महासमुन्द

18 सूत्रीय मांगें, किसान संघ ने सीएम को सौंपा ज्ञापन
26-Oct-2024 5:59 PM
18 सूत्रीय मांगें, किसान संघ ने सीएम को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 26 अक्टूबर। भारतीय किसान संघ छग प्रदेश के जिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, तहसील अध्यक्ष, प्रचार प्रमुख व संघ के कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को एक ज्ञापन सौंपा हैं। ज्ञापन में संघ ने किसानों की 18 सूत्रीय मांगों का उल्लेख कर तत्काल हल करने की मांग की है।

संघ के जिलाध्यक्ष कुबेर गिरी गोस्वामी उपाध्यक्ष बृजलाल साव समेत पदाधिकारियों सदस्यों ने मुख्य रूप से गौ वंदन योजना लागू करने, गौ माता के पोषण, संरक्षण व संवद्र्धन हेतु एवं जहर मुक्त गौ आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देने, गौ माता को पुन: घरों में प्रतिस्थापित करने हेतु प्रत्येक गौ पालक 1 हजार प्रति गाय प्रतिमाह अनुदान देने, धान पर प्रतिवर्ष 3100 की राशि में केन्द्र द्वारा समर्थन मूल्य में बढ़ाई गई राशि जोडक़र किसानों को देने, पूर्ववर्ती सरकार की किसान न्याय योजना की लंबित चौथी किस्त की राशि किसानों को तत्काल भुगतान करने, धान खरीदी पूर्ववत नवम्बर से प्रारंभ करने, टोकन पश्चात किसानों को बारदाना प्रदान करने, ऑनलाइन टोकन कटने के बाद एक माह के लिये लॉक करने, किसानों के नियमों में किसी प्रकार से राजनैतिक, प्रशासनिक एवं नेताओं द्वारा हस्तक्षेप न करने, धान खरीदी केन्द्र को पूर्णत: स्वतंत्र करने, सभी फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने, प्रदेश में दलहन, तिलहन का रकबा बढ़ाने हेतु तथा फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने हेतु धान के अतिरिक्त अन्य फसलों पर प्रति एकड़ 20 हजार की आदान सहायता राशि इनपुट सब्सिडी देने, ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर खराब होने पर 3 दिनों के भीतर बदलने, अन्न मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों को 25 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने, प्रत्येक तहसील में जेनरिक मेडिकल स्टोर की तर्ज पर जेनरिक कृषि केन्द्र खोलने, किसानों की फसल क्षतिग्रस्त होने पर आरबीसी 6-4 के तहत आपदा राहत राशि देने, जमीन की अधिकतम सीमा 25 एकड़ से घटाकर 5 एकड़ करने की मांग की है।

इसके अलावा राजस्व संबंधित विषयों का निराकरण समय सीमा में करने, किसान की अकाल मृत्यु होने पर उसे 10 लाख मुआवजा देने, केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर किसानों के मेधावी बच्चों के लिये स्कूल खोलने व स्कूली पाठ्यक्रम में कृषि विषय जोडऩे की मांग की गई है. साथ ही बताया गया है कि 27 व 28 सितम्बर को हुई जनसमस्या निवारण शिविर का निराकरण आज पर्यंत नहीं किया गया है।

सहकारी समिति बनाई गई है, परंतु कृषकों को समिति कोई भी कागजात सूचना के अधिकार अंतर्गत नहीं दिया जाता है। अत:ऐसे नियमों को तत्काल निरस्त करें तथा कृषकों द्वारा मांगे जाने वाले दस्तावेज प्रदान किये जाएं।


अन्य पोस्ट