रायपुर

निजी-सरकारी दफ्तरों में विशाखा समिति न बनाने पर 50 हजार अर्थदंड
29-Jul-2025 6:38 PM
निजी-सरकारी दफ्तरों में विशाखा समिति  न बनाने पर 50 हजार अर्थदंड

10 से अधिक कर्मचारी वाले संस्थानों में अनिवार्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 29 जुलाई। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ रोकने आंतरिक  शिकायत समिति (विशाखा समिति ) के गठन को अनिवार्य किया गया है। न करने वाले निजी संस्थानों पर 50 हजार का अर्थदंड लगाया जाएगा।

महिला बाल विकास विभाग के मुताबिक कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा 4 (1) के तहत जिले में संचालित सभी शासकीय गैर शासकीय कार्यालयों/संगठन, उपक्रम, प्रतिष्ठान, उद्यम, संस्थान, कार्यालय, शाखा अथवा इकाई जो प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/सरकारी कम्पनी/निगम/सहकारी सोसाइटी द्वारा प्रदत्त निधियों द्वारा स्थापित, स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन अथवा वित पोषित हो  निजी क्षेत्र का संगठन, उपक्रम, संस्थान, प्रतिष्ठान, सोसाइटी, न्यास, गैर-शासकीय संगठन, ईकाई अथवा सेवा प्रदाता जो वाणिज्यिक, व्यावसायिक, शैक्षिक, मनोरंजन, अद्यौगिक, स्वास्थ्य सेवाएं अथवा वित्तीय क्रियाकलाप कर रहा हो। जिसमें उत्पादन, आपूर्ति, विक्रय, वितरण, अस्पताल अथवा नर्सिंग होम, खेलकूद का संस्थान, स्टेडियम, खेल परिसर, प्रतियोगिता अथवा खेल का स्थान, उन सभी उद्यमों (छोटे बड़े सभी उद्यम/उद्योग विभाग से पंजीकृत होते है) आदि निजी क्षेत्र जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं ऐसे सभी कार्यस्थल पर महिलाओं की लैंगिक उत्पीडऩ के रोकथाम हेतु आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। 

नाम निर्देशित कुल सदस्यों के कम से कम आधी महिलाएं होंगी। आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी तथा प्रत्येक सदस्य अपने नामांकन की तारीख से 03 वर्ष से अनाधिक ऐसी अवधि तक जैसे नियोक्ता द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाय, पद धारित करेगा।  आंतरिक शिकायत समिति के गठन नहीं होने की स्थिति में 50 हजार रुपए तक के अर्थदंड का अधिनियम अंतर्गत प्रावधान है।


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