धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 2 मार्च। कुरुद में हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह का आयोजन अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया, घराती-बराती को घंटों धूप में बिठाने के बाद मंडप लगाया गया, तेज़ गर्मी के बावजूद कुलर पंखे का इंतजाम नहीं किया गया, वर-वधू को खुद अपनी खाने की प्लेट धोनी पड़ीं, विवाह में आए मेहमान बाहर पसीना बहाते रहे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी हवादार कमरों में बैठ अपनी ड्यूटी निभाते रहे, वो तो भला हो क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों का, जिन्होंने विभागीय उदासीनता को अनदेखी कर प्रदेश सरकार की साख बचाने खुद होकर सहयोग करने जुटे और बाइस जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया ।
गौरतलब है कि महाशिवरात्रि के दिन नगर के इंडोर स्टेडियम में महिला एवं बाल विकास विभाग कुरुद एवं मगरलोड के संयुक्त तत्वावधान में मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना के तहत 22 जोड़ों का विवाह कराया गया। इसमें विभागीय उदासीनता का आलम यह था कि विभिन्न गांवों से वर-वधू को लेकर परिजन जब विवाह स्थल पहुंचे, तब तक मंडप नहीं लगा था, खाने और खिलाने की व्यवस्था को लेकर भी मेहमानों ने नाराजग़ी जताई। अतिथियों के लिए तैयार मंचीय इंतजाम देख जनप्रतिनिधिभी नाराज हुए।
नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर अपनी पत्नी राखी चन्द्राकार के साथ शामिल होकर कन्यादान किया।
इस काम मेंं जिपं अध्यक्ष कांति सोनवानी, जनपद अध्यक्ष शारदा लोकनाथ साहू, उपाध्यक्ष जानसिंग यादव,नपं उपाध्यक्ष मंजू प्रमोद साहू भी सहभागी बने। बाद में विभाग ने कुरुद एवं मगरलोड ब्लाक के 22 जोड़ों के नाम गांव और उपहार में दिए गए सामानों की लिस्ट जारी की।
इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी श्री ताम्रकार का कहना है कि शादी विवाह जैसे बड़े आयोजन में ऐसी छोटी-मोटी चूक होती रहती है, धुली प्लेट को अगर कोई दोबारा धोये तो हम क्या कर सकते हैं?


