रायपुर

मप्र, सीजी के बीच 25वर्षों की समस्या निगम के अमले ने कुछ दिन में सुलझा दिया!
22-Apr-2025 6:09 PM
मप्र, सीजी के बीच 25वर्षों की समस्या निगम के अमले ने कुछ दिन में सुलझा दिया!

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 22 अप्रैल। दो राज्यों के बीच 25 वर्षों से चली आ रही व्यवस्थात्मक खामी से परेशान पेंशनरों की समस्या सुशासन तिहार में चुटकी में दूर हो गई! इस पर सुशासन तिहार में आवेदन लेने वाले निगम  प्रशासन के कर्मचारी ने यह मांग पूरी हो जाने की कंप्लायंस सूचना भी आवेदक को बुलाकर दे दी। यह है न यह आश्चर्यजनक ।

इसे लेकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों पर सुशासन तिहार योजना में प्राप्त आवेदन को बिना समझे निराकरण के नाम पर महज खानापूर्ति करने का आरोप लगाया है।

जारी विज्ञप्ति में बताया गया हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार की महती योजना सुशासन तिहार 2025 में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के आव्हान पर मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित करने की मांग को लेकर प्रदेश में पेंशनरों और परिवार पेंशनरों द्वारा हजारों की संख्या में गांव से लेकर राजधानी तक निर्धारित प्रोफार्मा में आन लाइन और ऑफ लाइन प्रक्रिया अनुसार आवेदन प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने आगे बताया है कि राजधानी  के 86 वर्षीय पेंशनर राजातालाब निवासी हायर सेकेंडरी स्कूल मोवा से सेवानिवृत प्रिंसिपल जफर अमजद ने भी आफ लाइन आवेदन देकर सामान्य प्रशासन विभाग का उल्लेख करते हुए धारा 49 को विलोपित करने की मांग की है। उनको नगरनिगम जोन 4 में बुलाकर बताया गया कि उनका आवेदन निराकृत हो गया है और उन्हें उसकी जानकारी लिखित में दिया गया जिसमें उल्लेख किया गया था कि उनका पेंशन प्रकरण का निराकरण कर दिया गया है। जब जफर अमजद ने उन्हें बताया कि उनका कोई पेंशन प्रकरण लंबित नहीं है और मेरा मांग सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन से संबंधित है और उन्होंने उस लिखित प्रपत्र को लेने से इंकार कर दिया।

जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने सभी पेंशनरों को आगाह किया है कि इस मामले पर इस तरह के निराकरण संबंधी लिखित प्रपत्र को स्वीकार न करें साथ ही उन्होंने सभी कलेक्टरों और  संबंधित अधिकारीयों से निवेदन किया है कि जल्दबाजी में बिना सोचे समझे कुछ भी निराकरण नहीं करें।

 

 

 

 


अन्य पोस्ट