‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 अक्टूबर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए डीआर स्वीकृत करने में पिछले कई वर्षों से दोहरी नीति अपना रही है, एक ओर राज्य के बजट से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को केन्द्र सरकार के बराबर एरियर सहित डीए डीआर का नगद भुगतान कर रही है। वहीं कल ही राज्य विद्युत कंपनी के अधिकारियों - कर्मचारियों और पेंशनरों को उसी अनुरूप केन्द्र के देय तिथि तथा दर पर डीए डीआर दिया है। एक ही राज्य में इस दोहरी नीति का एकजुट होकर अब विरोध करना जरूरी हो गया है।
नामदेव ने कर्मचारी संगठनों को अपनी अलग अलग रहने की सनक को छोडक़र केवल डीए डीआर के एरियर मामले को लेकर अब सबको साथ आना चाहिए। कई वर्षों एरियर हजम करने परम्परा को नेस्तनाबूत करने के लिए सबका एकसाथ होना ही एकमात्र हल है। इसे सबको समझना होगा।
राज्य में कर्मचारी संगठनों में फूट का खामियाजा राज्य में बुजुर्ग पेंशनरों को भी भुगताना पड़ रहा है क्योंकि वे आपसी श्रेय के चक्कर में कई गुटों में बंटे होने के कारण खुद के लिए केन्द्र के समान डीए लेने सफल नहीं हो पा रहे है और मोदी के गारंटी में आश्वासन के बावजूद केंद्र के बराबर देय तिथि से एरियर का नुकसान उठा रहे है। क्योंकि कभी फेडरेशन एक से अधिक मांगो को लेकर आंदोलन हड़ताल करने की कोशिश करता है और छोटे मोटे मांगो पर आश्वासन पाकर खुश होकर बिना एरियर डीए की घोषणा होते ही सरकार के प्रति आभार प्रदर्शन की होड़ में लग जाते हैं तो कभी दूसरा गुट कर्मचारी मोर्चा भी सरकार को केवल लिखित चेतावनी देकर फिर कुछ माध्यमों को पकडक़र मंत्री मुख्यमंत्री से भेंट करके अखबारों में फोटो छपाकर अपना श्रेय दिखाकर खुश हो लेते है।
राज्य में लगभग सभी संगठनों का यही हाल है।नया रायपुर में राज्य के मंत्रालय और संचालनालय के कर्मियों के खेमे में बटे होने का फायदा सरकार उठा रही है। दोनों के अलग अलग खेमों बटे होने के कारण जायज मांगो को लेकर मंत्रालय और संचालनालय के दफ्तर में आंदोलन हड़ताल सफल नहीं होता है और सरकार पर कोई दबाव नहीं बनता है। इसलिए राज्य के कर्मचारियों की जायज मांगों पूरी नहीं होती। यदि यही स्थिति बनी रही सरकार पर आंदोलनों का कोई असर नहीं होगा।
पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार वर्मा दुर्ग, महिला प्रकोष्ठ प्रमुख द्रौपदी यादव पत्थलगांव जशपुर, राष्ट्रीय मंत्री रामनारायण ताटी जगदलपुर, पूरन सिंह पटेल रायपुर तथा कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा,महामंत्री अनिल गोल्हानी, प्रदेश संगठन मंत्री टी पी सिंह, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, संभागीय अध्यक्ष प्रवीण कुमार त्रिवेदी रायपुर, केंद्रीय सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुरेश मिश्रा रायपुर,सेवानिवृत दैवेभो कार्यभारित प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक रायपुर तथा प्रदेश के विभिन्न जिले के अध्यक्ष खोड़स राम कश्यप बलौदाबाजार, आर जी बोहरे रायपुर, आई सी श्रीवास्तव राजनांदगांव, राकेश जैन बिलासपुर, परमेश्वर स्वर्णकार जांजगीर चांपा, रमेश नंदे जशपुर, अभय शंकर गौराहा रायगढ़, देवनारायण साहू सारंगढ़, एम एल यादव कोरबा,ओ पी भट्ट कांकेर, आर डी झाड़ी बीजापुर, एस के देहारी नारायणपुर, एस के धातोड़े कोंडागांव, पी एन उडक़ुड़े दंतेवाड़ा, शेख कासिमुद्दीन सुकमा, प्रेमचंद गुप्ता वैकुंठपुर, माणिक चंद्र अंबिकापुर, राजेन्द्र पटेल, बलरामपुर, संतोष ठाकुर सूरजपुर, आर ए शर्मा गौरेला पेंड्रा मरवाही, सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, हरि प्रसाद मिश्रा सक्ती, भैया लाल परिहार मुंगेली, यवन कुमार डिंडोरे बेमेतरा, रिखीराम साहू महासमुंद , लखन लाल साहू गरियाबंद, रामेंद्र तिवारी मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी,प्रकाश गुप्ता कबीरधाम, देवदत्त दुबे खैरागढ़ छुईखदान गंडई आदि ने सभी कर्मचारी संगठनों को एकजुट,होकर समान डीए डीआर देने की मांग होनी चाहिए।
फेडरेशन ने 22 से हड़ताल को टाला, अब अगले साल ही संभव
इस बीच खबर है कि फेडरेशन ने अपनी 22 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल को एक माह के लिए टाल दिया है। अब यह हड़ताल एक माह बाद 22 नवंबर से की जाएगी। फेडरेशन के सूत्रों का कहना है कि सीएम साय से पिछले दिनों हुए मुलाकात में मिले आश्वासन को देखते हुए हड़ताल को आगे बढ़ाया गया। यह निर्णय प्रधानमंत्री के 1 नवंबर के दौरे की तैयारी को देखते हुए भी लिया गया है। वैसे बता दें कि प्रधानमंत्री 28 नवंबर को भी आ रहे हैं ऐसे में 22 नवंबर की हड़ताल भी टल सकती है। उसके बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र होगा। ऐसे में हड़ताल अब इस वर्ष होती नहीं दिख रही। वैसे फेडरेशन अपने पिछले दो क्रमिक आंदोलन सफल कर चुका है।
पुलिस की तरह सभी स्थाई कर्मियों को भी बीमा सुविधा उपलब्ध कराने साय को पत्र
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने सीएम साय को पत्र लिखकर पुलिस की तरह सभी स्थाई कर्मियों को भी बीमा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि सभी तरह के दुर्घटना पर 1 करोड़ का बीमा , एयर एक्सीडेंट पर 1.60 करोड़, स्थाई पूर्ण विकलांगता पर 1 करोड़ , ग्रुप टर्म इंश्योरेन्स पर 10 लाख और 4 पूर्ण आश्रितों को 20 लाख के बीमा दायरे में रखने की मांग की है। वर्मा ने कहा इस पैकेज के अंतरगत कई अन्य सुविधाएं होंगी, जो 4 लाख कर्मचारियों के लिए बेहतर होगा।