रायपुर

पुलिस ने चेहरा नहीं दिखाया, गोरखपुर लखनऊ से आपरेट करते थे गिरोह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जुलाई। ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत पुलिस ने उत्तर-प्रदेश के 5 ठगों को गिरफ़्तार किया है। इन लोगों ने स्वयं को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के अधिकारी कर्मचारी बता कर आमासिवनी निवासी सोनिया हंसपाल को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रूपए ठगे थे। इन सभी को पुलिस ने नकाब पहनाकर मीडिया के समक्ष पेश किया।
एसएसपी लाल उमेद सिंह ने बताया कि इन आरोपियों ने अलग - अलग तरीका वारदात के आधार पर पूरे देश भर में ठगी करते हैं। इसके लिए 40 से अधिक फर्जी कंपनियां भी बनायी गयी है ।
सोनिया हंसपाल ने थाना विधानसभा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसे अज्ञात मोबाईल नंबरों के धारकों ने फोन कर स्वयं को दिल्ली साइबर विंग, दिल्ली पुलिस का होना बताकर आधार कार्ड से कई बैंक खाता होने तथा इन बैंक खातों में मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट की बात कहते हुये व्हाट्सएप वीडियो कॉल में जुड़े रहने बोलकर डिजिटल अरेस्ट कर बीते 21 मई से 10 जुलाई तक के मध्य 2.83 करोड़ रुपए की ठगी कर लिए थे। इस रिपोर्ट पर थाना विधानसभा पुलिस ने धारा 318(4), 3(5) दर्ज कर साइबर सेल की मदद से पड़ताल शुरू किया। इस दौरान आरोपियों के मोबाईल नंबरों, जिन खातों में रकम स्थानांतरित किये गये थे, उन खातों के संबंध में भी संबंधित बैंकों से दस्तावेज व जानकारी ली । इस आधार पर आरोपियों को उत्तर-प्रदेश में लोकेट कर एक टीम भेजी गई। टीम ने गोरखपुर एवं लखनऊ कैम्प कर गोरखपुर से आकाश साहू एवं शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू तथा लखनऊ से अनुप मिश्रा, नवीन मिश्रा एवं आनंद कुमार सिंह को पकड़ा गया। पूछताछ में बताया कि आकाश और शेर बहादुर सिंह मोबाईल सिम की व्यवस्था कर वॉट्सएप से वीडियो कॉल करते थे। आरोपी अनुप, नवीन और आनंद सिंह अपनी फर्जी कंपनी बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर ठगी से प्राप्त रकम को इधर-उधर करने और नगद आहरण करने का काम करते थे। इन लोगों ने श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज इंफ्रा बिल्डकॉम प्राइवेट लिमिटेड, पावन धरा इंफ्रा बिल्डकॉम, स्नो हाइट्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड एवं आनंद ट्रेडर्स नामक फर्जी कंपनियां खोल रखा था। आनंद सिंह देवरिया उत्तर प्रदेश में पंजाब नेशनल बैंक ग्राहक सेवा केंद्र का भी संचालक है।
पांचो को गिरफ्तार कर उनसे बैंक खाता, चेक बुक, सिम एवं मोबाईल फोन जप्त किया । साथ ही आरोपियों के बैंक खातों में ठगी की रकम 43 लाख रूपये को होल्ड कराया गया है।