‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 7 मार्च। बस्तर में रेल की मांग दिन प्रतिदिन तेज होती नजर आ रही है। पिछले दिनों बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने एक बैठक की और आंदोलन में साथ होने की बात बताई फिर सर्व समाज जिला कोण्डागांव में बैठक आयोजित कर आंदोलन में भाग लेने की बात कही। इसी कड़ी में 5 मार्च को जिला कोण्डागांव में सर्व समाज ने सभी समाज प्रमुखों व रेल आंदोलन समिति के प्रमुखों की मौजूदगी में ऑक्शन हॉल में बैठक आयोजित कर आगामी रणनीति बनाई गई।
इसके साथ ही पदयात्रा में सभी वर्ग सभी समाज को साथ मिलकर आंदोलन को सफल बनाने की योजना बनाई। रेल आंदोलन में पदयात्रा की अगुवाई 93 वर्षीय धर्मपाल सैनी करेंगे। इस पदयात्रा की शुरुआत बस्तर रियासत काल के अंतिम गढ़ अंतागढ़ से होगी और नारायणपुर, कोण्डागांव, भानपुरी से गुजरते हुए जगदलपुर में आकर थमेगी। 171 किलोमीटर की पदयात्रा में कई पड़ाव होंगे। इस आंदोलन समिति द्वारा पदयात्रा की तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी इससे पहले जनजागरण के माध्यम से गांव गांव पहुंच बस्तर में रेल की महत्ता को साझा कर जनसमर्थन से शुरू होने वाली पदयात्रा के बारे में बताएगी।
आंदोलन समिति की बैठक में वक्ताओं ने अपने अपने उद्बोधन में कहा कि बस्तर के साथ छलावा बहुत हुआ अब नही होने देंगे राजनीतिक पार्टियां बस्तर के विकास की सोंचते है। बस्तरवासियों की नही बस्तरवासियों का विकास तभी होगा जब सम्पूर्ण बस्तर में रेल दौड़ेगी पिछली पीढ़ी कहते कहते स्वर्ग सिधार गए कि रेल आएगी पर रेल की पटरी तक नही बिछ पाई हम हमारी पीढ़ी में ही बस्तर में रेल दौड़ाकर रहेंगे।
चाहे सरकार से लडऩा ही क्यों न पड़े रेल दो या जेल दो बस्तर के साथ छलावा नही होने देंगे हमारे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कानों तक रेल आंदोलन की आवाज गूंजेगी तब जाकर हमारे बस्तर में रेल दौड़ेगी।
बैठक में बस्तर रेल विकास आंदोलन से शांतिलाल सुराना, महेंद्र सुराना, नीलकंठ शार्दूल, धँसराज टंडन, मनीष शर्मा, संपत झा, शंकर लाल गुप्ता, विमल बोथरा, तरुण गोलछा, ओम टावरी, कमलेश मोदी, रितेश पटेल, सुरेंद्र मिश्रा, भारत जैन, शीतल कोर्राम, जैनेंद्र ठाकुर, डीएस साहू, बसंत साहू, प्रभुनाथ यादव, धनसिंह यादव, तरुण नाग, एमडी बघेल, पी डीविश्वकर्मा, आर के जैन, भारत जैन, कृष्ना पटेल,य तीन्द्र सलाभ, शानु मार्कण्डेय, पी एल ठावरे, बरातू राम विश्वकर्मा, कमलेश दिवान, मनोज जैन, बालसिंह बघेल व बस्तर रेल विकास आन्दोलन समिति के सदस्यों और समाज प्रमुखों के साथ भारी संख्या में सामाजिकजन मौजूद रहे।