रायपुर

पारा 42-43 पार स्कूल बंद हो
22-Apr-2025 6:10 PM
पारा 42-43 पार स्कूल बंद हो

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 22 अप्रैल। छत्तीसगढ़ राज्य में तेज धूप के कारण सडक़ों पर लू की लहरें चल रही है, सडक़े सूनी हो गई है। दो दिन पूर्व बूंदाबांदी बदली के कारण तापमान कम था। अब रायपुर का तापमान 42-43 डिग्री पहुंच गया है। ऐसे स्थिति में सरकारी स्कूलों में तत्काल ग्रीष्म अवकाश घोषित करने का निर्णय शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को लेना चाहिए। यह मांग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने भी स्कूलों में अवकाश की मांग की है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है  मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मांग की है कि सरकारी कार्यालय में बढ़ते गर्मी लू को देखते हुए कार्यालय में कूलर,पंखे,पानी, पेयजल की व्यवस्था युद्ध स्तर पर करनी चाहिए। अन्यथा शासकीय सेवक लू से ग्रस्त हो जाएंगे। इस प्रदेश में बड़े अधिकारी एसी में बैठते हैं अधिकारियों को ऐसी युक्त बैठक कक्ष मिलती है और कर्मचारी पंखों पर जीने के लिए मजबूर होते हैं। अनेक कार्यालय में कूलर बंद है, उनको बनाने में हजार रुपए का खर्च बताया जाता है। स्कूलों कॉलेजों कार्यालयों में ठंडा पीने, पीने की पानी का अभाव है। छोटे बच्चे लू के कारण दस्त व उल्टी से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल स्कूलों को बंद कर कार्यालय भी कम समय के लिए संचालित किया जाना छत्तीसगढ़ के आम नागरिक शिक्षक व कर्मचारियों के लिए लाभदायक होगा?। श्री झा ने ऐसी ही स्थिति मंत्रालय संचनालय की होने की बात कहते हुए मंत्रालय संचनालय के कर्मचारियों का जीवन चिंताजनक व संकट में है। इतनी गर्मी में बसों में आना जाना व दिन भर घर से दूर मंत्रालय में रहना अनुचित प्रतीत होता है। इस विषम परिस्थिति में महिला कर्मचारी एवं महिला शिक्षकों को बुजुर्गों की सेवा, घर परिवार की देखभाल व्यवस्था व शासकीय सेवा इस भीषण गर्मी में परेशान कर रही है।

डीईओ ने अपना अविवेकपूर्ण आदेश वापस लिया

इधर बढ़ती गर्मी को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल को अपना अविवेकपूर्ण आदेश वापस लेना पड़ा। डीईओ ने परसों एक आदेश जारी कर मई में स्कूलों में समर क्लासेस संचालित करने प्राचार्य, हेड मास्टर और शिक्षकों को पत्र भेजा था। कल इस आदेश को सांध्य दैनिक छत्तीसगढ़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर जन सामान्य और विभाग में तीखी प्रतिक्रिया हुई। शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए डीईओ को ज्ञापन सौंपा था। उच्च पदस्थ अफसरों की फटकार के बाद डीईओ ने अपना अविवेकपूर्ण आदेश वापस ले लिया है।


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