पूर्व सीएम भूपेश को हराने पर केंद्र सरकार में महत्व मिलने की थी उम्मीद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से सांसद संतोष पांडे और भाजपा में मायूसी का माहौल है। राजनीतिक रूप से एक बड़ी सफलता के साथ पांडे ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को हार का स्वाद चखाया। ऐसे में वह अपनी इस कामयाबी के भरोसे मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी आस में थे।
छत्तीसगढ़ से नए नवेले बिलासपुर के सांसद तोखन साहू को अप्रत्याशित तौर पर मंत्रिमंडल में जगह मिली है। तोखन को साहू समाज का प्रतिनिधित्व करने की वजह से जातिगत समीकरण के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए संतोष पांडे को मंत्री पद की जगह दिलाने के लिए आरएसएस और केंद्रीय नेतृत्व के नेता प्रयासरत थे। बताया जा रहा है कि पांडे को मंत्री पद दिलाने के लिए राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष पूरजोर कोशिश कर रहे थे। राष्ट्रीय नेतृत्व ने तमाम कयासों को दरकिनार कर बिलासपुर सांसद को मंत्री बनाने का ऐलान किया।
लोकसभा चुनाव में संतोष पांडे ने भूपेश बघेल जैसे दिग्गज नेता को हराकर केंद्रीय राजनीति में अपनी पकड़ बनाई। राजनीतिक गुणा-भाग में पांडे पीछे रह गए। साहू समाज की बाहुल्यता के चलते छत्तीसगढ़ से बिलासपुर सांसद ने बाजी मार ली।
ज्ञात हो कि साल 1999 में पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को भाजपा प्रत्याशी के तौर पर डॉ. रमन सिंह ने शिकस्त दी थी। जिसके चलते अटल बिहारी सरकार में रमन को केंद्रीय वाणिज्य राज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया।
यह पहला अवसर था जब राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के इतिहास में किसी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली थी।
25 साल पहले हुए राजनीतिक घटनाक्रम के दोबारा पांडे की जीत की वजह से रिपीट होने की उम्मीद थी। फिलहाल भाजपा में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से मायूसी छाई हुई है।
छत्तीसगढ़ को मोदी और
भाजपा ने हमेशा छला
कुलबीर केंद्र की मोदी सरकार में राजनांदगांव को उम्मीद के मुताबिक तवज्जो नहीं मिलने पर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने तंज कसते आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सदैव मोदी सरकार में उपेक्षित रहा है। दस साल के कार्यकाल में मोदी ने छत्तीसगढ़ को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया। इसे चलन के तौर पर मोदी और भाजपा आगे बढ़ा रहे हैं।
छाबड़ा ने कहा कि पहले भी रमन सरकार में राजनांदगांव की जमकर उपेक्षा हुई। उद्योग और अन्य बुनियादी संसाधनों के लिए आज भी राजनांदगांव तरस रहा है। भाजपा में राजनांदगांव हमेशा दोयम दर्जे का शिकार होता रहा है।