राजपथ - जनपथ

यूं ही भाजपा नहीं छोड़ी...
दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय यूं ही कांग्रेस में नहीं गए। सीएम भूपेश बघेल ने न सिर्फ नंदकुमार साय बल्कि ननकीराम कंवर के सम्मान का पूरा ख्याल रखा। सरकार में आने के बाद कंवर की शिकायत पर चर्चित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की, जो कि रमन सरकार में सबसे ताकतवर पुलिस अफसर थे।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मुकेश गुप्ता ने रायपुर एसएसपी रहते भाजपा नेताओं पर लाठी चार्ज करवाई थी। जिसमें नंदकुमार साय का पैर टूटा था। मुकेश गुप्ता को विधानसभा की कमेटी ने लाठी चार्ज मामले में दोषी भी करार दिया था। मगर मुकेश गुप्ता भाजपा सरकार के आने के बाद और पॉवरफुल हो गए।
न सिर्फसाय बल्कि दिवंगत आदिवासी नेता सोहन पोटाई ने भी सीएम डॉ. रमन सिंह मुकेश गुप्ता पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया था। मगर रमन सरकार में ठीक इसका उल्टा हुआ। दोनों नेता हासिए पर ढकेल दिए गए। नंदकुमार साय को कोर ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। फिर पोटाई के पर कतर दिए गए। सांसद टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
नंदकुमार साय पार्टी में बने रहे, लेकिन स्थानीय स्तर पर वो मुख्यधारा से अलग ही रहे। यद्यपि पीएम नरेंद्र मोदी तक उनका सम्मान करते हैं। उन्हें अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष पद से नवाजा गया। मगर अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद स्थानीय स्तर पर भी उनकी पूछ परख कम हो गई थी। सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों के बीच उनकी पैठ को समझा, और उनका पूरा सम्मान किया। किसी पद पर न रहने के बाद भी सीएम भूपेश बघेल ने सरकारी बंगला तक उनके पास सरकारी बंगला रहने दिया गया। जबकि रमन सरकार में तो एक बार साय को बंगला खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया था। आखिरकार भाजपा में उपेक्षा, और सीएम के सम्मान से प्रभावित होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया।
ननकीराम पर नजर
नंदकुमार साय के पार्टी छोडऩे से केंद्र से लेकर प्रदेश तक के भाजपा नेता हिल गए हैं। पार्टी के रणनीतिकार अब उपनेता ननकीराम कंवर पर नजर जमाए हुए हैं। जो कि पार्टी की कार्यप्रणाली से नाखुश बताए जाते हैं। कंवर उस वक्त काफी गुस्से में थे, जब धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था।
उन्होंने अपनी बात विधायक दल की बैठक में रखी थी। उनके तेवर देखकर नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने आए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत भी हिल गए थे। कांग्रेस सरकार में कंवर की सिफारिशों का पूरा ध्यान रखा जाता है। सीएम व्यक्तिगत तौर पर उनका सम्मान करते हैं। इससे परे नंदकुमार साय और ननकीराम कंवर की अच्छी ट्यूनिंग है। ऐसे में भाजपा के कई नेता इस बात से सशंकित हैं कि कहीं वो नंदकुमार साय की राह न पकड़ ले। यही वजह है कि कुछ नेताओं को कंवर के लगातार संपर्क बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
जफर इस्लाम की भूमिका में एजाज
नंदकुमार साय एपिसोड में मेयर एजाज ढेबर, भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम की भूमिका में नजर आए। जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। जफर इस्लाम की तरह ढेबर भी नंदकुमार साय के साथ साए की तरह लगे रहे। हालांकि सीएम ने उन्हें साय के साथ रहने की जिम्मेदारी दी थी, और उन्होंने अपने दायित्व का भरपूर निर्वहन किया। ढेबर खुद गाड़ी में साथ लेकर राजीव भवन पहुंचे। (rajpathjanpath@gmail.com)