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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने के लिए कुलेश्वर मंदिर के समीप विशाल सांस्कृतिक मंच बनाया गया है, जिसमें 24 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक रामायण, पंड़वानी, फाग गीत, राउत नाचा, पंथी के साथ साथ छत्तीसगढ़ के विभिन्न कलाओं की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा इस मंच से दिया जा रहा है।
कार्यक्रम देखने बड़ी संख्या में दर्शक सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेते पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला के 11वें दिन पोंड़ के विजय वर्मा और उनके टीम द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। जिसमें फूल झरें हंासी मोती बोले बोली बैना तोर.... गीतो पर नृत्य प्रस्तुति ने जबरदस्त माहौल बना दिया। राजिम से पहुंची गीता गोस्वामी ने भजन संध्या प्रस्तुति दी। जिसमें मेरे राम आएगें ऐसे अनेक गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों के मन को जीत लिया और दर्शको ने खूब तालिया बजाई। घुटकू नवापारा के द्रौपती नेताम ने मंच पर रामायण की प्रस्तुति दी, जिसमें केंवट के द्वारा राम भगवान सहित माता सीता और लक्ष्मण को नदी के उस पार ले जाने कथा बताई गई। परसवानी के भुनेश्वरी ठाकुर ने सुगम संगीत के माध्यम से दर्शको को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हुए। सिंधौरी के हेमंत यादव ने परंपारिक वेशभूषा में और अपने हाथ में विभिन्न तरीकों से सजाए गए ड़ंड़े लेकर आएं और दोहे कह कर नाचने लगे। तौरेंगा के दौलत यादव और बुधारू ने नाचा पार्टी के माध्यम से विभिन्न संदेशो को दर्शकों तक पहुंचाया। सीता वर्मा ने इस मंच पर मानस भजन की प्रस्तुति दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 3 मार्च को संत समागम का उद्घाटन हुआ है। 3 मार्च से 8 मार्च तक चलने वाले संत समागम में देशभर से महामंडलेश्वर, महंत सहित बड़ी संख्या में साधु-संत का आगमन हुआ है।
आयोजन का मोर्चा संभाले धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माताश्री का अचानक देहावसन हो जाने के चलते मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शोक के कारण राजिम मेला में नहीं आ पाये। इस आपातकालीन विषम परिस्थिति के बावजूद मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बीच-बीच में राजिम कुंभ मेले में आकर स्थिति का जायजा लेते है। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि उनका शरीर भले ही इस मेले में नहीं था लेकिन आत्मिक रूप से वे हमेशा मेले से जुड़े थे। इन तमाम स्थिति परिस्थिति के बावजूद बृजमोहन अग्रवाल लगातार मेले में आकर व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहें अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को उचित दिशा-निर्देश देते रहें।
संत समागम उद्घाटन के बाद धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल संत, महंत एवं महामंडलेश्वरों की कुटिया में जाकर उनसे भेंट कर आशीर्वाद लिया और राजिम कुंभ कल्प 2024 के आयोजन पर उनके विचारों से अवगत हुए। बाल योगेश्वर रामबालक दास महाराज, दण्डी स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज, ब्रह्म कुमार नारायण भाई जी, पुष्पा बहन जी, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज के साथ ही प्रत्येक कुटिया और डोम में पहुंचकर वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रामोत्सव थीम पर आयोजित राजिम कुंभ को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए संत समागम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमेशा छत्तीसगढ़ की इस धरा में सुख-समृद्धि बढ़ती रहे और आप सभी संत अपना आशीर्वाद देने हर वर्ष यहाँ आए यही मेरी हार्दिक इच्छा है बिना संत के राजिम कुंभ अधूरा है।
कहते है कि राजनीति का अस्तित्व धर्म के बिना अधूरा है। धर्म ने हमेशा अपने आध्यामिक दर्शन से राजनीति का मार्ग प्रशस्त किया है। राजिम की त्रिवेणी संगम में धर्म और राजनीति का एक साथ कदम ताल हजारों लोगों ने देखा। जब राजनीति के प्रतिक बृजमोहन अग्रवाल और धर्म के प्रतिक साधु-संत एक साथ कुलेश्वर नाथ मंदिर, संत समागम स्थल पर कदम ताल करते हुए आगे बढ़ रहे थे। राजनीति को मिले धर्म के इस सानिध्य के कारण कुंभ अपनी संपूर्ण भव्यता के साथ ख्यातिपूर्ण सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।
राजिम कुंभ की साकारता बृजमोहन अग्रवाल के संकल्पित अथक प्रयास का परिणाम है जो राजिम की संगम तट पर परिलक्षित हो रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी कुशल कौशल का परिचय देते हुए ये साबित कर दिया है कि आज भी प्राचीन परंपरा के अनुसार उनकी राजनीति धर्म के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश के साथ निरंतर आगे बढ़ रहे है। यही है बृजमोहन अग्रवाल के राजनीतिक व्यक्तित्व का परिचायक। राजिम कुंभ की शुरूआत बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी सरकार के सहयोग से आज से वर्षों पहले कर दी थी, लेकिन पिछले पांच वर्षा के अंतराल के बाद धुमिल हुआ, जिसे श्री अग्रवाल ने कुंभ की भव्यता को ग्रहण से निकालकर पुन: उदितमान किया। जिससे धर्म आस्था और श्रद्धा के उज्जवल प्रकाश में ज्ञान की संगम में कुंभ के पर्व स्नान का स्वभाव पुन: छत्तीसगढ़ की जनमानस को मिला जिसके प्रति समस्त जनमानस कृतज्ञता पूर्ण भाव से बृजमोहन अग्रवाल के प्रति साधुवाद सहित आभार व्यक्त करते है।
इस कुंभ से निकलने वाली उर्जावान किरणे जब जनमानस के आशीर्वाद के साथ एक नये दिव्य उर्जा में परिवर्तित होकर अपनी संपूर्ण शक्ति का संचार बृजमोहन अग्रवाल के संकल्प में संचालित होती है, तब कुंभ जैसे महान आयोजनो का आकार साकार लेकर अपनी पूर्णता को प्राप्त करता है। आज उम्र के इस पड़ाव में बृजमोहन अग्रवाल जिस अदृश्य गतिज उर्जा के साथ काम करते है वो क्षेत्र की जनता और उनकी आत्मीय जनों का प्यार तथा संतो का आशीर्वाद तथा ईश्वर की अनुकम्पा से संभव है।
जिस आत्मीयता और सादगी के साथ बृजमोहन अग्रवाल एक-एक संतो से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछकर व्यवस्थाओ के जानकारी के साथ शिष्टाचार आत्मसम्मान से राजिम में पहुंचने वाले समस्त संत महात्मा ही नहीं अपितु आने वाले कलाकार और श्रद्धालु जनों से ले रहे है उनकी इस शिष्टता के प्रति आने वाले लोग भी कृतज्ञ भाव से उनके सम्मान में झुक जाते है। यह बृजमोहन अग्रवाल को अपनी माता से मिले संस्कार की पणिनिती है जिसके कारण आज बृजमोहन अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के लोकप्रियता के शिखर में है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला राजिम भक्तिन मंदिर समिति द्वारा भोग भंडारा का आयोजन किया गया है।
जिसमें 11वें दिन भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री रूपनारायण सिंह, प्रदेश साहू संघ के उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, शारदा साहू जिला साहू संघ धमतरी के उपाध्यक्ष केकती साहू, परिक्षेत्र अध्यक्ष गिरधार साहू, किसान नेता संजीव चंद्राकर, पार्षद ओमप्रकाश आडिल, विकास तिवारी, मनोज कुमार साहू, श्याम सुंदर साहू आदि शामिल हुए। भंडारा की शुरूआत अतिथियों द्वारा राजिम भक्तिन माता के प्रतिमा की पूजा अर्चना कर किया गया।
भोग भंडारा में श्रद्धालुओं को चावल, सब्जी में सोया बड़ी, आलू, कढ़ी, लाल भाजी के साथ में आचार परोसा गया। परोसगारी में समिति के अध्यक्ष लाला साहू, महामंत्री रामकुमार साहू, लोकनाथ साहू, कोषाध्यक्ष भोला साहू, संगठन मंत्री डॉ ओंकार साहू, राजू साहू, नगर अध्यक्ष भवानी शंकर साहू सहित समाज के लोगों ने सहयोग दिया।
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राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भंडारे की व्यवस्था की गई है। राइस मिल एसोसिएशन द्वारा नेहरू घाट से श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले मार्ग में विशाल पंडाल लगाया गया है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रसादी दिया जा रहा है।
भंडारे के प्रबंधन व्यवस्था में पीबीएस ऑयल प्लांट धमतरी, सीता ऑयल प्लांट दुर्ग, रामदेव ऑयल प्राइवेट लिमिटेड ब्रम्हबपुरी (महाराष्ट्र), प्रहलाद अग्रवाल, स्व. दीपा धामेजानी की स्मृति में संदीप धामेजनी, फूलचंद अग्रवाल की स्मृति में मनमोहन अग्रवाल, प्रतीक पूजा अग्रवाल एवं श्री दिगंबर जैन समाज, श्री श्वेताम्बर जैन समाज, स्व. ओम प्रकाश खेमका, स्व. प्रभादेवी खेमका जूनागढ़ सहित अन्य समाजों एवं सामाजिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है।
राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरधारी अग्रवाल ने बताया की भंडारे में एसोसिएशन के सदस्यों का लगातार सहयोग मिल रहा है। भंडारे में प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बना कर आए हुए श्रद्धालुओं को बैठा कर भोजन कराया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि भण्डारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भोजन ग्रहण कर रहे हैं। भोजन में पूरी शुद्धता, स्वच्छता तथा पवित्रता का ख्याल रखा जा रहा है। पूरे समय प्रसादी वितरण में विजय गोयल, मनमोहन अग्रवाल, मोहन अग्रवाल, निर्मल जैन, ललित पांडे, प्रणय अग्रवाल, प्रतीक अग्रवाल, नयन अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, राजू सुंदरानी, भगवान दास सुंदरानी, संदीप गोयल, यश अग्रवाल, अक्षत अग्रवाल, सतीश बोथरा, प्रतीक भंसाली, डॉ. दिलीप शाह, अजीत सुंदरानी, अनिल सुंदरानी, अनिल, आलोक, कमलेश बच्छावत, राजा झाबक एवं अन्य सामाजिक लोगों तथा स्वयं सेवकों का सहयोग मिल रहा है।
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राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने वाले साधु-संतों एवं लोगों के लिए स्वास्थ्य कैंप लगाकार निशुल्क रक्त जांच किया जा रहा है। भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के समीप लगे इस शिविर में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का स्वास्थ्य की जांच भी किया जा रहा है। राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त समाजसेवी डॉ.प्रियंका बिस्सा ब्यास एवं नेहरू युवा केन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मगरलोड एवं छत्तीसगढ़ नर्सिंग कॉलेज रायपुर के सहयोग से शिक्षा एवं जागरूकता अभियान के तहत इस शिविर का शुभारंभ 3 मार्च को किया गया, जो 8 मार्च महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।
आयोजिका डॉ. बिस्सा ने बताया कि रक्तवीर मुहिम हमारी चिकित्सा टीम द्वारा चलाई जा रही है। मेले में पहुंचे सभी साधु-संतों, महंतों और महामण्डलेश्वरों के साथ ही मेला घूमने आए अन्य श्रद्धालुओं के लिए यह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है। अभी तक कुल सात हजार से अधिक लोगों का रक्त जांच किया गया है। जिसमें ब्लड ग्रुप, सिकल सेल रोग, हीमोग्लोबीन, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, एचआईवी की जांच की जा रही है।
डॉ. प्रियंका ने बताया कि जांच के दौरान कई लोगों में शुगर, बीपी और अन्य बीमारियां पाई गई। जिसकी वजह से उनकी शरीर पर दबाव पड़ रहे है और उन्हें कमजोरी थकान महसूस हो रही है। जांच कराने पहुंचे साधु-संतो ने बताया कि आज तक वे किसी भी प्रकार की डॉक्टरी जांच नहीं करवाये है। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी देने के लिए और विभिन्न रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए यह आयोजन किया गया है, जो बहुत ही सराहनीय पहल है। रक्त जांच के बाद तुरंत उन्हें आवश्यक दवाई दी जा रही है। डॉ. प्रियंका ने बताया कि 2018 मेंं 11 हजार मरीजो के नि:शुल्क रक्त जांच किये थे। इस बार 15 हजार का टारगेट लेकर वर्ड रिकार्ड बनाने की योजना है। शिविर में जांच करवाने के लिए असीमित भीड़ थी, जिनके लिए यह पंडाल छोटा पड़ रहा था। इस अभियान में डॉक्टरों की टीम लगी हुई है। शिविर में डॉ. योगेन्द्र डहरिया, नोगेन्द्र साहू, डॉ.वेदना नेताम, डॉ.विभा नियमित रूप से सेवा में लगे हुए है।
इसके साथ ही लगभग 150 स्वयंसेवक कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रही है। राजिम कुंभ में आने वाले दर्शनार्थियों को भी इस स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता अभियान का लाभ मिल रहा है। इस सराहनीय कदम के लिए सभी स्वास्थ्य टीम की प्रशंसा कर रहे है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में संत समागम परिसर में सहज योग के अभ्यास की प्रदर्शनी लगी है जहां तनाव शारीरिक, मानसिक भावनात्मक व्याधियो की मुक्ति के लिए एवं पारिवारिक जीवन में सुख शांति एवं सामंजस्य स्थापित करने के लिए सहजयोग करने के लिए प्रेरित कियाा जा रहा है।
बताया गया कि सहजयोग करने के लिए कुछ भी छोडऩे की आवश्यकता नहीं है। आत्म साक्षात्कार द्वारा ही हम जीवन की विविध चुनौतियों को पार कर सकते है। इसके लिए ध्यान करना अति आवश्यक है। बताया गया कि माताजी श्री निर्मलादेवी की मानवता को एक महान देन हैं। सहजयोग यह आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल एवं सहज ध्यान-पद्धति है। यह परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति से जुडऩे का एकमात्र सरल एवं सिध्द मार्ग है। अधिकतर लोग जानते हैं कि परमात्मा का निवास हमारे अंदर है, परन्तु बहुत कम लोगों ने इसका अनुभव किया है। परमात्मा की सर्वव्यापक शक्ति का प्रतिबिम्ब कुण्डलिनी के रूप में हर व्यक्ति के मेरूदंड (रीढ़ की हड्डी) के निचले छोर पर स्थित पवित्र त्रिकोणाकार अस्थि में सुप्तावस्था में विद्यमान है, इस ईश्वरीय शक्ति के जागृत होने पर मानव को सुंदर एवं सृजनात्मक व्यक्तित्व, उत्तम स्वास्थ, तथा परमात्मा द्वारा पथ-प्रर्दशन प्राप्त हो जाता है, और परिणामत: मानव तनाव रहित जीवन, नि:स्वार्थ प्रेम एवं आनंद की स्थिति में आ जाता है। सहजयोग से हम स्वयं के आंतरिक तंत्र को जान सकते है और आंतरिक तंत्र को समझकर सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है। सर्वागीण विकास एवं संतुलित जीवनयापन भ्रष्टाचार, दुराचार एवं अनैतिकता रहित समाज के निर्माण के लिये आध्यात्मिक जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सहज योग आज के आधुनिक जीवन सैली में बहुत आवश्यक है। इससे तनाव रहित जीवन तथा तनाव से उत्पन्न होने वाले रागों से मुक्ति मिलती है।
दव्र्यसनों से स्वत: छुटकारा आनंदमय, शांतिपूर्ण जीवन की प्राप्ति चित्ता की एकाग्रता, स्मरणशक्ति की प्रबलता, सृजन शक्ति का विकास आत्मविश्वास में वृध्दि एवं स्व-निर्णय लेने की क्षमता का विकास सर्वसामान्य गृहस्थ जीवन बिताते हुये गहन आध्यात्मिक अवस्था की प्राप्ति होती है। हम आप सभी को इस अद्वितीय ध्यान-योग पध्दति को पाने एवं अनुभव करने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। छत्तीसगढ़ में सहजयोग ध्यान के केन्द्र रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, धमतरी, जगदलपुर, राजिम और भी अन्य स्थान पर है। राजिम कुंभ में 8 मार्च महाशिवरात्रि तक सहजयोग केंद्र में आकर इसका लाभ मेलार्थी ले सकते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 11वें दिन छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध ढोला मारू के गायिका रजनी रजक ने राजा ढोला मारू की प्रेमकथा को संगीत के माध्यम से प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाह वाही लूटी। इसके साथ ही उनकी टीम द्वारा छत्तीसगढ़ी और जसगीत की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नौ महिना ले कोख म रखथे..... दुनिया के देवता देवत हो नेवता..... जैसे गीत शामिल है।
मंच पर बसंत वीर उपाध्याय के टीम ने केवट के राम की मंच पर संगीत व गीत के माध्यम से केवट और राम के संवादों को बताया। साथ ही इस संवाद के माध्यम से ये भी बता दिया कि राम ने केवल उसी केवट को क्यों बुलवाया इस रहस्य को विशाल सांस्कृतिक मंच में राम भक्त दर्शकों को रहस्य जानने का मौका मिला। राजनांदगाव के संतोषी नेताम महतारी लोकमंच ने अपनी पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से की। इसके बाद मैइया फूल गजरा...... गीत ने सभी दर्शको को जगतजननी की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बाध्य कर दिया। जगतजननी के स्मरण के बाद जवांरा गीत की प्रस्तुति देकर भक्तिमय माहौल बना दिया। छत्तीसगढ़ महतारी टाइटल गीत के साथ बारहमासी गीतों की जबरदस्त प्रस्तुति दी। जिसमें छत्तीसगढ़ में बारह महीनों में पढऩे वाले त्यौहारो को एक-एक करके दर्शाया गया। रायपुर के प्रसिद्ध लोक संध्या विवेक शर्मा ने भी अपने अंदाज में उनका सबसे अधिक प्रसिद्ध गीत मोला बेटा कहिके बुला न...... महाकाल का दिवाना....... मन के मनमोहनी....... मतौना जैसे गीतो ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कलाकारों का सम्मान विधायक रोहित साहू सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों सहित विशिष्ट जनों ने गुलदस्ते और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने की सराहना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के संत समागम उद्घाटन अवसर पर बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचे। इस अवसर पर डॉ.प्रियंका बिस्सा व्यास की टीम नेहरू युवा केंद्र द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड एवं के.बी.टी. के सहयोगी युवा साथियों द्वारा वृहद स्तर पर नि:शुल्क रक्त प्रशिक्षण शिविर रक्तवीर स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
विराट संत समागम के उद्घाटन में अनंत विभूषित ज्योतिष मठ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज एवं अनंत श्री विभूषित ज्योतिष मठ बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने टीम प्रियंका बिस्सा के रक्तवीर अभियान की सराहना करते हुए उनका सम्मान किया।
डॉ. प्रियंका बिस्सा ने बताया कि देश के 69.6 प्रतिशत लोगों को ब्लड गु्रप, हीमोग्लोबिन, सिकलिंग, एचआईवी व अन्य बीमारियों की जानकारी नहीं है। इस रक्तवीर अभियान के तहत नि:शुल्क रक्त जांच कर ब्लड टेस्ट कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा व अन्य जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके पूर्व 2018 में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सहयोग से यह अभियान भारत का पहला ब्लड टेस्ट कार्ड बना, जिसमें 11,551 लोगों की रक्त जांच कर उन्हें कार्ड उपलब्ध कराया गया। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा हुई। राजिम कुम्भ कल्प मेला 2024 में इस रक्तवीर अभियान को विश्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का भी प्रयास हो रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प के विराट संत समागम अवसर पर जोधपुर से पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गाय माता सनातन धर्म की धुरी है। कोई भी शुभ कार्य गाय के बिना नहीं होता। ये बात सद्ग्रंथ वेद, पुराण, उपनिषद ने डंका बजाकर कहा। उन्होंने कहा कि गाय पूरे विश्व की मां है और पूजनीय है। प्राणी मात्र के लिए जैसे राम मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है, वो भगवान है। ठीक वैसे ही गाय प्राणी मात्र की मां है। गाय को पशु कहने वाले गाय की गरिमा को नहीं पहचाना इसलिए गाय को पशुओं के नाम पर कत्लखानों में कत्ल हो रहा है। हम सरकार से निवेदन करते है कि इसे गाय के नाम से ही पुकारा जाए। मवेशी या कैटल का शब्द का प्रयोग पूर्ण बंद हो। यह हमारी पहली मांग है। जिस प्रकार मोर और ऊंट को मारने पर सजा का प्रावधान है। हिरण को मारने पर जेल हो सकती है। उसी प्रकार गौ हत्या करने वालो पर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। गाय को राष्ट्रीय धरोहर का सम्मान दिलाया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में चक्र महामेरू पीठाधीश्वर सच्चिदानंद तीर्थ दंडी स्वामी की कुटिया में बुधवार 6 मार्च को सुबह 9 बजे मां सरस्वती यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के बच्चों सहित श्रद्धालु भाग लेंगे। दंडी स्वामी महाराज जी ने बताया कि इस पवित्र यज्ञ का उद्देश्य भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाना तथा समाज, परिवार व राष्ट्र के लिए एक आदर्श नागरिक का निर्माण करने के साथ-साथ धर्म, अध्यात्म व नैतिकता का विकास करना है उन्हें और उनके आत्म-सम्मान को विकसित करना। संस्कृति का परिचय कराना है। यज्ञ के माध्यम से बच्चों को अपने धर्म व संस्कृति का महत्व पता चलता है। स्वामी जी ने बताया कि यज्ञ की पूरी तैयारी कर ली गयी है। यज्ञ के बाद भाग लेने वाले सभी बच्चों को प्रसाद एवं प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के साथ-साथ इस साल का कुंभ रामोत्सव राजिम कुंभ के नाम से आयोजित करने की अनुमति दी है। साधु-संतों के आगमन और आशीर्वाद से कुंभ सफल होता है। मातृशोक के कारण मेरा शरीर मंच पर नहीं है, पर मेरी आत्मा एक महीने से यहीं है। पिछले 20 सालों में सबसे भव्य कुंभ इस बार हो रहा है। राजिम कुंभ तब तक पूरा नहीं होता जब तक साधु संत नहीं आते साधु संतों की अमृतवाणी से ही यह राजिम कुंभ कल्प सफल होता है। पूरे देश में चार कुंभ के होते हैं, ये चार कुंभ तो 12 साल में एक बार होते हैं, लेकिन राजिम कुम्भ कल्प पहला कुंभ है जो हर साल होता है।
सांसद श्री चुन्नीलाल साहू स्वागत ने भाषण देते हुए कहा कि राजिम केवल तीन नदियों का संगम नहीं है। तीन जिलों और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी संगम है। महामंडलेश्वर यतिन्द्रानंद गिरी जी महाराज ने कार्यक्रम में कहा कि पांच वर्ष बाद राजिम कुंभ भव्य और दिव्य स्वरूप में दिख रहा है। भारत सहित पूरी दुनिया में इस समय सनातन संस्कृति का पुर्नजागरण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत को विश्वगुरू बनाना है तो हम सब को एक होना होगा। राजीव लोचन महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म पर आघात होता है तब संतो और साधुओ पर प्रतिबंध लगाया जाता है। धर्म का स्तंभ हमें स्थापित करना होगा। जिस प्रकार से राम जन्मभूमि में राजा विक्रमादित्य का नाम जुड़ा है।
इसी प्रकार राजिम कुंभ से बृजमोहन अग्रवाल का नाम जुड़ा हुआ है। जब-जब कुंभ का नाम दिया जायेगा बृजमोहन को याद किया जायेगा। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन राजिम विधायक रोहित साहू ने किया। कार्यक्रम में विधायक इंद्र कुमार साहू, संपत अग्रवाल, पूर्व विधायक रूप कुमारी चौधरी, अमितेश शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा जितेन्द्र सोनकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और देशभर से आए साधु-संत तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
राजिम, 5 मार्च। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू के बड़े पिता रामदीन साहू (96) का सोमवार 4 मार्च को ग्राम टेका में निधन हो गया है। वे सेवानिवृत्त प्राचार्य हेमलाल साहू, त्रिभुवन लाल साहू, रामाधार साहू के पिताजी एवं पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, मोतीलाल साहू के बड़े पिताजी थे। उनके अंतिम संस्कार में जनप्रतिनिधि, सामाजिक जन सहित सैकड़ों ग्रामवासी शामिल हुए।
साहू समाज व कबीर पंथ ने निकाली शोभायात्रा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 4 मार्च को जानकी जयंती के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने पर्व स्नान का पुण्य लाभ लिया। इस पावन अवसर पर कबीर पंथ एवं साहू समाज राजिम द्वारा भव्य जुलूस निकाला गया। यह जुलूस महामाया मंदिर से निकलकर सुंदरलाल शर्मा चौक, वीआईपी रोड, श्रीराजीव लोचन मंदिर होते हुए संगम स्थित कुंड में समापन हुआ। जानकी जयंती के अवसर पर श्रध्दालुओं ने त्रिवेणी संगम में पर्व स्नान कर पुण्य लाभ उठाया।
सुबह स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अटल घाट, संगम घाट, स्वर्ण तीर्थ घाट, नेहरू घाट, स्नान कुण्ड घाट में उमड़ी, इस दौरान दीपदान भी किया।
महिलाएं सहित पुरूष व बच्चे स्नान उपरांत सूर्यदेव को अघ्र्य दिया तथा रेत से शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक किया। धतूरा केसरिया, शंकर, दूध, दही, सुगंधित तेल, सरसों तेल, गेंदा फूल चढ़ाकर शिवलिंग के अर्ध परिक्रमा किया। ऐसी मान्यता है कि जानकी जयंती के दिन जो भी विधि-विधान पूर्वक पूजन कर व्रत रखता है, उसें सोलह महादान, पृथ्वी दान व समस्त तीर्थ दर्शन का फल मिलता है। इस दिन सुहागिन व्रत रखकर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है।
उल्लेखनीय हैं कि प्रयाग भूमि राजिम में जानकी जयंती स्नान का विशेष महत्व हैं। लोककथा के अनुसार त्रेता युग में वनवास के दौरान राम लक्ष्मण सहित देवी सीता ब्रह्म ऋषि लोमश से मिलने नदी मार्ग से होते हुए आश्रम पहुंचे और चर्तुमास रूककर आसुरी शक्तियों का समूह नाश किया। इस दौरान नदी में स्नान कर देवी सीता ने रेत से शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक कर पूजन किया। तब से रेत से शिवलिंग बनाने की परम्परा चल पड़ी। माना जाता है कि इस तरह अनुष्ठान करने से हरि और हर सहित देवी सीता प्रसन्न होकर अबाध कृपा बरसाती है।
शोभायात्रा में प्रमुख रूप से कबीर आश्रम राजिम के प्रमुख मेघनाथ साहू, आचार्य श्रवण साहेब, महंत दाऊदास, नानकीदास, ऋषिराज, खगेशदास, नारायणदास, कमल यादव, लालाराम साहू, भोलाराम साहू भवानी शंकर, भोलाराम साहू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। शोभायात्रा का राजिम विधायक रोहित साहू ने नगर पंचायत राजिम के पास भव्य स्वागत सत्कार किया और पुष्प वर्षा कर संतजनो के आशीर्वाद लिए।
साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में हुई महाआरती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जानकी जयंती के अवसर पर राजिम कुंभ में पहुंचकर महानदी के तट पर महानदी आरती में शामिल हुए।
सीएम के साथ अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, सासंद चुन्नीलाल साहू, विधायक रोहित साहू, संपत अग्रवाल सहित अतिथिगणों शामिल हुए। जबलपुर से आयी साध्वी प्रज्ञा भारती के साथ ग्यारह पंडितों ने मंत्रोच्चारण कर महानदी की महाआरती कराई।
मुख्यमंत्री श्री साय सहित साधु संतों ने लयबद्ध अनुशासन के साथ पूरे विधि विधान से महानदी आरती की। इस अवसर पर महानदी का त्रिवेणी संगम भक्तिमय हो गया। महाआरती का एक साथ प्रज्जवलित होना शंख, कपूर, चवर, आचमन पूरे मेला परिसर आरती मंडप को भावविभोर कर दिया। महाआरती में शिव स्त्रोत के बाद सामूहिक महाआरती की गई। इस अवसर पर अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगणों के आरती से जय-जय श्री राम के जयकारे से आरती घाट गूंज उठा।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री साय एवं अन्य अतिथियों ने भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम समाप्ति के बाद भगवान श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर महादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने भगवान कुलेश्वर महादेव का विधि विधान से पूजा अर्चना कर शिवलिंग में पुष्प अर्पित कर प्रार्थना की। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, राजिम विधायक रोहित साहू सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद थे।
महतारी वंदन योजना की पहली किश्त 7 को
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में जानकी जयंती के अवसर पर मुख्यअतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। राजिम कुंभ की शुरूआत डॉ. रमन सिंह की मुख्यमंत्रित्व काल में हुई थी। पिछले पांच वर्षों की इसका स्वरूप कुछ बिगड़ गया था। इस वर्ष कुंभ का आयोजन 10 गुना भव्यता के साथ हो रहा है। राजिम कुंभ के फिर से भव्य आयोजन से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है और राजिम कुंभ का वैभव एक बार फिर लौटा है। उन्होंने कहा कि कुंभ में शामिल होने आए साधु-संतों के आशीर्वाद से राज्य में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी श्रद्धालुओं को राजिम कुंभ के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
सीएम श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने मोदी जी की गारंटी पर भरोसा किया हम उसे पूरा करने के लिए लगातार फैसले ले रहे हैं। किसानों को बहुत जल्द धान बिक्री की अंतर की राशि मिलेगी। महतारी वंदन योजना का लाभ मिलना शुरू होगा। पात्र विवाहित महिलाएं आगे भी फार्म भरकर महंतारी वंदन योजना का लाभ ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी के गारंटी के अनुरूप में अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन कराने के लिए हमनें श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ की है, जिसमें हर वर्ष हजारों लोगों को अयोध्या धाम का दर्शन कराया जाएगा। 5 मार्च को रायपुर से इस योजना की पहल ट्रेन अयोध्या के लिए रवाना होगी। कहा कि हमने कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाने का निर्णय लिया है। किसानों को दो वर्ष के बकाया धान बोनस के रूप में 3716 करोड़ रूपए की राशि उनके खाते में अंतरित कर दी गई है। 24 लाख 72 हजार किसानों को धान बिक्री की अंतर की राशि के रूप में 13 हजार करोड़ रूपए देंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ मेले की वेबसाइट लांच की और राजिम कुंभ पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में भगवान राजीव लोचन पर आधारित लाइट एंड साउंड शो का प्रदर्शन किया गया।
राजिम के कण-कण भगवान शिव बसा हुआ - प्रदीप मिश्रा
इस अवसर पर शिवमहापुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने उन्होंने जय जोहार, जय छत्तीसगढ़, छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राजिम के कण-कण में भगवान शिव बसा हुआ है। राजिम का यह कुंभ मीडिया के सहयोग से देश दुनिया में प्रतिष्ठित हो रहा है। पं. मिश्रा ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश के हर राज्य के लोग यहां कुंभ में स्नान करने आएंगे। माता जानकी द्वारा स्थापित शिवलिंग यहां कुलेश्वर महादेव के रूप में प्रतिष्ठित है। आज सोमवार है, अष्टमी का दिन है, ऐसे शुभ दिन में मुझे राजिम आने का मौका मिला है। महाराज जी ने कहा कि रामवनगमन क्षेत्र में राम से ज्यादा शिव के मंदिर है। यह पवित्र भूमि है प्रत्येक शिव हमें बताता है सारे समस्या का हल एक लोटा जल।
सरकार का संकल्प है कि अब प्रदेश में धर्मांतरण नहीं होगा। हमें भी धर्मांतरण को रोकने और सनातन को बचाने के लिए हर शिवालय और देवालय जाना है। हम प्रयास करें कि अगली बार जब कुंभ भरे तब हर कोई इस कुंभ में आये।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम कुंभ कल्प में कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास संत समागम के सामने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजती तथा पुनर्जीवित कर उसके संरक्षण के लिए संकल्पित सेल्फी जोन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग वर्ग के लोग भरपूर मनोरंजन करते नजर आ रहे है। साथ ही मेले में बिताए अपने हर पर को यादगार बनाने के लिए वहां के हर एक सामग्री के साथ सेल्फी लेकर उसे अपने कैमरे में कैद कर रहें है। सेल्फी जोन ग्रामीण जीवन शैली पर आधारित बनाया है जहां बैलगाड़ी की तरफ सबसे ज्यादा भीड़ है। लोग किसान का वेश पहनकर सेल्फी ले रहे हैं। आज हम देख रहें है कि पाश्चात्य सभ्यता तेजी से हम सभी पर हावी हो रही है छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा और सादगी भरी जिंदगी लुप्त होती जा रही है। इस सेल्फी जोन में सभी पुराने गहने और वेशभूषा संग्रहित है। वहां जाने से एक अलग प्रकार की शांति का अनुभव हो रहा है। गिनिज बुक आफ वर्ड रिकार्ड एवं तीन बार सीएम अवार्ड से सम्मानित रानी निषाद ने बताया कि आधुनिक पीढ़ी को अपनी संस्कृृति की पहचान कराने के लिए यह सेल्फी जोन बनाया गया है। स्टाल में पर्रा, टोकरी, पारंपरिक गहने बिछिया, करधन, सुता ऐठी, सुर्रा, किला साडी, खुमरी, राउत वेशभूषा आदि छत्तीसगढ़ी आभूषण लोगो के बीच कौतुहल का विषय बना हुआ है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 5 मार्च। राजिम में आयोजित कुंभ कल्प में संत समागम के दौरान राम चरित मानस की चौपाई ‘‘संत समागम तीरथ राजू’’ की प्रासंगिकता को उपस्थित जनसमूह ने साक्षात्कार किया। जब त्रिवेणी संगम के तट पर बने विशाल मंच पर देशभर के संतों का आगमन हुआ। यूं भी संत और तीरथ एक दूसरे के पर्याय हैं। संत के बिना किसी तीरथ का और तीरथ के बिना किसी संत का महत्व नहीं रह जाता। राजिम अपने आप में एक तीर्थ के सामान स्थापित है। जिसकी धरा से निकलने वाली श्रद्धा और आस्था के लिए यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं को साकारात्मक गतिज और ऊर्जा से भर देती है। साथ ही त्रिवेणी संगम की स्वर लहरियों के साथ जब भगवान श्री राजीव लोचन की आरती में बजने वाली घंटे-घडिय़ाल की आवाज के साथ ताल में ताल मिलकर मग्न होकर नाचती है, उस अलौकिक भावना के भाव का साक्षातकार बहुत ही कम लोगों को ही मिल पाता है, जिसकी जितनी श्रद्धा भाव होते हैं, उसे उसी भाव से उस अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है।
संगम तट पर बने मंच पर कुंभ कल्प में आयोजित संत समागम में भाग लेने आए देशभर के साधु-संत महात्माओं के स्वस्ति वाचन से पूरा कुंभ धर्म और आस्था की त्रिवेणी में डूबकी लगाने से नहीं रोक सके। संतों ने राजिम कुंभ में पहुंचकर भगवान श्रीराजीव लोचन एवं राजिम के पवित्र भूमि के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आभार माना कि उन्हें छत्तीसगढ़ की इस पवित्र भूमि में भगवान श्री राजीव लोचन के दर्शन लाभ का सौभाग्य मिला। साथ ही राजिम की भूमि अपने संत पुत्रों को अपने सानिध्य में पाकर स्वयं को आनंदित होने से नहीं रोक पाई। उस क्षण में वेद मंत्रों से निकलने वाली आनंदित तरंगों का अहसास उपस्थित संपूर्ण जन समुदाय ने महसूस किया। तभी जन समुदाय ने उद्घोष करते हुए अपने आनंद के साक्षात्कार का जय-जयकार किया। इस क्षण के साक्षी उपस्थित विशाल जनसमूह।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में साहू समाज राजिम भक्तिन मंदिर समिति द्वारा भोग भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। 24 फरवरी से प्रारंभ हुए यह भंडारा 8 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। भंडारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं निशुल्क भरपेट भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। समिति के द्वारा लाउड स्पीकर से अनाउंस कर मेला में घूम रहे लोगों को भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है।
रविवार 3 मार्च को गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के सहयोग से भंडारे का आयोजन किया गया। कलेक्टर अग्रवाल की धर्मपत्नी पुनिता अग्रवाल उनके प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुई।
इस दौरान राजिम माता की पूजा अर्चना कर भंडारे की शुरूआत की। कलेक्टर की पत्नी अग्रवाल ने स्वयं लोगों को भोजन प्रसादी परोसा। रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने स्वादिष्ट आलू प्याज की सब्जी, कड़ही, चावल, सलाद ग्रहण कर भोजन प्रसादी का आनंद लिया। इस दौरान अग्रवाल ने अपनी दो बेटियों के साथ प्रसादी ग्रहण भी किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद (अक्रिय) जी महाराज, साहू समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू, समिति के पदाधिकारी गण लालाराम साहू, श्याम साहू, भोले साहू, बोधन साहू, परदेशीराम साहू, रामकुमार साहू, राजेश साहू, महेंद्र साहू, शेखर, ईश्वरी, नूतन राम साहू, भवानी शंकर साहू, रमेश साहू, छन्नूलाल साहू, राजिम एसडीएम धनंजय नेताम सहित साहू समाज के लोग सहयोग में जुटे हुए है।
राजिम, 4 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच पर शनिवार को ‘‘छत्तीसगढ़ के उर्जावान संत कवि पवन दीवान’’ पुस्तक का विमोचन अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू सहित अन्य अतिथियों की उपस्थिति में किया गया। मां कौशिल्या इनोवेशन फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में पवन दीवान के जन्म दिवस पर 1 जनवरी को नि:शुल्क काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें देश और प्रदेश के एक सौ आठ रचनाकारों ने भाग लिया। जिसे इस काव्य लेखन के संयोजक राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कृत सेवानिवृत प्रधान पाठक एवं साहित्यकार मुन्ना लाल देवदास ने छत्तीसगढ़ के उर्जावान संत कवि पवन दीवान नाम से पुस्तक का प्रकाशन करवाया। इस पुस्तक को शनिवार 2 मार्च को मुख्य मंच पर विमोचन किया गया। इस अवसर पर विधायक साहू के अलावा राजभाषा आयोग के सचिव भतपहरी, संस्कृति विभाग के शोध सहायक युगल किशोर तिवारी, जितेन्द्र वर्मा, मुकुंद मेश्राम सहित जनप्रतिनिध एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राजिम, 4 मार्च। रामोत्सव थीम पर मनाए जा रहे राजिम कुंभ कल्प इस बार भव्य रूप में आयोजित हो रहा है। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए हर विभाग में अधिकारी, कर्मचारी को ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं, जो समर्पित होकर पूरी जिम्मेदारी से अपना कार्य कर रहे है। वहीं राजीव लोचन मंदिर के पास बने पार्किंग परिसर में दिव्यांग जनों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है, जो चलने में असमर्थ है। वे व्हीलचेयर की सहायता से आसानी से मेला घूम रहे हैं। शासन द्वारा किए गए इस व्यवस्था की मेलार्थी भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। माघ पूर्णिमा 24 फरवरी से शुरू हुए राजिम कुंभ कल्प मेला के 9वें दिन रविवार को भारी भीड़ रही। रविवार अवकाश होने कारण दर्शक एवं श्रद्धालुगण मेला का आनंद लेने राजिम पहुंचे। राजिम कुंभ कल्प में देखते ही देखते जनसैलाब उमड़ गया। हर तरफ भीड़ देखी जा रही थी। चाहे वह मीना बाजार, मंदिर, संगम नदी हो या फिर महोत्सव मंच। सांस्कृतिक कार्य को देखने के लिए तो दर्शक टूट पड़े थे। जानकारी के मुताबिक यह भीड़ प्रतिदिन महाशिवरात्रि तक बढ़ती ही जायेगी।
मंदिरों में दर्शन के लिए लगी रही कतार
त्रिवेणी संगम बीच स्थित कुलेश्वर महादेव तथा भगवान राजीव लोचन मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं को लाइन लगाकर भगवान के दर्शन करने पड़े। प्रत्येक श्रद्धालुओं को दर्शन करने कम से कम आधे घंटे का इंजतार करना पड़ा।
पहुंच रहें देश भर से श्रद्धालु
राजिम कुंभ कल्प की पहचान सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है बल्कि देश-विदेश में इनकी ख्याति आज भी बरकरार है। मेला देखने आये बिलासपुर के राधेश्याम और उसके दोस्तों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजिम कुंभ आकर हमें बहुत आनंद आया। हम प्रतिवर्ष राजिम पहुंचकर मेला का आनंद लेते हैं। इस वर्ष छत्तीसगढ़ शासन राजिम कुंभ का दर्जा देकर छत्तीसगढ़ के वैभव को पुन: लौटाया है। इस बार मेले में कई प्रकार के नयापन देखने को मिल रहा है। जगह-जगह भगवान श्रीराम कटआउट देखकर मेला का माहौल राममय नजर आ रहा है। दुर्ग जिले से पहुंचे लक्ष्मीन बाई, तुलसी, दलौरिन बाई ने बताया कि रविवार को मेला में बहुत ज्यादा भीड़ है। मेला में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अच्छी व्यवस्थाएं की गई है।
मीना बाजार हुआ गुलजार
मीना बाजार मेलार्थियों से गुलजार रहा। सुबह 11 बजे से लोगों के आने जाने का क्रम शुरू हुआ। अपरान्ह 2 बजे तक अच्छी खासी भीड़ देखी गयी। शाम तक तो धक्का खाने की स्थिति निर्मित हो गयी थी। चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस के जवान ने व्यवस्था संभाली। मौत का कुंआ में दिखाए जाने वाले करतब दर्शकों को हैरत में डाल देती है। रेंजर झुला, आकाश झुला, डिस्को झुला, टोरा-टोरा, ड्रैगन झुला के साथ मिठाई दुकानें, क्राफ्ट की दुकान, वाद्ययंत्र की दुकाने आदि पर भीड़ बनी रहीं।
गाडिय़ों का रूट बदला
भीड़ को देखते हुए गाडिय़ों का रूट बदला गया है। इस बार पार्किंग के लिए राजिम पहुंचने वाले प्रत्येक सडक़ों पर व्यवस्था की गयी है। राजिम पुल के बीच में बैरीकेट्स लगाकर आने जाने के लिए डिवाइड किया गया है। बड़े गाडिय़ों को बाहर से होकर निकाली जा रही थी। यात्री गाडिय़ों में भी खचाखच भीड़ रही। रायपुर, महासमुन्द, गरियाबंद, धमतरी से राजिम आने वाले बसे ठसाठस रहीं। राजिम पहुंचने वाले सभी मार्गों में टै्रफिक जाम की स्थिति निर्मित होती रही।
नवापारा बस स्टैण्ड से लेकर चंपारण चौंक, मैडम चौक, राजिम पुल, पं. श्यामाचंरण शुक्ला चौक, पं. सुंदरलाल शर्मा चौक, सुभाष चौक, महासमुंद मार्ग पर शिवाजी चौक, श्रीराम चौक, मंडी चौक, गरियाबंद राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोवर्धन चौक, महामाया चौक, राजिम भक्तिन माता चौक, चौबेबांधा तिराहा आदि पर ऐसी भीड़ी पहली बार देखी गई। पांच मिनट के रास्ते ने एक घंटे से भी ज्यादा समय लगा। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को खूब मशक्कत करनी पड़ी।
उप मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री रहेंगे मौजूद
पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन व सत्संग कार्यक्रम भी आयोजित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में 4 मार्च जानकी जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन व सत्संग कार्यक्रम आयोजित है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरूण साव करेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि विकास एवं कृषक कल्याण मंत्री राम विचार नेताम, वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मौजूद रहेंगी।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू, कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर, राजिम विधायक रोहित साहू, अभनपुर विधायक इंद्रकुमार साहू, सिहावा विधायक अंबिका मरकाम, बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव, पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, पूर्व विधायक भाजपा गरियाबंद जिलाध्यक्ष राजेश साहू, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, जिला पंचायत धमतरी की अध्यक्ष कांति सोनवानी, जिला पंचायत गरियाबंद की अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, जनपद पंचायत फिंगेश्वर की अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, जनपद पंचायत अभनपुर की अध्यक्ष देवनंदनी साहू, जनपद पंचायत मगरलोड की अध्यक्ष ज्योति ठाकुर, नगर पंचायत राजिम की अध्यक्ष रेखा जितेन्द्र सोनकर, अध्यक्ष नगर पलिका नवापारा धनराज मध्यानी, अध्यक्ष नगर पालिका गरियाबंद अब्दुल गफ्फार मेमन, अध्यक्ष नगर पंचायत फिंगेश्वर अध्यक्ष जगदीश यादव, नगर पंचायत छुरा अध्यक्ष खोमन चंद्राकर उपस्थित रहेंगे।
इस दौरान महंत रामसुंदर दास जी महाराज, महामंडलेश्वर प्रेमानंद जी महाराज, बालयोगेश्वर बालयोगी रामबालकदास महाराज, दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ महाराज, महामंडलेश्वर यतीन्द्रनंद गिरी महाराज, स्वामी राजीव लोचन महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय महाराज, संत गुरूशरण पंडोखर महाराज, शिवकुमार शुक्ला (महाकाल) महाराज, राष्ट्रीय प्रवचनकर्ता संत प्रज्ञा भारती, महंत राजेश्वरानंद महाराज, कबीर संत विजेन्द्र दास, महंत नरेंद्र दास महाराज, कबीर संत विचार दास, महंत अनुसुइया दास, महंत सर्वेश्वर दास, संत गोवर्धन शरण महाराज, महंत परमात्मानंद महाराज, ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद महाराज, ब्रह्मचारी इंदुभवानंद महाराज, पं. गौरव भैरव त्रिपाठी, संत युधिष्ठिर लाल महाराज, उमेशानंद महाराज, नारायण भाई, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहन, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी हेमा बहन एवं विशिष्ट साधु-संतों का सान्निध्य प्राप्त होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज धर्म नगरी राजिम की पहचान भगवान राजीव लोचन मंदिर प्रचीन भारतीय सभ्यता का जीता जागता प्रमाण है, इसकी भव्यता देखते ही बनती है। छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में प्रख्यात राजिम की ख्याती राजीव लोचन मंदिर व यहां विराजे भगवान विष्णु के साथ जुड़ी है। वहीं नदी के दूसरी ओर कुलेश्वर महादेव का मंदिर इस प्राचीन नगरी को अदभुत बनाती है। राजिम का राजीव लोचन मंदिर आठवीं शताब्दी का है। इसके जन्मदिन के अवसर पर प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेला आयोजित किया जाता है।
धर्म नगरी राजिम का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरम्भ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रह्मा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की थी। इसीलिए इसका नाम कमलक्षेत्र पड़ा। राजिम में महानदी, पैरी नदी तथा सोढूऱ नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। संगम के मध्य में कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि वनवास काल में राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव की पूजा की थी।
ड्रोन कैमरे में दिखी नगर की भव्यता
राजिम नगरी की भव्यता को ड्रोन कैमरे की नजर से देखने का प्रयास किया गया। इस दौरान धर्म नगरी की भव्यता देखते ही बनती है। आसमान की ऊंचाई से राजीव लोचन मंदिर से लेकर महानदी व पूरा नगर एक खास स्वरूप में नजर आया।
राजिम कुंभ कल्प में विराट संत समागम का हुआ उद्घाटन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। रविवार 3 मार्च को राजिम कुंभ कल्प मेला में रविवार को विराट संत समागम का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में अनंत विभूषित ज्योतिष मठ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज एवं अनंत विभूषित ज्योतिष मठ बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज राजिम पहुंचे।
मुख्य मंच पर दोनों शंकराचार्यों का खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी दयालदास बघेल और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजिम विधायक रोहित साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने विधि विधान से चरण वंदन किया। कार्यक्रम की शुरूआत में दोनों शंकराचार्य एवं अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन के प्रतिमा पर पुष्प अर्पितकर एवं दीप प्रज्जवलित कर पूजा अर्चना किया।
राजिम कुंभ संस्कृति का प्रमाण है -सदानंद
द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि परमात्मा के पद प्राणी को पवित्र करती है। मार्ग में जो प्राणों की रक्षा करें वो पार्थाय है। जो राम नाम का जाप करते हैं। उनके पार्थ राम है। प्राणी मात्र में एक विश्राम का नाम राम है। धर्म रूपी कल्पवृक्ष का बीज राम नाम है। राम ने मनुष्य बनकर वो दिखाया, जो मनुष्य को करना चाहिए। कैसे धर्म का पालन किया जाता है। हमारे वेदों का ज्ञान संतों से ही मिलता है।
उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ संस्कृति का प्रमाण है। ऐसे आयोजनों से संस्कृति की रक्षा होती है। धर्म की रक्षा करनी है तो धर्म का पालन करें। धर्म की स्वयं रक्षा हो जाएगी। धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा हमें कुंभ से मिलती है। मनुष्य में असीतिम क्षमता है, उसे उसका भरपूर उपयोग करना चाहिए। सृष्टि का अपादान कारक क्या है इसे मनुष्य ही जान सकता है। धर्म की बुद्धि परमात्म ने मनुष्य को दी है। धर्म-अधर्म और विधर्म को समझें।
धर्माचारियों के सम्मान की सोच वाली सरकार ही राजिम कुंभ जैसे
आयोजन करते है -अविमुक्तेश्वरानंद
बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि हमारे वेद प्रमाणित है। वेदों में लिखा है। क्या करना है, क्या नहीं करना है। प्रदेश की व्यवस्था राजा और पुलिस कर सकती है, फिर भी संत समागम की आवश्यकता क्यों पड़ती है ताकि संतों की वाणी से लोगों के सदा चारों व्यवहार के शिक्षा की रक्षा की जा सकें।
उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत लोग धर्माचारियों के उपदेश से नियंत्रित होते हैं। समझदार सरकार धर्माचारियों से अमृत लेकर बांटते हैं। धर्माचार्यों का सम्मान करने की ऐसी सोच वाली सरकार ही राजिम कुंभ जैसे आयोजन करते है। समझदार सरकार अपनी जनता को ज्ञान का अमृत से लाभान्वित करने ऐसे आयोजन करती है। ये कुंभ कल्प इसी का उदाहरण है। राजिम महानदी का संगम, आचार्य का समागम, अध्यात्मिक लाभ से पवित्र स्थल बन चुका है। इससे पवित्र स्थान नहीं हो सकता। कुंभ कल्प का मतलब कुंभ जैसा होना है। इसलिए इस कुंभ का नाम कुंभ कल्प कर दिया गया। कुंभ कल्प बोलने से मान घटता नही है बढ़ा जाता है। कुंभ जैसा है वो कुंभ ही है।
उन्होंने कहा कि आपके साथ हम भी कुंभ का आनंद आह्लाद लेंगे। कुंभ ज्योतिष का योग है। ये योग नक्षत्रों के अनुसार प्रयाग, नासिक, उज्जैन, हरिद्वार जैसे तीर्थों के कुंभ के रूप में होता है। घर के पानी में मैल धोने की क्षमता होती है, लेकिन महानदी जैसे नदियों के पानी में मन का मैल धोने की क्षमता होती है। जिससे राजिम में आने वाले समस्त लोगों को आध्यात्मिक लाभ मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि ये सुखद संयोग है कि छत्तीसगढ़ के मंत्री द्वारा इस मंच पर एक साथ दो शंकराचार्यों को लाकर अद्भुत संजोग बनाया है।
संत विभानंद गिरि महाराज ने कहा कि राजिम कुंभ प्रयाग तीर्थ है। उन्होंने कहा कि जहां संत पहुंच जाते है वही कुंभ हो जाता है। यहां दो शंकराचार्य एक साथ पहुंचे है। इसलिए राजिम कुंभ महातीर्थ बन गया है।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि 5 साल उपरांत पुन: उसी स्वरूप में संत महात्माओं का विशाल संगम राजिम कुंभ में हो रहा है। आज राजिम कुंभ की धरती में देश के दो महान शंकराचार्य हम सभी को आशीर्वाद प्रदान करने मौजूद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की धरती पर उनका स्वागत किया। राजिम विधायक रोहित साहू ने आभार प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा जितेन्द्र सोनकर, गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल, छग पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक जितेन्द्र शुक्ला सहित महामंडलेश्वर, साधु-संत, महात्माओं, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थित रही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 4 मार्च। राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत रविवार 3 मार्च को राजिम कुंभ कल्प मेला में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई।
डॉ. तेजराम साहू ने जानकारी दी राजिम कुंभ कल्प में मेला घूमने आई माताओं के नवजात शिशुओं को पल्स पोलियो की खुराक दी गई है।
डॉ. साहू ने बताया कि शहर के सभी चौक-चौराहे एवं गली में यह अभियान चलाया जा रहा है। प्रथम दिवस मेला परिसर में चारो तरफ बूथ में पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। दूसरे दिन चार मार्च को जो छूट गये है। बूथ पर उन्हें पोलियो की दवा घूम-घूमकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका देंगे। फिर 5 मार्च को पहुंच विहीन क्षेत्रों में कठिन क्षेत्रों में जाकर पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। इस हेतु समस्त स्वास्थ्य अमला जुड़ा हुआ है। आज प्रथम दिवस में लगभग 100 से अधिक बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई।