कोंडागांव, 18 सितंबर। शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोंडागांव में प्राचार्य डॉ. चेतन राम पटेल के निर्देशन में रसायन शास्त्र विभाग की केमिकल सोसायटी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में विश्व ओजोन दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारियों और विद्यार्थियों द्वारा ओज़ोन परत संरक्षण हेतु आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया गया।
विश्वओजोन दिवस एक वैश्विक कार्यक्रम है जो हर साल 16 सितंबर को ओजोन परत के महत्व और इसके क्षरण के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। 2024 की थीम, जीवन के लिए ओजोन वैश्विक सहयोग के 35 वर्ष, नीतियों और संधारणीय कार्यों के माध्यम से इस महत्वपूर्ण वायुमंडलीय ढाल की रक्षा के लिए वैश्विक प्रयासों पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन में समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ किरण नूरूटी ने ओज़ोन दिवस मनाने का उद्देश्य और इतिहास के बारे में बताया।
प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष शोभाराम यादव ने बताया कि भारत ने वर्ष 2047 तक ओज़ोन परत की सुरक्षा के लिए उत्पन्न होने वाली क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैसों तथा हाइड्रो फ्लोरो कार्बन गैसों के उत्पादन व उपयोग में कमी लाने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का तहत किगाली संशोधन पास किया गया है। वनस्पतिशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष शशिभूषण ने मॉन्ट्रियल और क्योटो प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए इस विषय की गम्भीरता को सबके समक्ष रखा। वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ आकाश वासनीकर ने विद्यार्थियों को ओज़ोन का फॉर्मूला पूछ कर ओज़ोन संरक्षण और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सबको वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित किया। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष समलेश पोटाई ने कार्यक्रम को भौगोलिक संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष नसीर अहमद ने केमिकल सोसायटी के सदस्यों को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए अपने उद्बोधन में कहा गया कि दैनिक जीवन में साधारण परिवर्तन कर हम आधुनिक विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बना सकते हैं।
कार्यक्रम में पूरे महाविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारियों और विद्यार्थियों द्वारा ओज़ोन परत संरक्षण हेतु आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया गया तथा मुक्ताकाश मंच पर केमिकल सोसायटी के सदस्यों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें रासायनिक रूप से ओज़ोन पर्त का पराबैंगनी किरणों को रोकने और सीएफसी से इसके क्षरण की प्रक्रिया समझाई गयी। ओजोन परत संरक्षण के संबंध में छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से महाविद्यालय में पोस्टर, रंगोली, भाषण तथा क्विज़ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन केमिकल सोसायटी के सदस्यों द्वारा किया गया जिसमें अध्यक्ष उत्तम साहू, उपाध्यक्ष चंचला हालदार, सचिव तरुण सेठिया, सह सचिव श्वेता सिंह तथा कोषाध्यक्ष नोहर सिंह के साथ रासेयो के स्वयं सेवक रायतु, सूर्यप्रकाश तथा शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन श्वेता सिंह, सूर्यप्रकाश तथा मानसी ठाकुर ने किया। इन प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक लक्ष्मीदास मानिकपुरी, शिल्पा डर्रो, पुष्पा जायसवाल, अंबर बैरागी तथा नीता नेताम निर्णायक की भूमिका में मौजूद रहे।
पोस्टर प्रतियोगिता में लल्ली मंडावी ने प्रथम, चंचल बोमकर ने द्वितीय तथा अंजू बोस ने तृतीय स्थान हासिल किया। च्जि प्रतियोगिता में अंजू बोस, मानसा गुप्ता, मिनिता और सलोनी की टीम प्रथम स्थान, गुलशन, तरुण, पिंटू और धनसाय की टीम द्वितीय स्थान तथा आशुतोष, चंचला, मीख़ा और रामायण की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम द्रोणा प्रसाद, द्वितीय आशुतोष होड़ तथा तृतीय श्वेता सिंह आईं। रंगोली प्रतियोगिता में अंजू बोस, गुपेश्वरी व मिनट कोर्राम की टीम ने प्रथम स्थान, यामिनी पाणिग्रही, रोशनी मरकाम व लल्ली मंडावी तथा मीख़ा जुबले, चंचला हालदार व शारदा साहू की टीम ने संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान तथा साक्षी पांडे, त्रिलोचन पटेल व करीना नेताम की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
एमएससी रसायनशास्त्र विभाग की अतिथि व्याख्याता नीता नेताम एवं विद्यार्थी मीखा, कीर्ति, अगोंतिन, रामायण, गीतेश, नितेश, ईश्वर, नमिता, मनीता, शारदा, लता, कांति, अनुराधा, सावित्री, मेघा, त्रिलोचन, तरंग, भूपेंद्र, पिंटू, अभिषेक, अमीषा, चाहत, मोनिका, करीना, , राजेश्वरी, साक्षी, वंदना, रोशनी, लल्ली, प्रतिभा, गीता, अंजू, पूर्व छात्र श्रेयश चाको, राजेश्वरी नाग, दामोदर मरापी तथा रासेयो के स्वयं सेवकों का सहयोग रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, प्रयोगशाला तकनीशियन, अन्य स्टाफ एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।