महासमुन्द

पुलिस ने आत्महत्या का मामला मान विवेचना शुरू की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 अगस्त। बसना क्षेत्रांर्गत वन बहुल ग्राम हाथीबाहरा में एक 34 वर्षीय व्यक्ति की कल हुई मौत के बारे में जानकारी मिली है कि मृतक के शरीर में दिख रहे खरोचों के निशान कीड़े के काट खाने से हुए हैं और चूहे मारने की दवा खाने से उसकी मौत हुई है। लोगों और परिजनों को प्रथमतया किसी वन्य प्राणी के हमले की वजह समझ आ रही थी। लेकिन वन विभाग द्वारा उसकी वजह वन्य प्राणी के हमले से इंकार किये जाने के बाद पुलिस ने पंचनामा पश्चात शव का पोस्टमार्टम कराया। पीएम के पश्चात प्रारंभिक जानकारी में उसकी मौत ही वजह जहरीले पदार्थ के सेवन से होना सामने आया है। उसके शरीर में खरोचों से जख्म को कीड़ों द्वारा खाये जाने का निशान बताया गया है। उसके बाद पुलिस ने आत्महत्या का मामला मान उसकी विवेचना शुरू की है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाथीबाहरा का 34 वर्षीय युवक राधेश्याम मांझी पिता गौरांग मांझी गांव से कुछ दूर पहाड़ी के पास कल सुबह जख्मी हालत में जीवित अवस्था में पड़ा मिला। उसके पिता ने परिजनों को बुलाकर उसे गांव लाया जहां उसकी मौत हो गयी। उसके शरीर पर खरोचों और जख्मों को देख किसी वन्य प्राणी के हमले की वजह मान वन विभाग को बुलाकर दिखाया गया। वन विभाग ने वन्य प्राणी से मौत होना इंकार क र दिया। इसके बाद शव का पुलिस ने पंचनामा पश्चात पोस्टमार्टम कराया।
चिकित्सों ने शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह जहरीले पदार्थ चूहामार पाउडर सेवन करना पाया। उसके शरीर में जगह-जगह खरोंच के जख्म को कीड़ों के खाने की वजह बताई। पुलिस ने बताया कि 10 अगस्त की सुबह राधेश्याम सायकल से अपने घर से निकला था। बाद में 10 अगस्त को ही उसे जंगल में गंभीर अवस्था में देखा गया। पुलिस मामले को विवेचना में लेकर आत्महत्या की वजह का पता लगाने जुट गयी है।