जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 नवंबर। डीजे और साउंड बॉक्स की तेज आवाज से आमजन को हो रही परेशानियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने इसे ध्वनि प्रदूषण मानते हुए इसे अल्ट्रा वायरस घोषित करने की मांग की।
सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि ध्वनि अधिनियम पर्याप्त सख्त नहीं है। एक या दो बार 500 से 1000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। न तो उपकरण जब्त होते हैं और न ही कड़े नियम बनाए गए हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि पहली बार डीजे की तेज आवाज पर कार्रवाई के बाद यदि वही व्यक्ति फिर से नियम तोड़ता है, तो सरकार क्या कदम उठाती है। अदालत ने डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से हो रही समस्याओं पर भी चिंता जताई। अदालत ने कहा कि ये लाइटें आमजन की आंखों और दिल दोनों के लिए खतरनाक हैं। राज्य सरकार को इसे रोकने के प्रयास तेज करने चाहिए। इस दौरान दो हस्तक्षेप याचिकाएं भी दाखिल की गईं, जिनमें बताया गया कि आपातकालीन नंबर 112 पर शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। महाधिवक्ता ने सरकार की ओर से हुई कार्रवाई की जानकारी दी और बताया कि डीजे और अन्य वाहनों पर लगे साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही प्रतिबंध है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और दोबारा उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं।
अदालत ने कहा कि वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण जरूरी है। तय मानकों से अधिक आवाज में संगीत बजाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, ध्वनि अधिनियम के साथ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत भी अलग से कार्रवाई की जानी चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। यदि नियमों का उल्लंघन जारी रहता है, तो 5000 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
इधर, जनहित याचिका के साथ डीजे ऑपरेटरों ने भी एक हस्तक्षेप याचिका दायर की। इसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस कई जगहों पर डीजे संचालकों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर रही है। अदालत ने सरकार से इस मामले में भी जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 नवंबर। न्यायधानी पुलिस और प्रशासन को शहर की अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए एक जागरूक नागरिक आलोक कुमार ने कुछ सुझाव दिए हैं।शहर की अव्यवस्थित ट्रैफिक पर
चिंता जताते हुए कुमार ने कहा है कि ट्रैफिक पुलिस टट व्यवस्था को दुरुस्त करने कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इससे वाहन चालक अपनी मनमर्जी पर हैं। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने ऐसे कुछ उपाय करने चाहिए-
ट्रैफिक नियमों के बारे में वाहन चालकों को जानकारी हो इसके लिए शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक साइन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने, जनजागरुकता अभियान चलाना चाहिए द्य इसमें शहर के जागरुक लोगों को च्च्ट्रैफिक मितानज्ज् बनाकर इन्हें ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण देकर प्रमुख चौक-चौराहों, बाजारों, स्कूल-कॉलेज आदि स्थानों पर तैनात किया जाना चाहिए और सोशल मीडिया के जरिये भी वाहन चालकों को जागरूक करने ट्रैफिक पुलिस बिलासपुर के फेसबुक पेज पर च्च्आपकी बात, ट्रैफिक पुलिस के साथज्ज् इस पर ट्रैफिक नियमों व अन्य जानकारियों को लोगों के साथ शेयर किया जाना चाहिए। शहर में नियमित रूप से अभियान चलाकर बिना परमिट व लाइसेंस के बस,ऑटो चलाने वालों के लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही ट्रैफिक पुलिस को करना चाहिए।हकीकत कुछ और है कई बस व आटो वालों के पास न तो परमिट है और न ही लाइसेंस। और इनका ड्रेस कोड भी तय है, लेकिन बहुसंख्य वाहन चालक जानबुझकर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। लेकिन इस पर न तो ट्रैफिक पुलिस कोई कार्यवाही कर रही है और न ही आरटीओ द्य इन दोनों ही विभाग को संयुक्त रूप से लापरवाह बस व आटो चालकों पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए। बस,ऑटो रिक्शा में विभिन्न जगहों की किराया सूची चस्पा कराया जाना चाहिए।
नेहरू चौक, महामाया चौक, मन्दिर चौक, स्मार्ट सिटी नेहरू नगर जैसे व्यस्ततम चौक पर पूरी तरह से मिट चुके जेब्रा क्रोसिंग बनवाने चाहिए। ताकि इस जेब्रा क्रोसिंग पर पैदल चलने वाले सुरक्षित रोड क्रास कर सके।
महानगरों के तर्ज पर बिलासपुर व उसलापुर रेल्वे स्टेशन में प्री पेड बूथों का निर्माण रेल्वे ने कराया था। जो बार-बार रेल्वे प्रशासन की लापरवाही के कारण बंद हो जाता है।उसे व्यवस्थित रूप से शुरू कर आरपीएफ के जवानों की तैनात किए जाएं। स्टेशन के लापरवाह आटो चालकों पर जुर्माना, एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्यवाही रेल्वे प्रशासन व आरपीएफ को करे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 नवंबर। न्यायधानी पुलिस और प्रशासन को शहर की अव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए एक जागरूक नागरिक आलोक कुमार ने कुछ सुझाव दिए हैं।शहर की अव्यवस्थित ट्रैफिक पर
चिंता जताते हुए कुमार ने कहा है कि ट्रैफिक पुलिस टट व्यवस्था को दुरुस्त करने कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इससे वाहन चालक अपनी मनमर्जी पर हैं। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने ऐसे कुछ उपाय करने चाहिए-
ट्रैफिक नियमों के बारे में वाहन चालकों को जानकारी हो इसके लिए शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक साइन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने, जनजागरुकता अभियान चलाना चाहिए द्य इसमें शहर के जागरुक लोगों को च्च्ट्रैफिक मितानज्ज् बनाकर इन्हें ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण देकर प्रमुख चौक-चौराहों, बाजारों, स्कूल-कॉलेज आदि स्थानों पर तैनात किया जाना चाहिए और सोशल मीडिया के जरिये भी वाहन चालकों को जागरूक करने ट्रैफिक पुलिस बिलासपुर के फेसबुक पेज पर च्च्आपकी बात, ट्रैफिक पुलिस के साथज्ज् इस पर ट्रैफिक नियमों व अन्य जानकारियों को लोगों के साथ शेयर किया जाना चाहिए। शहर में नियमित रूप से अभियान चलाकर बिना परमिट व लाइसेंस के बस,ऑटो चलाने वालों के लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही ट्रैफिक पुलिस को करना चाहिए।हकीकत कुछ और है कई बस व आटो वालों के पास न तो परमिट है और न ही लाइसेंस। और इनका ड्रेस कोड भी तय है, लेकिन बहुसंख्य वाहन चालक जानबुझकर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। लेकिन इस पर न तो ट्रैफिक पुलिस कोई कार्यवाही कर रही है और न ही आरटीओ द्य इन दोनों ही विभाग को संयुक्त रूप से लापरवाह बस व आटो चालकों पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए। बस,ऑटो रिक्शा में विभिन्न जगहों की किराया सूची चस्पा कराया जाना चाहिए।
नेहरू चौक, महामाया चौक, मन्दिर चौक, स्मार्ट सिटी नेहरू नगर जैसे व्यस्ततम चौक पर पूरी तरह से मिट चुके जेब्रा क्रोसिंग बनवाने चाहिए। ताकि इस जेब्रा क्रोसिंग पर पैदल चलने वाले सुरक्षित रोड क्रास कर सके।
महानगरों के तर्ज पर बिलासपुर व उसलापुर रेल्वे स्टेशन में प्री पेड बूथों का निर्माण रेल्वे ने कराया था। जो बार-बार रेल्वे प्रशासन की लापरवाही के कारण बंद हो जाता है।उसे व्यवस्थित रूप से शुरू कर आरपीएफ के जवानों की तैनात किए जाएं। स्टेशन के लापरवाह आटो चालकों पर जुर्माना, एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्यवाही रेल्वे प्रशासन व आरपीएफ को करे।
करगीरोड (कोटा), 19 नवंबर। गुडविल पब्लिक स्कूल कोटा में बाल दिवस पर विद्यार्थियों और उनके परिजनों तथा नगरवासियों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सुबह 10 बजे से विद्यार्थियों का चेकअप डॉक्टरों की टीम ने किया, रक्त परीक्षण भी किया गया। इसके बाद दवा का वितरण किया गया।
लोगों ने अपने डाइट के बारे में जानकारी प्राप्त कर उपचार का लाभ लिया। शिविर में कई डॉक्टरों व कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं दीं, जिनमें बिलासपुर के डॉ. पुरुषोत्तम सिंह चौहान, सुनील सिंह, डॉ. नंदिनी, डॉ. दीपक गुप्ता, अमित सिंह, रोमा यादव सहित कोटा बीएमओ निखलेश गुप्ता एवं स्वास्थ्य कर्मियों में संतोष साहू, मनोजा रानी नर्स, सुपरवाइजर निर्मला सिदार, ईश्वर कश्यप, पुष्पा सोनी, भागमती साहू, राममनी यादव, जया साहू, रंजना नेल्सन, विवेक नेल्सन, अश्वनी पैकरा ने अपनी सेवाएं दी।
लैब टेक्नीशियन शमशुल ने ब्लड ग्रुप जाँच की।
स्वास्थ शिविर में तहसीलदार प्रकाश साहू , भाजपा जिला महामंत्री मोहित जायसवाल, मंडल उपाध्यक्ष दुर्गेश साहू, कन्या शाला कोटा आशा दत्ता , आत्मानंद स्कूल डी के पी, प्राचार्य संतोष चिंचोलकर, व्याख्याता चंद्रशेखर गुप्ता, उप पोस्टमास्टर ओपी गुप्ता, बीपी लहरे, वार्ड पार्षद अमरनाथ साहू, प्रदीप कौशिक, बाबा गोस्वामी, नगर के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि एवं सूरज गुप्ता-अध्यक्ष प्रेसक्लब, जावेद खान सचिव , उपाध्यक्ष अंकित सोनी, विकास तिवारी उपस्थित थे।
स्कूल के प्राचार्य नवीन गुप्ता ने कहा कि छात्रों के बेहतर स्वास्थ्य की चिंता करना हमारा भी दायित्व है और शिविर में आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 नवंबर। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में तंबाकू और उसके उत्पादों की अवैध बिक्री के खिलाफ जिला प्रशासन ने व्यापक अभियान चलाया। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। इस दौरान स्कूलों और उनके 100 मीटर के दायरे में संचालित दुकानों और ठेलों पर निशाना साधा गया। कार्रवाई में हजारों गुटखा पाउच, बीड़ी, सिगरेट, और अन्य सामग्री जब्त की गई।
शहर के जोन क्रमांक 3 में नेहरू चौक, राजेंद्र नगर, जरहाभाटा, सत्यम चौक और अन्य इलाकों में नौ दुकानों से तंबाकू उत्पाद जब्त किए गए और कुछ दुकानों को सील किया गया। 22,000 रुपए जुर्माने के रूप में वसूले गए।
गनियारी, उसलापुर और खैरा जयराम नगर में 46 दुकानों और ठेलों पर कार्रवाई कर 23,850 रुपए जुर्माना वसूला गया। वहीं, पचपेड़ी, मस्तूरी और अन्य तहसीलों में भी तंबाकू विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई।
मालूम हो कि कोटपा एक्ट के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इस अभियान को नियमित रूप से जारी रखा जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 नवंबर। सरकंडा थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस टीम से विवाद और थाने में हंगामा करने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शनिवार रात 9 बजे से रविवार सुबह 9 बजे तक सरकंडा पुलिस पेट्रोलिंग कर रही थी।
बगदाई मंदिर मुरूम खदान के पास पेट्रोलिंग वाहन में तैनात सिपाही शरद खुसरो और बसंत भारद्वाज को दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। पूछताछ करने पर दोनों युवक भडक़ गए और गाली-गलौज करने के साथ ही जान से मारने की धमकी देने लगे।
सूचना मिलते ही अन्य पेट्रोलिंग कर्मी मौके पर पहुंचे और दोनों युवकों को पकडक़र थाने ले आए। जांच में दोनों युवकों के नशे में होने की पुष्टि हुई। इसी दौरान एक अन्य युवक विनय कुमार मिश्रा थाने पहुंचा और अपने भाइयों को हिरासत में लेने का कारण पूछते हुए हंगामा करने लगा। वह खुद को तहसीलदार बता रहा था। विनय ने थाने में पुलिसकर्मियों से गाली-गलौज की, जिसके बाद सरकंडा पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 नवंबर। रतनपुर में पुलिस ने हत्या के प्रयास, लोक सेवक को शासकीय कार्य से रोकने, वीजा उल्लंघन और आर्थिक क्षति पहुंचाने के आरोप में तीन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
15-16 नवंबर की रात करीब 12 बजे, रतनपुर थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग पर तैनात आरक्षक सुनील कोरी और उनके सहकर्मी आरक्षक लेखपाल सिंह खुसरो को संदिग्ध कार ( डीएल 9 सीयू 4208) को रोकने का प्रयास किया।
करीब रात 2 बजे, जब संदिग्ध ने तेज गति से बेरियर को तोड़ते हुए पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया, तो पुलिसकर्मी किसी तरह कूदकर अपनी जान बचाने में सफल हुए। पुलिस ने पीछा करते हुए कोनी थाना क्षेत्र में कार को रोका और उसमें सवार तीन विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी वलसुद्दीन कमलजादा (37 वर्ष), मूल निवासी काबुल, अफगानिस्तान, फयाजुद्दीन (32 वर्ष), मूल निवासी काबुल, अफगानिस्तान और समन्दरोवा नाजीरा (39 वर्ष), मूल निवासी उजबेकिस्तान हैं।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 132, 221 और 324(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी दावा करते हैं कि वे पिछले 11 वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं और ड्राई फ्रूट्स के व्यवसाय से जुड़े हैं। वे स्वदेशी मेले में स्टॉल लगाने के लिए आए थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 18 नवंबर। जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू ने शनिवार को तखतपुर और कोटा विकासखंड के दर्जनों स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। सुबह 7:30 बजे से दोपहर 2 बजे तक किए गए निरीक्षण में कई स्कूल निर्धारित समय पर बंद पाए गए।
तखतपुर विकासखंड की शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शाला पोड़ी (भरनी) सुबह 7:35 बजे तक बंद पाई गई। शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पोड़ी सुबह 8 बजे तक नहीं खुला। ग्रामीणों ने प्राचार्य की शिकायत की थी। नवापारा घुटकू स्कूल में केवल दो शिक्षक समय पर उपस्थित थे, जबकि प्रधान पाठक और अन्य शिक्षक विलंब से पहुंचे। शासकीय प्राथमिक शाला चक्राकुंड में शिक्षक अध्यापन समय के दौरान बाहर बैठे पाए गए। बच्चे कक्षा में स्वयं से पढ़ते नजर आए।
कोटा विकासखंड के निरीक्षण में प्राथमिक शाला पीपरतराई की शिक्षिकाएं पढ़ाने की जगह कार्यालयीन काम में व्यस्त मिलीं। नवापारा खुरदुर स्कूल के शिक्षक भी समय पर नहीं पहुंचे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों में साफ-सफाई, मध्याह्न भोजन मेनू अनुसार बनाने और शिक्षकों को रुचिपूर्ण तरीके से पढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कई शिक्षकों और प्रधान पाठकों को अनुशासनहीनता के लिए शो-कॉज नोटिस जारी करने की बात कही। निरीक्षण के दौरान 11 शिक्षक बीएलओ ड्यूटी पर होने के कारण अनुपस्थित पाए गए। डीईओ ने छात्रों से गणित और विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स दिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 17 नवंबर। जिला खनिज न्यास के वित्तीय सहायता से करहीकछार में महिला स्व सहायता समूहों के लिए शेड का का लोकार्पण मुख्य अतिथि कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि संदीप शुक्ला पूर्व जप अध्यक्ष कन्हैया गंधर्व, आशीष मिश्रा,पायल लाठ सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने , जोसेलाल मंच सरपंच, रणजीत पटेल उपसरपंच, संजय यादव सरपंच प्रतिनिधि संगम अध्यक्ष राजकुमारी धुर्वे , यशोदा टोप्पो, शांति महंत क्लस्टर अध्यक्ष , बेन रत्नाकर के आशीष मिश्रा, प्रशांत शर्मा, करकमलों द्वारा किया गया। महिलाओं द्वारा परंपराग अदिवासी नृत्य से अतिथियों का स्वागत किया।
इस भवन की मांग सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामनें द्वारा जनपद पंचायत के सक्षम अधिकारी के समक्ष विगत 1 वर्ष पूर्व रखी गई थी। अनिल बामने कहते हैं कि इस भवन निमार्ण से इस क्षेत्र के महिला समूहों से निश्चित ही लाभ होगा जिसमें उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और समूह द्वार बनाए जा रहे उत्पादों को विक्रय करने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में करहीकछार में मिलेट प्रसंस्करण इकाई, सेनेटरी पैड मेन्युफेक्चरिंग इकाई, हैंडवाश मेकिंग इकाई, सत्तू निर्माण इकाई संचालित है। जिसे जन स्वास्थ्य सहयोग संस्था गनियारी द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है, संस्था के माध्यम से संगम समिति संचालित करती है और जन स्वास्थ्य सहयोग संस्था महिलाओं की स्थाई आजीविका स्थापित करने के लिए भरपूर योगदान सहयोग दे रही है। महिला समूह ने गरीमा नामक ब्रांड बनाया है जिसके नाम से देश के लगभग 19 राज्यों में इंडिया पोस्ट के माध्यम से ग्राहक तक अपने उत्पाद पहुंचा रही हैं।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने समूहों के कार्य की तरीफ करते हुए कहा कि करहीकछार में मिलेट मशीन संचाल हो रही है यह इस क्षेत्र की उपलब्धि है और निश्चित ही इससे क्षेत्रवासीयों के साथ साथ जिले को कोदो, कुटकी सांवा, कंगनी जैसे अनाजों के प्रसंस्करण प्रक्रिया की जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी और स्वाथ्य लाभ भी हो रहा है। उन्होनें गरिमा नाम के ब्रांड बनाए पर खुशी जताई और समूह द्वारा निर्मित उत्पाद भी क्रय किया और महिला समूहों को हर संभव सहायता की बात कही।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने समूहिक गांव के खेती सुरक्षा के लिए सामूहिक फैंसिंग कार्य को करहीकछार में किया जाएगा यह आश्वाशन दिया है जिससे फसल सुरक्षा हो सके । गरिमा मंच के द्वारा चलाए जा रहे खेत से पेट तक अभियान को भी सराहा।
इस अवसर आशीष मिश्रा , कन्हैया गंधर्व, होमप्रकाश , पुष्पलता रत्नाकर, बैन रत्नाकर ,भवन, संत मेसराम, भगत, प्रकाशमणी धर्मेंद्र, शैलेंद्र, सेवाराम, नरेश अजय जासवाल, करहीकछार के सरपंच जोशेलाल, उपसरपंच रंजीत पटेल सचिव मलेश लहरे, परमेश्वर पटेल, संगठन अध्यक्ष शांती मंहत और पंचगण एवं क्षेत्र के सैंकड़ों लोग एवं महिला समूह की महिला उपस्थित रही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 नवंबर। शिशु रोग विशेषज्ञ किरण देवरस तिरुपति में रूम बुक कराने के नाम पर 90 हजार 356 रुपये की धोखाधड़ी का शिकार हो गए। डॉक्टर ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डॉक्टर देवरस ने बताया कि उन्होंने तिरुपति देवस्थानम में कमरा बुक कराने के लिए 1 नवंबर को कॉल किया था, लेकिन वहां से कमरा उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट पर वराह स्वामी मठ की वेबसाइट सर्च की। वहां मिले नंबर पर कॉल किया, लेकिन पहली बार कोई जवाब नहीं मिला। थोड़ी देर बाद उसी नंबर से डॉक्टर को कॉल आया, और रूम बुकिंग के लिए 25,800 रुपये मांगे गए। डॉक्टर ने क्यूआर कोड स्कैन कर यह राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी।
इसके बाद जालसाजों ने सिक्योरिटी मनी के नाम पर 15,200 रुपये की और मांग की। डॉक्टर ने गलती से 15,000 रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन जालसाजों ने पूरी राशि एक बार में भेजने का दबाव बनाया और पहले की राशि लौटाने का आश्वासन दिया। इस प्रक्रिया में डॉक्टर ने दोबारा बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी।
जब जालसाजों ने फिर से 720 रुपये भेजने के लिए कहा, तब डॉक्टर को संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत अपने गूगल पे खाते को ब्लॉक कर दिया और नेशनल क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 नवंबर। मनेंद्रगढ़ जिले के झगराखांड निवासी मनोज कुमार पनिका को बाइक सवार दो युवकों ने किडनैप कर लूटपाट की। मनोज सिरगिट्टी में एक डॉक्टर के घर देखरेख का काम करता है। वह 13 नवंबर की रात ट्रेन से बिलासपुर पहुंचा था। 14 नवंबर की सुबह जब वह बंगला यार्ड के पास पैदल जा रहा था, तभी युवकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
सूनसान जगह देखकर मनोज तेज चलने लगा, लेकिन युवकों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और बाइक पर बिठाकर फदहाखार ले गए। वहां उन्होंने चाकू की नोक पर परिजनों से बात कराकर ऑनलाइन 3,500 रुपये मंगवाए। रात को आरोपी मनोज को इंदू चौक के पास लेकर पहुंचे, जहां मौका पाकर वह भाग निकला।
मनोज ने उसलापुर रेलवे स्टेशन में मोबाइल चार्ज कर स्वजन को घटना की जानकारी दी। शिकायत पर तारबाहर पुलिस ने आरोपियों निशांत नायडू और करण साहू को गिरफ्तार कर लिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि परिवीक्षा अवधि के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने यह फैसला जनपद पंचायत कोटा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) युवराज सिन्हा के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए सुनाया।
सिन्हा जनपद पंचायत कोटा में सीईओ के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने तबादले को चुनौती दी। उनकी नियुक्ति 6 अप्रैल 2022 को हुई थी, और 24 अक्टूबर 2024 को उन्हें जनपद पंचायत सरायपाली, जिला महासमुंद स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया।
याचिका में बताया गया कि नियुक्ति आदेश की कंडिका 13 के अनुसार, परिवीक्षा अवधि के दौरान स्थानांतरण प्रतिबंधित है। बावजूद इसके राज्य शासन ने इस नियम का उल्लंघन करते हुए स्थानांतरण आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में परिवीक्षा अवधि में है और उनके स्थान पर कम वेतनमान वाले राजीव कुमार तिवारी को पदस्थ किया गया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता के पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी और सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी कर मामले में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 नवंबर। उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने साइंस कॉलेज मैदान में सात दिवसीय स्वदेशी मेले का कल शाम उद्घाटन किया। स्वदेशी जागरण मंच के सौजन्य से आयोजित यह मेला 21 नवंबर तक चलेगा। साव और अन्य अतिथियों ने मां भारती, सरस्वती माता और भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आरंभ किया।
अरुण साव ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा- स्वदेशी चीजों के सतत उपयोग से देश मजबूत होगा और आत्मनिर्भरता व स्वाभिमान का विकास होगा। हमें अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी विचार को भारत की विरासत बताते हुए कहा कि यह कोई नई सोच नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति का हिस्सा है। भारत ने दुनिया को आयुर्वेद, शून्य, शल्य चिकित्सा और वेदों का ज्ञान दिया है। उन्होंने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों के शासनकाल में हमारी विरासत और मान-बिंदुओं को कमजोर कर हमें हीन भावना से भर दिया गया था। महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ते हुए इसे एक नई दिशा दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि आज का दौर वैश्विक संधियों का है, जहां किसी देश के सामान पर पाबंदी लगाना संभव नहीं है। इसलिए हमें जागरूक होकर स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। इससे देश के हित तो सधेगा ही, साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को देश की आर्थिक सफलता का प्रमुख आधार बताया और कहा कि भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले पांच वर्षों में तीसरे स्थान पर होगा।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि विधायक सुशांत शुक्ला, महापौर रामशरण यादव और स्वदेशी जागरण मंच के सह विचार प्रमुख राघवेंद्र प्रताप सिंह चंदेल ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने स्वदेशी चिंतन और देश में बनी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही।
कार्यक्रम में स्थानीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और योग-व्यायाम का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 नवंबर। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया और जनजातीय समाज को नई जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने यह बात कोटा ब्लॉक के बेलगहना शासकीय स्कूल में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई से वर्चुअली जुडक़र कार्यक्रम को संबोधित किया।
साहू ने अपने संबोधन में कहा, भगवान बिरसा मुंडा ने हमें यह सिखाया कि यदि संकल्प मजबूत हो तो कोई कठिनाई हमें रोक नहीं सकती। उनका जीवन संघर्ष, स्वाभिमान और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने जल, जंगल और जमीन को सहेजने का काम किया है और हमें उनके आदर्शों पर चलना चाहिए।
तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष अपनी संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महाक्रांति था। उन्होंने सभी को अपने बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दिया। विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि जनजातीय समाज की विरासत हमें आत्मसम्मान के साथ आगे बढऩे की प्रेरणा देती है।
कलेक्टर अवनीश शरण ने सभा में बताया कि जिले में जनजातीय समाज के विकास के लिए धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें 17 विभाग शामिल होंगे।
कार्यक्रम में अतिथियों ने वन अधिकार पट्टा, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और अन्य सामग्रियों का वितरण कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया।
कार्यक्रम में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। अतिथियों ने विभिन्न विभागों के स्टॉल्स का अवलोकन किया और स्व सहायता समूह की दीदियों द्वारा तैयार सामग्रियों की सराहना की।
इस अवसर पर तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह और जनजातीय समाज के लोग मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 नवंबर। बिलासपुर संभाग के जिलों—बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में आरक्षक संवर्ग के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। यह प्रक्रिया 2री वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, सकरी के मैदान में आयोजित की जा रही है और 10 जनवरी 2025 तक चलेगी।
भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड, सभी प्रमाण पत्रों की मूल व स्व-प्रमाणित प्रतियां और एक पहचान पत्र साथ लाने का निर्देश दिया गया है। इसके बिना भर्ती ग्राउंड में प्रवेश नहीं मिलेगा।
भर्ती स्थल पर मोबाइल फोन ले जाना और उसका उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही, अभ्यर्थियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति या रिश्तेदार की उपस्थिति पर भी सख्त रोक है। यदि भर्ती स्थल पर कोई अनाधिकृत व्यक्ति पाया गया, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक और चयन समिति के अध्यक्ष रजनेश सिंह ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बताते हुए अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की धोखाधड़ी या लेन-देन से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आधुनिक तकनीक के माध्यम से संचालित हो रही है। यदि कोई व्यक्ति भर्ती के नाम पर प्रलोभन देते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 नवंबर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) ने नागपुर से झारसुगुड़ा रेलखंड (614 रूट किलोमीटर) पर हाई डेंसिटी नेटवर्क मार्ग के लिए कवच प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से 292 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजना हेतु निविदा बुलाई है। निविदा 25 नवंबर को खोली जाएगी।
इस परियोजना के तहत स्टेशन कवच उपकरणों की स्थापना, भवनों और टावरों का निर्माण, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाने जैसे कार्य शामिल होंगे।
इसके साथ ही, लो डेंसिटी नेटवर्क में 1563 रूट किलोमीटर के क्षेत्र में कवच प्रणाली लागू करने हेतु विस्तृत इस्टीमेट को भी स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसकी निविदा प्रक्रिया फिलहाल जारी है।
कवच प्रणाली भारतीय रेलवे की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) तकनीक है, जिसका उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोककर ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करना है। यह प्रणाली ट्रेनों की गति, सिग्नल की स्थिति और अन्य विवरणों के अनुसार पूरी तरह स्वचालित संचालन को सुनिश्चित करती है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च 2022 में इस तकनीक का परीक्षण दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में किया था। मगर उसके बाद कई रेल दुर्घटनाओं में लोग मारे जा चुके हैं।
करगीरोड (कोटा), 15 नवंबर। तीन अलग-अलग अवैध शराब मामलों में 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से 50 लीटर कच्ची महुआ शराब जब्त किया गया।
कोटा पुलिस ने बेल्टुकरी में मुखबिर सूचना पर छापा मारा। जिसमें आरोपियों दिलहरन उर्फ नानू वर्मा बेल्टुकरी, गनियारी, रामायण वर्मा बेल्टुकरी, गनियारी, इंद्रजीत केंवट उर्फ ईशु खोंगसरा, चौकी बेलगहना के पास से क्रमश: 23 लीटर, 20 लीटर एवं 7 लीटर अवैध कच्ची महुआ शराब जब्त की गई।
आरोपियों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत कार्रवाई कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए बुधवार को संभागीय कमिश्नर की टीम ने दौरा किया। यह जांच सिम्स के पूर्व डीन डॉ. केके सहारे और तत्कालीन एमएस डॉ. सुजीत नायक पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के संदर्भ में की गई है। आरोप हैं कि आयुष्मान योजना की राशि और सीसीटीवी कैमरों की खरीदी में गड़बडिय़ां हुईं।
जांच दल ने वर्तमान एमएस डॉ. लखन सिंह और अन्य अधिकारियों से लंबी पूछताछ की। बैठक में आयुष्मान योजना के तहत मिले फंड, सीसीटीवी कैमरों की खरीदी, और अन्य सुविधाओं पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस मामले की जांच के आदेश दिए जाने के बाद डॉ. सहारे और डॉ. नायक को पद से हटा दिया गया था।
दोपहर 2:30 बजे, जांच दल ने अस्पताल के मेडिकल वार्ड, केजुअल्टी वार्ड, और अन्य विभागों का निरीक्षण किया। टीम ने मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और संसाधनों का भी मूल्यांकन किया, साथ ही सीसीटीवी कैमरों और अन्य खरीदी की गई सामग्रियों का भी आकलन किया। जांच दल की मौजूदगी से सिम्स परिसर में हडक़ंप मच गया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। सिविल लाइन पुलिस ने एलआईसी प्रबंधक की शिकायत पर बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए विजय पांडेय, उनके भतीजे ओमप्रकाश पांडेय और नॉमिनी रमेश पांडेय को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि विजय पांडेय ने एलआईसी एजेंट नरेश अग्रवाल के साथ मिलकर अपने भतीजे ओमप्रकाश पांडेय का टर्म इंश्योरेंस करवाया और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए बीमा राशि के रूप में एक करोड़ रुपये का दावा किया। इस फर्जीवाड़े में वे 36 लाख रुपये निकालने में सफल रहे।
पुलिस के अनुसार, विजय पांडेय ने अपने भतीजे ओमप्रकाश के नाम पर तीन बीमा पॉलिसी ली थीं, जिनमें नॉमिनी के रूप में ओमप्रकाश के भाई रमेश पांडेय को नामांकित किया गया था। इस वर्ष 5 फरवरी 2024 को ओमप्रकाश की मृत्यु बताकर नॉमिनी रमेश ने बीमा कंपनी से 36 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त कर लिया। एलआईसी प्रबंधक को संदेह होने पर उन्होंने मामले की जांच की, जिससे पता चला कि ओमप्रकाश जीवित हैं। इस पर प्रबंधक ने फर्जीवाड़े की शिकायत सिविल लाइन पुलिस में दर्ज कराई।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने न केवल फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, बल्कि श्मशान घाट से भी दाह संस्कार का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करवाया। इसके लिए उन्होंने नगर निगम कार्यालय में अधिकारियों की सील और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया, जबकि श्मशान घाट से 2,000 रुपये देकर अंत्येष्टि का प्रमाण पत्र बनवाया गया था।
सिविल लाइन पुलिस ने विजय पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय और रमेश पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 (बी) के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस बात की जांच कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में अन्य कौन लोग शामिल हो सकते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बहतराई में तीरंदाजी के हेड कोच निलेश गुप्ता को अनुशासनहीनता और अनुचित व्यवहार के आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि दीपावली अवकाश के दौरान उन्होंने छात्रावासी खिलाडिय़ों को वापस घर जाने की अनुमति नहीं दी और प्रशिक्षण के बजाय कपल डांस व मड डांस जैसी गतिविधियों में संलग्न कराया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायत के बाद इस मामले की जांच की गई। खेल संचालक तनुजा सलाम ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर के सहायक संचालक को 8 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जांच में वीडियो और फोटो सबूतों के आधार पर आरोप सही पाए गए, जिसमें कोच निलेश गुप्ता खुद अनुशासनहीन गतिविधियों में शामिल दिखे।
खेल संचालक ने इस गतिविधि को खिलाडिय़ों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मानते हुए, निलेश गुप्ता को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। सहायक संचालक ए. एक्का ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो और वीडियो के जरिए मामले का खुलासा हुआ। दीपावली के दौरान खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस के नाम पर घर न भेजने और अनुचित गतिविधियों में संलग्न करने के चलते यह कदम उठाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आयु अधिक होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस देने से इनकार किए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है और मुंगेली कलेक्टर को याचिकाकर्ता को 30 दिनों के भीतर लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता, सरगांव थाना अंतर्गत चंदखुरी निवासी शंकरलाल अग्रवाल ने अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस का आवेदन दिया था, क्योंकि गांव के लोगों से पुरानी रंजिश के चलते उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। उन्होंने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई और आत्मरक्षा के लिए लाइसेंस मांगा।
पुलिस जांच में याचिकाकर्ता को शांतिप्रिय और बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड वाला पाया गया, जिसके बाद शस्त्र लाइसेंस देने की अनुशंसा की गई। फाइल को कलेक्टर मुंगेली के पास भेजा गया, लेकिन कलेक्टर ने आवेदक की उम्र 65 वर्ष होने के आधार पर लाइसेंस देने से इनकार कर दिया। इस निर्णय के खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि उम्र के आधार पर शस्त्र लाइसेंस न देना अनुचित है। कोर्ट ने कलेक्टर को आदेश प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता को शस्त्र लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित से जुड़े पांच महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया। चीफ जस्टिस की बेंच ने इनमें स्वत: संज्ञान लेते हुए जिले में निजी डॉक्टरों की प्रैक्टिस, व्यापार विहार के ऑक्सीजोन में कचरा, सडक़ों और गलियों में स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा, जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के बंद होने और तुर्काडीह के सरकारी स्कूल में करंट की समस्या जैसी समस्याओं पर संज्ञान लिया था।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत और उपमहाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने शासन की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि सभी समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है और कोर्ट के निर्देशानुसार सभी मुद्दों पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रमाणों सहित पेश की गई।
सभी प्रमाणों और रिपोर्ट से संतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने इन पांच प्रकरणों को निराकृत कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से जिले में जनहित से जुड़े इन मुद्दों पर प्रशासन की तत्परता और सक्रियता की पुष्टि हुई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। अरपा नदी के उद्गम स्थल के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान बिलासपुर नगर निगम गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट नदी में जाने से रोकने की स्पष्ट योजना अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाया। इस पर अदालत ने नाराजगी जताई और निगम को एक सप्ताह का समय देकर 19 नवंबर को अगली सुनवाई निर्धारित की है।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने नगर निगम द्वारा पेश किए गए शपथपत्र को अधूरा बताते हुए अस्वीकार कर दिया था और विस्तृत कार्ययोजना के साथ नया शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया था। आज जस्टिस संजय के अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने नदी के उद्गम स्थल पर भू-अर्जन प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी शपथपत्र में दी। लेकिन नगर निगम की ओर से इस विषय में गंभीरता नहीं दिखाए जाने पर कोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया। अदालत ने नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि निगम के पास गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए स्पष्ट योजना नहीं है, तो अफसरों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में बुलाना पड़ेगा।
नगर निगम ने पिछली सुनवाई में अदालत को बताया था कि गंदे पानी की निकासी को रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है और फंड स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सीवरेज प्लानिंग के लिए एक कंसल्टेंट को नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी इसे अंतिम रूप देना बाकी है। नगर निगम ने यह भी बताया था कि शहर की सीमा में गंदे पानी को नदी में जाने से रोकने के लिए बनाई गई योजना के तहत फंड की स्वीकृति की प्रतीक्षा की जा रही है।
इस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि निगम गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट के नदी में प्रवाहित होने से रोकने के लिए किस प्रकार की व्यवस्था करेगा, इसे स्पष्ट करे। कोर्ट ने सुझाव दिया कि जब तक ट्रीटमेंट की स्थायी व्यवस्था नहीं होती, स्टॉप डेम को खोल दिया जाए ताकि पानी निरंतर बहता रहे और नदी का प्रवाह बना रहे। इसके साथ ही अदालत ने नगर निगम से एक नया और विस्तृत शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया।
नगर निगम को इस मामले में अब समय रहते ठोस कार्ययोजना और फंड व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा हाईकोर्ट द्वारा कड़ी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में मुख्य आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से राहत मिली है। दोनों आरोपियों ने रायपुर जेल में पुन: स्थानांतरित किए जाने की अपील की थी, जिसे हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने स्वीकार कर लिया है। यह सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में हुई।
पिछले दिनों प्रशासन द्वारा टुटेजा और ढेबर को रायपुर जेल से कांकेर और जगदलपुर की जेलों में स्थानांतरित किया गया था। जेल अधीक्षक ने रायपुर की अदालत में एप्लिकेशन दाखिल कर दोनों पर शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए अलग-अलग जेलों में भेजने की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दी थी। इस फैसले के खिलाफ दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया कि उनका केस रायपुर में चल रहा है और उनके वकील एवं परिवार भी वहीं रहते हैं, जिससे दूर की जेलों में स्थानांतरित किए जाने से उनके लिए कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं।
अपनी याचिका में दोनों ने यह भी दावा किया कि निचली अदालत ने उन्हें सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों की अपील स्वीकार कर प्रशासन को उन्हें तुरंत रायपुर जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) को राहत प्रदान की है। लंबे समय से बालको अपनी खदानों में माइनिंग कर रहा है और इसके साथ ही वेनेडियम की गाद भी निकाली जा रही थी। 12 मार्च 2015 को कोरबा कलेक्टर ने बालको को 2001 से 2005 के बीच वेनेडियम की गाद पर 8 करोड़ 63 लाख रुपये की रॉयल्टी अदा करने का आदेश दिया था। बालको ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सचिव खनिज, कलेक्टर कोरबा, और जिला खनिज अधिकारी को पक्षकार बनाया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीडी गुरु ने बालको के तर्कों को स्वीकार किया और माना कि वेनेडियम कोई खनिज नहीं है। इस निर्णय के तहत कलेक्टर कोरबा का आदेश निरस्त कर दिया गया और याचिका को मंजूर कर लिया गया। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया कि बालको द्वारा इस आदेश के तहत जमा की गई राशि को 30 दिनों के भीतर वापस किया जाए।
इस फैसले से बालको को रॉयल्टी के रूप में अदा की गई भारी-भरकम राशि की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।