धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 28 अक्टूबर। शासकीय सुखराम नागे महाविद्यालय नगरी में 25 अक्टूबर को हिन्दी विभाग के अंतर्गत ‘स्त्री विमर्श और मृदुला गर्ग का साहित्य’ विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन संपन्न हुआ। इस वेबीनार की मुख्य वक्ता डॉ. हेमलता महेश्वर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली की प्रोफेसर थी, साथ ही विषिश्ट अतिथि के रूप में डॉ. बी.एस. साहू प्रोफेसर हिन्दी, राजेन्द्र महाविद्यालय छपरा (बिहार) तथा अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. फूलदास महंत प्रोफेसर हिन्दी, शासकीय महाविद्यालय भैसमा (कोरबा) के उपस्थित रहे।
यह वेबीनार महाविद्यालय के छात्राओं तथा समाज में नारियों को उनके अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरूक कराने के उद्देष्य से रखा गया था। वेबीनार की मुख्य वक्ता डॉ. हेमलता महेश्वर संबंधित विशय पर कहा कि व्यक्ति अपनी मर्जी से नहीं बल्कि प्रकृति की मर्जी से किसी भी जेंडर के साथ इस दुनिया में आता हैं, उन्हें उनके जीवन को जीने की पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिल पाती। उन्हें समाज द्वारा उनके जेंडर के कारण उपेक्षित बना दिया जाता है।
उन्होंने मीराबाई और महादेवी वर्मा का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि उन्होंने अपने समय पर अपने हक की लड़ाई बखूबी लड़ी। परन्तु समाज आज भी महिलाओं को समान दर्जा नहीं दे पाता।
उन्होंने मृदुला गर्ग का उदाहरण देते हुए कहा कि मृदुला ने तात्कालीन षासन के समक्ष कभी घुटने नहीं टेके और अपनी बात बड़ी बेबाकी के साथ अपने साहित्य के माध्यम से समाज के समक्ष रखा, जिससे महिलाओं में साहस और विश्वास पैदा हुआ।
विशिष्ट वक्ता डॉ. बी.एस. साहू ने समाज स्त्री की स्थिति का इतिहास बताते हुए मृदुला गर्ग के साहित्य ‘उसके हिस्से की धूप’ पर समीक्षा की, साथ ही अतिथि वक्ता डॉ. फूलदास महंत ने पौराणिक ग्रंथों का उदाहरण देकर नारी की महानता को दर्शाते हुए प्रेमचंद के उपन्यास में उपेक्षित पात्रा ‘धनिया’ के चरित्र को स्पश्ट किया और यह भी कहा कि ‘प्रगतिवादी संघर्श षील’ लेखकों द्वारा स्त्री विमर्ष पर लगातार सहानुभूति के साथ साहित्य के सभी विधाओं पर लेख लिखने लगे, जिससे समाज में नारी की स्थिति उत्तरोत्तर सुदृढ़ होती गई। महाविद्यालय में आयोजित होने वाला यह वेबीनार छात्र-छात्राओं में ज्ञानवर्धन के साथ शोध के नए आयाम स्थापित करता है। महानुभावों के विचारों को सुनने हेतु लगभग 200 छात्र-छात्रा सहित अन्य ने वेबीनार में अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम का संचालन 12 से 2:30 तक निर्बाध रूप से हुआ।
हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. राजकुमार राठौर के मार्गदर्षन एवं डॉ. अम्बा शुक्ला के कुशल संचालन में यह वेबीनार सम्पन्र हुआ। प्रभारी प्रो. मनोज शर्मा ने सभी वक्ताओं को महाविद्यालय की ओर से आभार ज्ञापित किया। वेबीनार के सहयोग समिति के रूप में प्रो. राजाराम मेहरा, एवं प्रो. एस.आर. दर्रो की अहम भूमिका रही। तकनीकी व्यवस्था प्रभारी प्रो. जयेश करंजगांवकर एवं अविरल तिवारी ने वेबीनार का तकनीकी संचालन कर महत्वपूर्ण योगदान दिया।


