राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 दिसंबर। शहरी सरकार के चुनाव को लेकर चल रही प्रारंभिक प्रशासनिक तैयारी के बीच वार्डों के आरक्षण के बाद ओबीसी वर्ग को बड़ा फायदा मिलने के आसार हैं। राजनांदगांव नगर निगम के 51 में से 25 से ज्यादा वार्डों में ओबीसी वर्ग के खाते में जा सकता है। अगले सप्ताह आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसी के साथ नगरीय निकाय चुनाव का आगाज हो जाएगा। निकाय चुनाव को लेकर नगर निगम ने वार्डों का परिसीमन पूर्ण कर लिया है। नए निकाय चुनाव के लिए वार्डों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन कई वार्डों को अगल-बगल के वार्डों में जोड़ा गया है, इसको लेकर भी विवाद की स्थिति है। कांग्रेस का कहना है कि सत्तारूढ़ दल ने सियासी फायदे के लिए कई वार्डों का विभाजन मनमाफिक तरीके से किया है। इसके पीछे कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेताओं को चुनाव से दूर रखने का मकसद है। वर्तमान में 51 में से 25 वार्डों में ओबीसी वर्ग का दबदबा रहेगा। जबकि शेष 26 वार्डों में अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण होगा। ऐसी खबर है कि ज्यादातर वार्डों में ओबीसी वर्ग को मौका दिए जाने के पीछे राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करने सत्तारूढ़ दल की कोशिश है। इस बीच नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया के पहले चरण में आरक्षण पर सभी की निगाहे टिकी हुई है। पूरे प्रदेश में एक साथ 11 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। दावा-आपत्ति के लिए सिर्फ 2 से 3 दिन का मौका मिलेगा। यानी 15 दिसंबर के बाद किसी भी दिन आचार संहिता लागू हो जाएगी।
जनवरी के पहले सप्ताह में शहरी सरकार चुनने के लिए लोग मतदान केंद्रों में नजर आएंगे। एक जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि निकाय चुनाव के लिए ईवीएम मशीन का उपयोग होगा। जबकि निकाय चुनाव के फौरन बाद प्रस्तावित त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे।
बताया जा रहा है कि आरक्षण के लिए एससी, एसटी की 50 फीसदी आबादी होने पर ही इस वर्ग के लिए आरक्षण होगा
। उसके बाद बची सीटों पर जनसंख्या के हिसाब से ओबीसी को मौका मिलेगा। राजनांदगांव नगर निगम में ओबीसी मतदाताओं की काफी तादाद है। ऐसे में आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार से मिले निर्देश का पूर्ण पालन किया जाएगा। वार्डों में आरक्षण के बाद स्थिति साफ होगी, तब चुनाव लडऩे वाले दावेदारों का नाम भी स्पष्ट रूप से सामने आएगा।