैं, तो ऐसा करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। डॉ आर्या वर्तमान में प्रशासकीय पद पर कार्यरत हैं। ऐसे पद पर कार्यरत चिकित्सक को नियमानुसार निजी प्रैक्टिस की पात्रता कतई नही हैं। ऐसे प्रकरणों पर निगरानी एवं कार्रवाई हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन शासन स्तर पर किया गया है। जिसमें सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित है। उक्त समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव व संचालक स्वास्थ्य सेवायें रायपुर को उक्त चिकित्सक पर नियमानुसार कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 फरवरी। यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे सुरक्षा बल विगत महीनों से ऑपरेशन अमानत अभियान चला रहा है। इसके तहत पिछले 10 महीनों में बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर मंडल के 960 यात्रियों के गुम हुए या छूटे सामान ढूंढकर उन्हें वापस किए गए हैं। ये सामान दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के थे।
कई बार ट्रेनों में चढऩे, उतारने की जल्दबाज़ी में यात्री अपना सामान ट्रेन में ही भूल जाते हैं या फिर कई बार उनका सामान गुम हो जाता है । उनके छूटे सामान को पहुंचाने तथा गुम हुए सामानों की रिकवरी के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इस अभियान की शुरुआत की गई है । बिलासपुर, चांपा, कोरबा, उसलापुर, रायगढ़, ब्रजराजनगर, पेंड्रारोड, अनुपपुर, शहडोल, मानेंद्रगढ़, बिजुरी, अंबिकापुर, भाटापारा, तिल्दा-नेवरा, रायपुर, दुर्ग, भिलाई राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, भंडारारोड, इतवारी, नैनपुर, छिंदवाड़ा, वडसा, नागभीड़, कांप्टी आदि रेल सुरक्षा बल पोस्ट ने इस अभियान में अपना योगदान दिया है।
ट्रेन में पेट्रोलिंग तथा स्टेशनों में गश्ती के दौरान रेल सुरक्षा बल तथा अन्य रेल कर्मियों ने यात्रियों के छूटे हुए सामानों को स्टेशन में तथा ट्रेनों में अधिकृत प्राधिकारियों के पास जमा किया। यात्रियों ने भी कई बार अन्य यात्रियों के छूटे हुए सामानों को ट्रेनों में टीटीई या रेल सुरक्षा बल के कर्मियों के पास सुपुर्द किया तथा सूचित किया। रेल यात्रा के दौरान जिन यात्रियों का सामान गूम हो जाता है, वे अपनी शिकायत ट्रेनों में टीटीई, रेल सुरक्षा बल या ट्रेन मैनेजर अथवा स्टेशनों में स्टेशन मास्टर व संबन्धित रेल कर्मियों के पास दर्ज कराते हैं।
यात्री रेल मदद एप, हेल्पलाइन नंबर 139, ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते है । शिकायत मिलने पर संबन्धित ट्रेनों, स्टेशनों तथा अन्य आरपीएफ पोस्ट में इसकी सूचना दी जाती है और संबन्धित प्राधिकार सामान को रिकवर करने के लिए जुट जाते हैं। ऑपरेशन अमानत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में एक अभियान के स्तर पर चलाया जा रहा है तथा यह आगे भी इसी ऊर्जा के साथ निरंतर जारी रहेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 फरवरी। बिलासपुर रेल मंडल के अनूपपुर-न्यू कटनी सेक्शन के घुनघुट्टी स्टेशन में तीसरी लाइन कनेक्टिविटी कार्य 18 से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इसके चलते दो दर्जन यात्री ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा।
रद्द होने वाली गाडिय़ां-
20 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 08269 चिरमिरी-चंदिया रोड पैसेंजर।
20 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 08270 चंदिया रोड- चिरमिरी पैसेंजर।
19 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 06617 कटनी-चिरमिरी पैसेंजर स्पेशल।
20 से 26 फरवरी तक गाड़ी संख्या 06618 चिरमिरी-कटनी पैसेंजर स्पेशल।
19 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 11265 जबलपुर-अम्बिकापुर एक्सप्रेस।
20 से 26 फरवरी तक गाड़ी संख्या 11266 अम्बिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस।
18 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18234 बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस।
19 से 26 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18233 इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस।
17 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18236 बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस।
19 से 27 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18235 भोपाल-बिलासपुर एक्सप्रेस।
18 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18247 बिलासपुर-रीवां एक्सप्रेस।
19 से 26 फरवरी तक गाड़ी संख्या 18248 रीवां-बिलासपुर एक्सप्रेस।
19 से 25 फरवरी तक गाड़ी संख्या 11201 नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस।
20 से 26 फरवरी तक गाड़ी संख्या 11202 शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस।
22 एवं 24 फरवरी को गाड़ी संख्या 05755 चिरमिरी-अनुपपुर पैसेंजर स्पेशल।
22 एवं 24 फरवरी को गाड़ी संख्या 05756 अनुपपुर-चिरमिरी पैसेंजर स्पेशल।
21 एवं 23 फरवरी को गाड़ी संख्या 11751 रीवां-चिरमिरी एक्सप्रेस।
22 एवं 24 फरवरी को गाड़ी संख्या 11752 चिरमिरी-रीवां एक्सप्रेस।
19 एवं 22 फरवरी को गाड़ी संख्या 12535 लखनऊ-रायपुर गरीबरथ एक्सप्रेस।
20 एवं 23 फरवरी को गाड़ी संख्या 12536 रायपुर-लखनऊ गरीबरथ एक्सप्रेस।
21 फरवरी को गाड़ी संख्या 20828 सांतरागाछी-जबलपुर एक्सप्रेस।
22 फरवरी को गाड़ी संख्या 20827 जबलपुर-सांतरागाछी एक्सप्रेस।
25 फरवरी को गाड़ी संख्या 18213 दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस।
26 फरवरी को गाड़ी संख्या 18214 अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस।
इसके अलावा 18 से 23 फरवरी तक गाड़ी संख्या 15231 बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग कटनी-जबलपुर-नैनपुर-बालाघाट के मार्ग से गंतव्य को रवाना होगी।
इसी तरह 19 से 24 फरवरी तक गाड़ी संख्या 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बालाघाट-नैनपुर-जबलपुर-कटनी के मार्ग से गंतव्य को रवाना होगी।
सीएम-एचएम के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने आईजी ने ली पुलिस अफसरों की बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 फरवरी। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने मुख्यमंत्री व गृह मंत्री से मिले निर्देशों के पालन को लेकर बिलासा गुड़ी में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कर सख्त पुलिस व्यवस्था बनाने कहा।
आईजी ने थाना चौकी में विजीबल पुलिसिंग, बेसिक पुलिसिंग, रात्रि गश्त, स्कूल कॉलेज खुलने बंद होने और सुबह और शाम 6 से 11 के समय थाना पेट्रोलिंग का सही उपयोग, अवैध नशा, नारकोटिक्स आदि पर ड्रग इंस्पेक्टर के साथ संयुक्त कार्रवाई, अवैध परिवहन -उत्खनन पर प्रशासन के साथ संयुक्त कार्रवाई, जुआ, सट्टा, गुंडा बदमाश निगरानी बदमाश आदि पर कार्रवाई और नये क़ानून के अनुसार लोगों को जानकारी देने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सडक़ दुर्घटनाओं की समीक्षा करते हुए आईजी ने दुर्घटनाएं कम करने और दुर्घटना से मृत्यु को रोकने के उपायों को लेकर सभी थाना चौकी प्रभारियों को निर्देश दिया, साथ ही ट्रैफिक इंजीनियरिंग, यातायात शिक्षा और (ट्रैफिक इन्फोर्समेंट) यातायात नियम का पालन को महत्व देते हुए सुरक्षित और सुगम यातायात व्यवस्था बनाने कहा। उन्होंने चिन्हांकित दुर्घटना जन्य जगहों पर उचित व्यवस्था बनाने व सर्वे कर सुधार करने का निर्देश दिया।
समय समय पर मिल रही शिकायत और आपराधिक गतिविधि को कड़ाई से कार्रवाई कर रोकथाम करने तथा सभी राजपत्रित अधिकारी को थाना के कार्यों की मॉनिटरिंग कर बेहतर पुलिसिंग कर अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था से जिले को सुरक्षित करने आवश्यक दिशा निर्देश दिया, जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने आश्वस्त किया कि दिए गए निर्देशों का प्रभाव आगामी दिनों में दिखने को मिलेगा।
बैठक में जिले के सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेंद्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( आईयूसीएडब्ल्यू) गरिमा द्विवेदी, नगर पुलिस अधीक्षक (सिविल लाइन) संदीप पटेल (आईपीएस), नगर पुलिस अधीक्षक (सिटी कोतवाली) पूजा कुमार (आईपीएस), आईपीएस प्रशिक्षु अजय कुमार, उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) उदयन बेहार, उप पुलिस अधीक्षक (चकरभाठा) कृष्ण कुमार पटेल, उप पुलिस अधीक्षक (एट्रोसिटी) डेरहा राम टंडन, अनुविभागीय पुलिस अधीक्षक (कोटा) सिद्धार्थ बघेल, उप पुलिस अधीक्षक (लाइन) मंजुलता केरकेट्टा, उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) संजय साहू, प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक रोशन आहूजा, रक्षित निरीक्षक, जि़ले के सभी थाना व चौकी प्रभारी, महिला, एट्रोसिटी, एसीसीयू थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्टेनो, रीडर, शिकायत शाखा, डीएसबी और चुनाव सेल के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 फरवरी। करंट लगने से युवक की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने विद्युत वितरण कंपनी को 10.78 लख रुपए मुआवजा देने का आदेश पारित किया है। निचली अदालत ने परिजनों की याचिका खारिज कर दी थी।
बलौदा बाजार के मजदूर हेमंत ध्रुव 22 फरवरी 2014 को करंट की चपेट में आ गया था। घटना की रात आंधी पानी के कारण बिजली के खंबे गिर गए थे और जमीन पर गिरे तार से करंट दौड़ रहा था। घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया था जहां कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के करीब 5 साल बाद परिजनों ने जिला कोर्ट में 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग करते हुए केस दायर किया। निचली अदालत में सुनवाई के दौरान बिजली विभाग ने तर्क दिया कि दुर्घटना मृतक की लापरवाही के कारण हुई। साथ ही मुआवजे के लिए निर्धारित तीन साल के भीतर याचिका नहीं लगाई गई है। अदालत ने परिजनों की याचिका खारिज कर दी।
इस आदेश के विरुद्ध उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी और राधाकृष्ण अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने विलंब से याचिका दायर करने के आधार पर दावा खारिज करने को गलत बताते हुए परिजनों को बतौर मुआवजा 10.78 लाख रुपए देने का आदेश दिया है।
कंपनी की स्थापना के बाद पांचवीं बार कंपनी ने छुआ यह आंकड़ा
गेवरा, कुसमुंडा एवं दीपका मेगा परियोजनाओं की रही महत्वपूर्ण भूमिका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 फरवरी। वित्तीय वर्ष ’23-24 में एसईसीएल का वार्षिक कोयला उत्पादन 150 मिलियन टन के पार पहुंच गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में कंपनी ने 16.95 मिलियन टन (12.73त्न) की बढ़ोत्तरी दर्ज करते हुए एक महीने पहले ही 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन के आंकड़े को छू लिया है।
अगर पिछले 5 वर्षों के एसईसीएल के कोयला उत्पादन पर नजर डालें तो वर्ष 2022-23 में 167 मिलियन टन, वर्ष 2021-22 में 142.52 मिलियन टन, वर्ष 2020-21 में 150.61 मिलियन टन, 2019-20 में 150.55 मिलियन टन तथा 2018-19 में 157.35 मिलियन टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया है। इस प्रकार एसईसीएल ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक रिकॉर्ड पांचवीं बार 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार किया।
कंपनी की इस उपलब्धि में एसईसीएल की मेगापरियोजनाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश की सबसे बड़ी गेवरा खदान ने 46.11 मिलियन टन, कुसमुंडा ने 38.5 मिलियन टन तथा दीपका ने 26.3 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर उत्पादन में 74त्न का योगदान दिया है।
कोयला निष्कासन से पूर्व की प्रक्रिया, ओबीआर में भी एसईसीएल ने इस वर्ष ऐतिहासिक नतीजे दिए हैं। कंपनी पिछले वर्ष के कुल ओबीआर को पहले ही पीछे छोड़ चुकी है और स्थापना से अब तक के सर्वाधिक वार्षिक ओबीआर की तरफ बढ़ रही है। इस अवसर पर सीएमडी एसईसीएल डा. प्रेम सागर मिश्रा व निदेशक मण्डल ने एसईसीएल टीम को बधाई दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 फरवरी। प्रयागराज से दुर्ग की ओर आ रही यात्रियों से ठसाठस भरी एक बस में आग लग गई। समय रहते सभी यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया, लेकिन बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
जानकारी के मुताबिक मनीष ट्रेवल्स की यह बस बीती रात करीब 80 यात्रियों को लेकर प्रयागराज से दुर्ग के लिए रवाना हुई। रात करीब 3:00 बजे वेंकटनगर के पास पीछे चल रहे एक ट्रक के चालक ने देखा कि बस की एक टायर से आग की तेज लपटें उठ रही हैं। उसने सूझबूझ दिखाते हुए ओवरटेक कर बस को रोका और चालक को इसकी जानकारी दी। चालक परिचालक ने सभी यात्रियों को नीचे उतरने के लिए कहा। इस बीच आग ने पूरी तरह बस को अपनी चपेट में ले लिया, जबकि सभी यात्री इसके पहले बस से सुरक्षित नीचे उतर गए।
आग लगने की सूचना नगर पंचायत पेंड्रा के फायर ब्रिगेड को दी गई, मगर जब तक वह पहुंचती, बस जलकर राख हो गई थी।
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए रोजाना कई बसें चलती हैं, जिनमें प्रवासी मजदूरों को लाया ले जाया जाता है। इनमें क्षमता से अधिक सवारी भी बिठाए जाते हैं। कई बसों का फिटनेस भी चेक नहीं किया जाता। पिछले दिनों ऐसी एक बस गौरेला में एक घर के भीतर घुस गई थी।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर को सौंपी सूची
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 फरवरी। स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न शालाओं से 20 शिक्षक एवं कर्मचारी लम्बे समय से स्कूल से अनधिकृत रूप से नदारत हैं। इनमें से 13 शिक्षकों की गैरहाजिरी 3 साल से अधिक अवधि की और 7 शिक्षक एवं कर्मचारी की 3 साल से कम अवधि की है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने इन गायब शिक्षक और कर्मचारियों की सूची कलेक्टर को सौंप दी है। कलेक्टर अवनीश शरण ने तीन साल से अधिक अवधि से गायब शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिए अंतिम नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। तीन साल से कम अवधि वाले कर्मियों पर भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है। इनमें से कुछ शिक्षक 10-11 साल से बिना सूचना के स्कूलों से गायब हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिल्लीबंद (कोटा)के शिक्षक बत्तीलाल मीणा 11 वर्ष से, मनोरमा तिवारी रिस्दा 10 साल से, प्रेमलता पाण्डेय नवागांव 9 साल से, राकेश उरांव दर्रीघाट 8 साल से, अल्का महतो फरहदा 7 साल से, नलिनी अग्रवाल दर्रीघाट 6 साल से, दिव्यनारायण रात्रे 6 साल से, स्टेनली मार्क एक्का तिफरा, 5 साल से, बसंत कुमार लकड़ा ओखर 5 साल से, शारदा सिंह, मोढ़े 5 साल से, यशवंत कुमार साहू डण्डासागर 3 साल से, मेघा यादव परसापानी 3 साल से, हरीराम पटेल भटचैरा 3 साल से, शिवकुमार बछालीखुर्द 2 साल से, अमन मिरी 22 महीने से, श्याम सुंदर तिवारी सीपत 18 माह से, राकेश मिश्रा बेलसरा 18 माह से, मदनलाल श्यामले कआंजति 17 माह से, रामबिहारी ताम्रकार मस्तूरी 15 माह से तथा शशिकान्त यादव शीश 11 महीने से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। ज्ञात हो कि लगातार तीन साल से अधिक अवधि से शासकीय सेवा से बाहर रहने पर कर्मचारी की सेवा समाप्ति का प्रावधान है।
चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी व पुलिस महानिदेशक को भी पत्र जारी
9 मार्च को प्रदेश भर में लगेगी पहली नेशनल लोक अदालत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 फरवरी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीशों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं फैमिली कोर्ट जजों को 9 मार्च को आयोजित किये जा रहे लोक अदालत के लिए पक्षकारों को नोटिस जारी एवं उसकी तामिली सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ताकि अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा सके।
गौरतलब है कि 8 फरवरी को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस संबंध में न्यायिक अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। जस्टिस भादुड़ी ने विशेष रूप से न्यायालयों में 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक अवधि से लंबित प्रकरण, वरिष्ठजन व महिलाओं से संबंधित प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा निराकृत किये जाने का भरसक प्रयास करने कहा है। इसके अलावा प्री-लिटिगेशन प्रकरण के रूप में अब तक चिन्हांकित प्रकरणों में बढ़ोत्तरी करते हुए सर्वसंबंधित विभाग और वित्तीय संस्थानों के साथ प्री-सीटिंग, सहयोग एवं उनसे समन्वय स्थापित करने कहा है। उन्होंने राजस्व के प्रकरणों में भी अधिक से अधिक प्रकरणों को आगामी नेशनल लोक अदालत में रखने तथा पक्षकारों को नोटिस समय पूर्व जारी करने कहा है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों व पुलिस के साथ सहयोग एवं समन्वय करने कहा गया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग को राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों को भी उक्त नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों को रखने के लिए संबंधित विभागों एवं कलेक्टरों को निर्देश देने कहा गया है। पुलिस महानिदेशक को भी उक्त लोक अदालत में आवश्यक सहयोग तथा पक्षकारों को जारी समंस की तामिली समय पूर्व सुनिश्चित करने के लिए अधीनस्थों को निर्देश देने कहा गया है। सालसा ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित, रायपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर को विद्युत से संबंधित मामलों में, बकाया देय वास्तविक मूल राशि एवं सरचार्ज की राशि का आकलन कर सरचार्ज की राशि में भुगतान से छूट की सुविधा के लिए प्रोत्साहन योजना बनाकर इसका लाभ लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा पक्षकारों तक पहुंचाने कहा है।
अवगत हो कि वर्ष 2023 में आयोजित हुए नेशनल लोक अदालत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों के जिला न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट जजों को सम्मानित करने उच्च न्यायालय में बीते 14 अक्टूबर को समारोह रखा गया था। इसमें चीफ जस्टिस सिन्हा ने न्यायिक अधिकारियों को ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया था।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देश के अनुसार गत वर्ष की भांति वर्ष 2024 में भी 9 मार्च, 11 मई, 14 सितंबर और 14 दिसंबर 2024 को नेशनल लोक अदालत लगाई जाएंगीं। उक्त अदालतें उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय तक सभी स्तरों पर लगाई जाएंगी, जिसमें सिविल एवं राजस्व न्यायालय भी शामिल हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 13 फरवरी। ऑनलाइन बुकिंग कर परिवार सहित अचानकमार अभयारण्य की सैर के लिए गए पर्यटक को काफी देर तक परेशान करने के बाद कर्मचारियों ने बैरंग वापस लौटा दिया। पीडि़त पर्यटक ने बुकिंग राशि और मानसिक क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजा है।
जानकारी के मुताबिक बीते 3 फरवरी को भारतीयनगर के राहुल तिवारी अपने परिवार के साथ अचानकमार अभयारण्य भ्रमण के लिए गए थे। उन्होंने 3500 रुपए में ऑनलाइन बुकिंग कराई थी जिसके अनुसार सुबह 6:00 बजे से उन्हें शिवतराई से लेकर जिप्सी में भ्रमण कराया जाना था। परिवार के साथ वे तडक़े 3:00 बजे बिलासपुर से निकले और सुबह 5:30 बजे शिवतराई बैरियर पहुंचे। वहां की चेक पोस्ट पर दो कर्मचारी मिले जो सोए हुए थे। वे बार-बार आवाज देने पर उठे। उठने के बाद उन्होंने जिप्सी के लिए इंतजार करने कहा। काफी इंतजार करने के बाद कोई जिप्सी नहीं पहुंची। जब पर्यटकों ने देर होने का हवाला दिया तो सुरेश तिवारी और अन्य कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद एक डिप्टी रेंजर ने पहुंचकर उन्हें बैरियर से एंट्री की एक पर्ची दी। उन्होंने बताया कि जिप्सी अचानकमार में ही मिलेगी। पर्यटक अपनी ही गाड़ी से अचानकमार पहुंचे। वहां पर जिप्सी तो खड़ी थी लेकिन कोई ड्राइवर नहीं था। उन्हें ड्राइवर का इंतजार करने के लिए कहा गया, लेकिन डेढ़ 2 घंटे इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। आखिर उन्हें बिना सैर कराए वापस लौटा दिया गया। पूरा परिवार बिना भ्रमण किए वापस बिलासपुर लौट गया।
इसके बाद तिवारी ने ऑनलाइन बुकिंग की जमा राशि की वापसी के लिए वन विभाग के दफ्तर के कई चक्कर लगाए लेकिन उनको रकम वापस नहीं मिली।
अब उन्होंने अधिवक्ता अनमोल सिंह के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजकर ब्याज सहित बुकिंग की राशि तथा 50 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति मांगी है। भुगतान नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट केस करने की चेतावनी दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 फरवरी। जिले के ईटवापाली ग्राम स्थित भगवान भांवर गणेश मंदिर की बहुमूल्य मूर्ति एक बार फिर चोरी हो गई है। पहले भी इसकी चार बार और चोरी हो चुकी है, जो पुलिस खोजबीन कर वापस ला चुकी थी।
मस्तूरी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को गांव के लोगों ने मंदिर में पूजा अर्चना की। शाम तक मूर्ति सही सलामत थी। आज सुबह जब गांव के लोग मंदिर पहुंचे तो मूर्ति गायब थी।
इसकी सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारियों की टीम गांव पहुंच गई है। गांव में लोगों से पूछताछ की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछली बार अगस्त 2022 में यह मूर्ति चोरी गई थी तब करीब दो माह बाद इसे बरामद कर लिया गया था। इसमें गांव के ही कुछ युवक शामिल थे जो उसे दो करोड रुपए में बेचने की फिराक में थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 फरवरी। मोपका में नगर-निगम को आवंटित भूमि में से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। लगभग 16 एकड़ भूमि को एक बिल्डर सहित दर्जन भर लोगों ने बेजा कब्जा कर रखा था। निगम द्वारा इसमें लोगों के घूमने फिरने के लिए शानदार गार्डन बनाया जायेगा। कब्जा धारियों ने निगम की भूमि पर झोपड़ी, बाउंड्री वाल, कॉलम, टीन शेड, बोर्ड लगा दिए थे। आर्यन बिल्डर का बैनर भी हटाया गया।
उल्लेखनीय है की राज्य शासन ने यहां की 6 हेक्टर जमीन को उद्यान निर्माण हेतु के लिए आबंटित किया था। उपरोक्त भूमि पर कतिपय तत्वों द्वारा बेजाकब्जा किया गया था। नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर 16 एकड़ भूमि बेजा कब्जा मुक्त कराया गया। टीम में तहसीलदार ,अतुल वैष्णव, निगम के भवन अधिकारी सुरेश शर्मा,अतिक्रमण दस्ता, जोन कमिश्नर अभियंता जुगल सिंह, पटवारी हरीश जैन हल्का पटवारी आर आई कि उपस्थिति में कब्जा मुक्त कराया गया। निगम को जमीन सौंपने के दो माह पश्चात आर आई निखिल झा द्वारा इसी जमीन को मनीष राय, कुमुद अवस्थी, संदीप केडिया, अमृतलाल जोबनपुत्रा का बताकर उन्हें कब्जा दिया जा रहा है। कुमुद अवस्थी के चौहदी में पूर्व में रोड है, किंतु मौके पर पश्चिम में रोड है। मनीष राय को तहसीलदार राजकुमार साहू द्वारा बेदखल किया गया था। अमृत जोबनपुत्रा को गलत तरीके से आरआई निखिल झा द्वारा सीमांकन कर दे दिया गया। इसके अलावा सरस्वती साहू, मोहन साहू, अनिल श्रीवास, सारा खान का बेजा कब्जा हटाया गया है। शासन व निगम की लगभग 20 एकड़ भूमि भूमाफियाओं से मुक्त कराई गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा ), 11 फरवरी। कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा जनपद पंचायत के सभाकक्ष में जिला और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर पीएम जनमन योजना की विस्तार से गहन समीक्षा की। उन्होंने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पीव्हीटीजी को योजना से जोडक़र सेचुरेशन लेवल हासिल करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरी तन्मयता से काम करें। उन्होंने कहा कि पीवीटीजी बसाहट के आस-पास शिविर लगाकर हितग्राहियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं शत-प्रतिशत उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों और उनकी बसाहटों का संपूर्ण विकास करना ही इस योजना का लक्ष्य है। बैठक में बताया गया कि योजना के तहत 1278 पक्का घर बनाने का लक्ष्य हैं ,इनमें से 291 घर बना लिए गए है। कलेक्टर ने स्वीकृत सभी कामों को तत्काल शुरू करवाकर पूर्ण करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक 482 हितग्राहियों का स्वास्थ्य परीक्षण मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए किया जा चुका है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि हर बसाहट में हर पखवाड़े मोबाइल मेडिकल यूनिट जाए। कलेक्टर ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली की सुविधा से एक भी परिवार वंचित न रहे। कौशल विकास विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए 200 हितग्राही लक्षित है। 20 हितग्राहियों को महूआ लडडू बनाने का प्रशिक्षण विगत दिनों दिया गया है। 6 हजार 384 हितग्राहियों का आधार कार्ड बनाया जाना था, इनमें से 5 हजार 875 हितग्राहियों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है। कलेक्टर ने शेष छूटे हितग्राहियों का तत्काल आधार कार्ड बनवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनवाने कहा।
गौरतलब है कि जिले में पीव्हीटीजी के रूप में बैगा एवं बिरहोर आदिवासी आबाद है। इनकी 54 बसाहटें कोटा, मस्तूरी एवं तखतपूर ब्लॉक में है। लगभग साढ़े 6 हजार आबादी 1808 परिवार के रूप में मौजूद है।
योजना के तहत उनकी बसाहटों की आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्तर का उन्नयन किया जाना है। कलेक्टर ने कहा कि 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों से एक भी बसाहट एवं हितग्राही वंचित न रहे। बैठक में एसडीएम पीयूष तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
स्मार्ट सिटी फंड से शहर के विकास की उम्मीद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 10 फरवरी। छत्तीसगढ़ के बजट में प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर के लिए दो बड़ी घोषणाएं की गई है। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, सिम्स के लिए एकमुश्त 700 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा 200 करोड़ के आसपास स्मार्ट सिटी के लिए आएगा। बजट में की गई घोषणा से बिलासा एयरपोर्ट और धार्मिक नगरी रतनपुर के विकास को भी गति मिलने की उम्मीद है।
ज्ञात हो की गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति स्वर्गीय आरके सिंह के प्रयासों से सन 2002 में बिलासपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। शुरुआत में यह यूनिवर्सिटी के ही अधीन था लेकिन बाद में इसे राज्य सरकार ने अपने हाथ में ले लिया। सरदार वल्लभभाई पटेल जिला चिकित्सालय के एक हिस्से में एमबीबीएस की 50 सीटों से शुरू हुए इस कॉलेज में इस समय 180 छात्रों को दाखिला मिलता है। शुरुआत में यहां 100 बिस्तर से जो अब बढक़र 750 हो चुके हैं। इन 22 वर्षों में सिम्स हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए जगह की भारी कमी पिछले कुछ वर्षों से महसूस की जा रही थी। इसके अलावा पुराने जिला अस्पताल की यह बिल्डिंग भी जर्जर हो रही है। स्टूडेंट मरीज और स्टाफ की संख्या के हिसाब से यहां कमरों और पार्किंग की असुविधा है। लंबे समय से सिम्स की नई बिल्डिंग का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित था। अब इसके लिए एक ही वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ रुपए की मंजूरी मिलने से न केवल बिलासपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा बल्कि मेडिकल की सीटों में वृद्धि की जा सकेगी। नए फंड से सिम्स में बिस्तरों की संख्या 1200 तक बढ़ाई जा सकेगी साथ ही एमबीबीएस में भी ढाई सौ छात्रों को दाखिला दिया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सेवा से संबंधित निर्माण कार्यों के लिए शहर से लगे कोनी इलाके में 40 एकड़ जमीन पहले से ही आरक्षित किया जा चुका है। यहां एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण पूरा हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने हाल ही में घोषणा की है कि इसका उद्घाटन मार्च महीने में किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसी के साथ सिम्स की नई बिल्डिंग का शिलान्यास भी कर दिया जाएगा। इसी कैंपस में एक अत्याधुनिक कैंसर हॉस्पिटल का भी निर्माण चल रहा है। इस तरह से बिलासपुर के कोनी क्षेत्र में आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी बड़ी-बड़ी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
बजट में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए 404 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। छत्तीसगढ़ के जिन तीन शहरों को इस परियोजना में लिया गया है उनमें एक बिलासपुर में है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बिलासपुर को डेढ़ सौ से 200 करोड़ रुपए का हिस्सा इस बजट से मिलेगा। पूर्व में स्मार्ट सिटी योजना कुछ वार्डों में ही सीमित रही है। बीते नगर निगम चुनाव के पहले बिलासपुर में तीन नगर पंचायत और 16 ग्राम पंचायत को भी इसमें शामिल हो चुके हैं। विकास कार्यों के लिए नगर निगम के पास हमेशा फंड की कमी रही है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के फंड से नगर निगम क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी विकास के काम कराए जा सकेंगे। फंड मिलने से अरपा नदी उन्नयन योजना पिंक स्टेडियम मल्टीलेवल पार्किंग स्पोर्ट्स कंपलेक्स जैसी कई लंबित परियोजनाओं पर भी काम हो सकेगा।
इसके अलावा बिलासपुर और अंबिकापुर की एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। इसमें भी बिलासपुर को ठीक-ठाक हिस्सा मिलने की उम्मीद है। चकरभाटा स्थित बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं का विस्तार कर इसे 3सी तथा 4सी ग्रेड तक विस्तार करने की मांग को पूरी करने में इस फंड से मदद मिल सकती है।
प्रदेश की शक्तिपीठ परियोजनाओं में से एक रतनपुर बिलासपुर जिले में स्थित है। इसके लिए शुरुआती मंजूरी 5 करोड रुपए की दी गई है। पहले से ही पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर चुके रतनपुर को शक्तिपीठ परियोजना में शामिल करने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को नई सुविधा मिल सकेंगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 9 फरवरी। नगर में मंगलवार को सर्व समाज सामूहिक विवाह में 11 जोड़े गायत्री परिवार के विधि विधान से परिणय सूत्र में बंधे।
इस शुभ कार्य का बीड़ा नगर के समाजसेवी कृषि व्यवसायी विष्णु अग्रवाल ने उठाया। उन्होंने पिछले साल 2023 को 5 जोड़ों का विवाह सफलता पूर्वक सम्पन्न कराया था। दूसरे वर्ष 2024 को 11 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया।
सभी 11 जोड़ों को नगर वासियों सहित बेलगहना, रतनपुर से आए हुए अतिथियों ने आशीर्वाद देकर वैवाहिक जीवन में प्रवेश बधाई के साथ कन्यादान के रूप में उन्हें यथा शक्ति सहयोग राशि दी गई। सभी जोड़ों का दोपहर 12 बजे बाजे - गाजे के साथ कोटा नगर भ्रमण कर शोभायात्रा निकाली गई, बारात के साथ लोग बैंड बाजे के साथ झूमे नाचते शामिल हुए।
वहीं एक दुल्हा शिव कुमार धनुवारपारा बिल्लीबंद ने विवाह की रस्मे अदा कर फेरे होने के तुरंत बाद पेपर देने निरंजन विश्वविद्यालय कॉलेज गया। पेपर होने के बाद पुन: आकर आगे की रस्में पूरी की गई।
बेलगहना सिद्ध बाबा से आए हुए स्वामी शिवानंद महाराज जी ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान दिया ।
नव दंपतियों के नाम इस प्रकार हैं (1 )अमन कश्यप कौडिय़ा सीपत- मानसी कश्यप कोट सागर पर कोटा(2) रवि शंकर साहू पटैता नेहा साहू टांडा (3 ) अन्नू विश्वकर्मा सल्का नावागांव क्षमा विश्वकर्मा लाखासर लोरमी (4 )लाल यादव वार्ड क्रमांक 8 कोटा लक्ष्मीन यादव सल्का कोटा(5 )अजय गिर गोस्वामी उचेड़ नीमच बनासा अर्चना गोस्वामी बिल्ली बंद (6 )दर्शन सिंह सरखोर पेंड्रा भारती मरावी नागचुवा कोटा(7 )शिव कुमार धनुवारपारा बिल्ली बंद नर्मदा धनुवारपारा ग्राम पंचायत बिल्ली बंद पोड़ी(8 )सुक सेन विश्वकर्मा केंन्दा बेलगहना चांदनी नरवापारा बिल्ली बंद(9 )नारायण श्रीवास दैजा तखतपुर सुकरटीयाश्रीवास नंगचुई तखतपुर(10) श्यामलाल साहू रहंगी लोरमी चंद्रिका साहू सरईपतेरा लोरमी(11 )शिवा साहू वार्ड क्रमांक 5 फिरंगीपारा यशोदा साहू सरईपतेरा लोरमी।
उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में समाजसेवी विष्णु अग्रवाल अरुण त्रिवेदी ,प्रदीप कौशिक अनिल अग्रवाल, बदरुद्दीन खत्री, प्रमोद अग्रवाल ,सुलेश पांडे ,दीपक गुप्ता प्रेमचंद जैन, गायत्री साहू, दुर्गेश साहू, एमएल साहू, मनोज अग्रवाल, नीलकमल मिश्रा,अंजना चौकसे ,अमरनाथ अग्रवाल रंजीत सिंह पवार, योगेश अग्रवाल, राम सोनी ,अमन अग्रहरि, एवं समस्त नगर कोटा नगर वासी उपस्थित थे उक्त कार्यक्रम में शिकरत करने पहुंचे पूर्व भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव योगेश अग्रवाल रायपुर राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष ने भी सर्व समाज वैवाहिक वर वधू सभी जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं कोटा पहुंच कर दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 9 फरवरी। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक करगीरोड कोटा में कई दिनों से बैंक से पैसे नहीं मिलने की वजह से किसान परेशान हैं। रोज-रोज के चक्कर काटकर आज त्रस्त हो गए और विरोध-प्रदर्शन करते हुए बैंक के सामने ही धरना देते हुए चक्काजाम कर दिया।
किसान अपना धान मंडी में बेचकर रुपए लेने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोटा में जा रहे हैं, लेकिन बैंक में रुपए नहीं मिलने से किसान बैरंग वापस लौट रहे हैं, जिससे परेशान किसानों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते एक किसान की मौत भी हो गई थी इसी बैंक मैं पैसे लेने आया था। बैंक में किसानों के बैठने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है एवं पानी पीने के लिए भी किसान तरसते हैं।
धान किसान का पैसा किसान का और कमीशन मांगते हंै कर्मचारी
किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि रसूखदार और धान समिति के प्रबंधक यहां असानी से अपना काम करके चले जाते हंै और गरीब किसान परेशान होते रहता है और नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पांच सौ से हजार रूपये कमीशन देने वालों को तुरंत और जितना पैसा चाहिए मिल जाता है।
जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक करगीरोड कोटा के प्रभारी मैनेजर आर एस चौहान का कहना था कि मैं बिलासपुर पैसे के लिए हेड ऑफिस आया हूं, जल्द ही किसानों की समस्या दूर की जाएगी।
12 फरवरी तक खिलाड़ी दिखाएंगे जौहर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 फरवरी। डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय में वार्षिक खेलकूद उत्सव का रंगारंग उद्घाटन हुआ। यह खेल उत्सव 12 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान क्रिकेट, कबड्डी, वॉलीबॉल, खो खो, बैडमिंटन, लंबी कूद, ऊंची कूद, भाला फेंक, तवा फेक, सहित एथलेटिक के सभी गेम होंगे। सभी संकायों के खिलाड़ी इसमें उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने इस अवसर पर कहा कि आज युवाओं के सामने पढ़ाई के साथ-साथ खेल करियर के रूप में सबसे बड़ा अवसर है। यदि कोई विद्यार्थी अपने जीवन में खेल को करियर के रूप में चुनता है, तो उसकी ख्याति प्रदेश और देश तक ही नहीं विश्व में हो सकती है। इसकी तैयारी स्कूल और कॉलेज से हो जानी चाहिए। उन्होंने सभी टीम और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय में खेल सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। आधुनिकतम सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप यहां तैयार की गई हैं। इसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि जो भी काम करें वह दिल से करें , चाहे वह खेल हो, पढ़ाई हो, जॉब हो या सामाजिक सरोकार की दिशा में कोई कार्य हो।
शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करता रहा है। खेलो इंडिया खेलो सहित हमारे विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योग में प्रतिनिधित्व किया है।
कार्यक्रम में समकुलपति डॉ. जयंती चटर्जी, डीन अकादमिक डॉ अरविंद तिवारी इंजीनियरिंग के प्राचार्य मनोज कुमार तिवारी सहित शारीरिक शिक्षा विभाग से डॉ जय शंकर यादव , डॉक्टर बी जॉन, डॉ गणेश खांडेकर, डॉ ब्रह्मऐस श्रीवास्तव, मनीष मुखर्जी, प्रतीक सिंह, रोहित रजक, तारिणी वर्मा सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी, विद्यार्थी, प्राध्यापक एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
परिवहन व भंडारण के नियमों की जानकारी देने कार्यशाला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 फरवरी। मंथन सभाकक्ष में पर्यावरण स्वीकृति, खान सुरक्षा के प्रावधानों का पालन तथा खनिज के परिवहन के सम्बन्ध में दो दिवसीय कार्यशाला रखी गई। समापन दिवस पर कार्यशाला में आरपी वासुदेव, वैज्ञानिक, पर्यावरण संरक्षण मण्डल बिलासपुर ने वाशरी मे कोयला लोडिंग या अनलोडिंग तथा कोयला की धुलाई के समय पानी छिडक़ाव की व्यवस्था आवश्यक रूप से करने कहा। जिन कोयला अनुज्ञप्ति धारियों का काम बड़ा है या जो वाशरी संचालक भी हैं उन्हें वाहन प्रवेश मार्ग मे ही एक गढ्ढा नुमा संरचना बना कर उसमे पानी भर कर रखना चाहिए जिससे कोयला परिवहन कर रहे वाहनों के टायर मे चिपका कोयला पानी से रुक जाए। परिवहन करने के पहले कोयला को पूरी तरह से ढक कर परिवहन करने कहा गया। ग्रीन नेट से नहीं बल्कि तिरपाल ढक कर ही परिवहन किया जाना आवश्यक है। भण्डारण क्षेत्र में पानी छिडक़ाव की व्यवस्था की जाए।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खनिज ओवरलोड करके परिवहन करने से खनिज मार्ग में गिरता है। तिरपाल नहीं ढकने से डस्ट उड़ता भी है, इसलिए ओवरलोड ना करें। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर खनिज वाहन काफी पुराने होते हैं। उनका फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया जाता। ये ज्यादा धुंआ छोड़ते हैं। खनिज परिवहन मे लगे सभी वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट अवश्य प्राप्त करें। वाहनों मे टेल लाइट और रिफ्लेक्टर अवश्य लगाएं तथा उन्हें साफ रखें जिससे दुर्घटनाएं न हों।
उप संचालक खनिज दिनेश मिश्रा ने सभी कोयला भण्डारण अनुज्ञप्तिधारियों को अपने अनुज्ञप्ति क्षेत्र के बाहर अनुज्ञप्तिधारी का नाम, स्वीकृत अनुज्ञप्ति की अवधि, अनुज्ञप्ति क्षेत्र का रकबा, खनिज की मात्रा सम्बन्धी बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने कहा। इससे उनकी वैधता की जानकारी सभी को हो सकेगी। उप संचालक खनिज ने भंडारण क्षेत्र की बाउंड्री ऊंची रखने, तौल कांटा तथा कंप्यूटर सिस्टम रखने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आग से सुरक्षा तथा मेडिकल किट रखना भी अनिवार्य है।
इस कार्यशाला उपस्थित सभी खनिज पट्टाधारियों तथा कोयला भंडारण अनुज्ञप्तिधारकों ने कलेक्टर को कार्यशाला के लिए धन्यवाद दिया।
एमपी में हुए भीषण हादसे के बाद कलेक्टर का निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 फरवरी। मध्यप्रदेश के हरदा जिले की एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण अग्निकांड के बाद छत्तीसगढ़ में सतर्कता बरती जा रही है। कलेक्टर के निर्देश पर जिले की तमाम पटाखा दुकानों और गोदामों की जांच हो रही है। एसडीएम के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम जांच कर तीन दिवस के भीतर प्रतिवेदन देगी। यह टीम विस्फोटक द्वारा किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना एवं जान-माल की हानि को रोकने के लिए जिले में संचालित पटाखा विनिर्माण, स्थायी पटाखा दुकान, गोदाम स्थल में आतिशबाजी, बारूद के भंडारण एवं विक्रय पर निगरानी रखेगी। टीम को आपसी समन्वय से जांच के लिए निर्धारित स्थायी पटाखा दुकान और स्थल की संपूर्ण जांच करनी होगी।
जारी आदेश में आतिशबाजी दुकान और गोदाम के लिए जांच के बिन्दु निर्धारित किए गए हैं। आतिशबाजी को केवल ऐसे स्थानों पर भंडारित किया गया है कि नहीं जो अनुज्ञप्तिधारी के अनुज्ञप्ति से संबंध रेखांक में दर्शित है। आतिशबाजी की दुकान, गोदाम, भवन, आवासीय अथवा रिहायशी क्षेत्र में होने से किसी प्रकार का खतरा होने का आंकलन। आपातकालीन स्थिति में आतिशबाजी दुकान गोदाम भवन में फायर बिग्रेड के सुलभ आवागमन की स्थिति। आतिशबाजी की दुकान, गोदाम अथवा भवन के अंदर सीमा से अधिक मात्रा में पटाखों का भण्डारण तो नहीं है। इसके अलावा अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय। दुकान, गोदाम, भवन के अंदर अन्य आतिशबाजी के साथ माचिस, पेपर कप्स या ऐसी अन्य सामग्री जिसमें क्लोरेट मिश्रण का भण्डारण नहीं होना चाहिए। दुकान के अंदर आतिशबाजी को उसके मूल पैकिंग को खोलकर लूज अवस्था में नहीं रखा जाना चाहिए। दुकान, गोदाम के अंदर एवं बाहर किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री जैसे आतिशबाजी की खुली पेटी, डिब्बे, पॉलिथीन आदि का जमाव एवं भण्डारण नहीं होना चाहिए। दुकान, गोदाम के अंदर बल्ब, ट्यूबलाइट आदि को दीवार पर ठीक प्रकार से फिक्स करवाएं। बल्ब आदि को दुकान के अंदर लटकाकर नहीं रखे होने चाहिए। दुकान के भीतर खुली बिजली के तार आदि नहीं लगे होने चाहिए या भी जांच किया जाएगा कि एमसीबी लगा है अथवा नहीं।
जारी आदेश में जांच के बिंदुओं में यह भी निर्धारित दुकान, गोदाम, भवन में लगे शटर को खोलने के पश्चात उसमें स्टॉकर अवश्य लगे होने चाहिए। दुकान में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या, कर्मचारियों को आतिशबाजी को उठाने एवं पैक करने के समय किए जाने वाले आवश्यक सुरक्षा उपायों से पूर्णत: अवगत होना चाहिए। लाइसेंसधारी और उसके कर्मचारी आपातकाल के दौरान परिसर के भीतर ली जाने वाली प्रक्रिया से अवगत हो। किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना होने की स्थिति में अग्निशमन यंत्रों का कैसे प्रयोग करना है, इससे प्रशिक्षित हो। विस्फोटक नियम 2008 में जारी अनुज्ञप्ति की शर्तों एवं अन्य विस्फोटक नियमों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं। क्रय-विक्रय का लेखा जोखा अनुज्ञप्ति की शर्त 11 के अनुसार रखा गया है अथवा नहीं। जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि विनिर्माण अनुज्ञप्त परिसर पर किसी एक समय में रखी जाने वाली बारूद की अधिकतम मात्रा 15 किलोग्राम से अधिक न हो। इसके अलावा अन्य कोई बिंदु हो तो उसकी भी जांच की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 फरवरी। निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। बुधवार को जस्टिस एनके व्यास की बेंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
ज्ञात हो कि कोयला लेवी मामले में रानू साहू को प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पिछले साल जुलाई महीने में गिरफ्तार किया था। इसके पहले रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान ईडी ने उनके सरकारी और निजी निवास के अलावा कार्यालय में भी छापेमारी की थी। कोयला लेवी वसूली का मामला उनके कोरबा में कलेक्टर रहने के दौरान का बताया गया है। यह घोटाला करीब 550 करोड रुपए का है, जिसमें आईएएस समीर विश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया, खनिज विभाग के संयुक्त संचालक एस एस नाग, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य लोग गिरफ्तार किए गए थे, जो अभी भी जेल में हैं।
मानव श्रृंखला आंदोलन यथावत रहेगा संघर्ष समिति का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 फरवरी। एलायंस एयर ने 29 फरवरी के बाद मार्च महीने में भी हवाई सेवा जारी रखने की घोषणा तो कर दी है लेकिन यह सिर्फ पांच दिनों के लिए है। इसके अलावा उसकी घोषणा में जबलपुर व प्रयागराज की फ्लाइट के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है।
ज्ञात हो कि एलायंस एयर का तीन साल का सब्सिडी अनुबंध फरवरी माह में समाप्त हो रहा है। इसके बाद आगे यहां से फ्लाइट चलेंगी या नहीं इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है। वर्तमान में दिल्ली के लिए सातों दिन फ्लाइट उपलब्ध है। सप्ताह में यह चार दिन जबलपुर होते हुए तथा तीन दिन प्रयागराज होते हुए जाती है। नागरिकों व जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार स्थिति स्पष्ट करने की मांग करने पर एलायंस एयर ने घोषणा की है कि मार्च माह में दिल्ली के लिए हवाई सेवा जारी रहेगी। मगर यह बुकिंग मार्च माह में सीधे दिल्ली के लिए सिर्फ पांच तारीखों के लिए एक मार्च, 4 मार्च, 11, 13 और 29 मार्च को ली जा रही है। दिल्ली के लिए नियमित सेवा बंद की जा रही है। साथ ही प्रयागराज और जबलपुर की फ्लाइट सर्विस का भी पता नहीं है। उनकी भी मार्च माह के लिए बुकिंग बंद हो गई है।
हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने कहा कि हवाई सेवा पूर्ववत पूरी तरह बहाल नहीं होने के कारण 10 फरवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला आंदोलन को यथावत रखा गया है। 10 फरवरी को दोपहर 12 बजे देवकी नंदन चौक से रामसेतु होते हुए अरपा पार तक मानव श्रृंखला बनाई जायेगी। समिति ने इसकी सफलता के लिए जनसंपर्क अभियान प्रारंभ कर दिया है। अब तक जिला अधिवक्ता संघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जिला एनएसयूआई, आदर्श युवा मंच, जिला ताइक्वांडो संघ और रेल्वे क्षेत्र के युवा समर्थन दे चुके हैं।
अन्य संगठनों का भी समर्थन लगातार मिल रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 फरवरी। निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। बुधवार को जस्टिस एनके व्यास की बेंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
ज्ञात हो कि कोयला लेवी मामले में रानू साहू को प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पिछले साल जुलाई महीने में गिरफ्तार किया था। इसके पहले रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान ईडी ने उनके सरकारी और निजी निवास के अलावा कार्यालय में भी छापेमारी की थी। कोयला लेवी वसूली का मामला उनके कोरबा में कलेक्टर रहने के दौरान का बताया गया है। यह घोटाला करीब 550 करोड रुपए का है, जिसमें आईएएस समीर विश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया, खनिज विभाग के संयुक्त संचालक एस एस नाग, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य लोग गिरफ्तार किए गए थे, जो अभी भी जेल में हैं।
निगम कमिश्नर के निर्देश पर शहर में लगातार जारी है कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 फरवरी। हाईकोर्ट रोड में दुकानों के बाहर सडक़ पर बोर्ड और अन्य सामान रखकर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा था, जिसे नगर निगम ने हटा दिया। इसके अलावा पूरे मार्ग के डिवाइडर में लगे पोल में लगाए गए अवैध बैनर पोस्टर को भी निगम की टीम ने हटाया।
दुकान के बाहर सडक़ पर बोर्ड और सामानों को रखकर व्यापारी अतिक्रमण करते हैं, जिससे यातायात बाधित होने के साथ ही दुर्घटनाएं भी घटती है। इसी तरह सडक़ के डिवाइडर में लगे पोल में अवैध रूप से बैनर पोस्टर लगाया गया था। निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर नगर निगम के अतिक्रमण विभाग ने तिफरा से लेकर हाईकोर्ट भवन तक लगे अवैध बैनर पोस्टर और बोर्ड को हटाया। अतिक्रमण और शहर में अवैध रूप से लगाए गए बैनर पोस्टर के खिलाफ कार्रवाई करने निगम कमिश्नर ने निर्देश दिए है। यह कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी।