रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अप्रैल। ईओडब्ल्यू ने इंडियन ओवरसीज बैंक राजिम में हुए 1 करोड़ 65 लाख के गोल्ड लोन घोटाले में तत्कालीन बैंक मैनेजर सुनील कुमार, सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही, लिपिक योगेश पटेल और खेमनलाल कंवर को गिरफ्तार किया। सभी को विशेष न्यायाधीश की अदालत में सोमवार को पेश कर 3 आरोपियों को 29 अप्रैल तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। वहीं अंकिता को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
इंडियन ओवरसीज बैंक राजिम में 2022 में गोल्ड लोन घोटाला हुआ था। बैंक मैनेजर सुनील कुमार, तत्कालीन सहायक प्रबंधक अंकिता ने बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए 1.65 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन फ्रॉड किया था। इस घोटाले में लिपिक योगेश और खेमनलाल को शामिल किया था। इन सभी लोगों ने बंद पड़े खातों और कम ट्रांजेक्शन वाले खातों को टारगेट बनाया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे उन खातों के नाम पर गोल्ड लोन स्वीकृत किए। साथ ही लोन की रकम को बैंक से निकालकर आपस में बांट लिया। इसकी जानकारी तक खातेधारकों को नहीं हुई।
घोटाले के बाद दो साल से फरार
इंडियन ओवरसीज बैंक की तत्कालीन सहायक प्रबंधक अंकिता घोटाले के बाद 2023 से फरार थी। ईओडब्ल्यू की टीम ने उसे बरगढ़ ओडिशा से गिरफ्तार किया। वहीं मैनेजर सुनील को बोकारो झारखंड, योगेश को केसला खरोरा और खेमनलाल को केसला तुमगांव से गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि पकड़े जाने के डर से अंकिता लगातार अपना लोकेशन बदल रही थी। उसने पहचान छिपाने के लिए फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया और सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली।