‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 अप्रैल। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों की नियुक्ति में कुछ देर होने के संकेत हैं। और उसके साथ ही वेतन संशोधन की प्रक्रिया में भी देरी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, 8 वें वेतन आयोग की सिफारिशें अप्रैल 2026 तक सौंपी जा सकती हैं। हालांकि, अभी इसकी पूरी समय-सीमा निर्धारित नहीं हुई है, लेकिन इसे पूरी तरह से लागू करने में 2027 तक का समय लग सकता है। यह भी बताया गया है कि आयोग का कार्यकाल आधिकारिक रूप से 1 जनवरी 2026 से शुरू होगा। और उसके लिए अभी अध्यक्ष सदस्य ऐर पूरे सचिवालय की नियुक्ति होनी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आयोग के गठन के बाद 15 से 18 महीने के अंदर सिफारिशें सौंपी जा सकती हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह अच्छी खबर है कि भले ही वेतन संशोधन में देरी हो, फिर भी उन्हें बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने 1 जनवरी 2026 से वेतन आयोग को लागू करने का ऐलान किया है, परंतु इसका कार्य अप्रैल से शुरू होने की संभावना है। ऐसे में, सिफारिशों के आने में कम से कम 12 महीने का समय लग सकता है, इस दौरान आयोग राज्यों का दौरा कर स्थानीय अधिकारी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से रायशुमारी करेगा।और उसके बाद फिटमेंट रिपोर्ट और अपनी सिफारिशें देगा।इसे लागू करने में अतिरिक्त समय लगेगा।
वेतन वृद्धि का अनुमान पिछले वेतन आयोगों के आधार पर, 8वें वेतन आयोग में भी वेतन वृद्धि की अच्छी संभावनाएं हैं। दूसरे वेतन आयोग में 14.2त्न, तीसरे में 20.7त्न, चौथे में 27.7त्न, पांचवें में 31त्न, छठे में 54त्न, और सातवें वेतन आयोग में 14.27त्न की वृद्धि हुई थी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में लगभग 27त्न की वृद्धि हो सकती है।
वर्तमान महंगाई भत्ते को देखते हुए, 1 जनवरी तक महंगाई भत्ता 6त्न से 12त्न तक बढ़ सकता है। हालांकि, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने में देरी हो सकती है, और 2026 के बजाय 2027 में इसकी सिफारिशें लागू की जा सकती हैं। आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा करने से पहले एक अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा।
पूरी रिपोर्ट के 2026 तक आने की संभावना है। हालांकि कर्मचारियों करो थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
चूंकि राज्यों में पृथक वेतन आयोग गठित नहीं किए जाते हैं इसलिए राज्य कैडर के अधिकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते भी केंद्रीय आयोग की सिफारिश के आधार पर कुछ कमीबेसी के साथ मंजूर किए जाते हैं । ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी पांच लाख कार्मिकों को इससे लाभ होगा। हालांकि राज्य सरकार ,केंद्रीय सिफारिशों में बड़ी कटौती करते हुए लागू करती है। इस समय 7 वें आयोग की कई सिफारिशें लागू नहीं हैं।