‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 9 जून। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव में देश-दुनिया की हजारों किस्मों के आमों की महक ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें धमतरी जिला के दो बगानों के अलग अलग किस्म के आधा दर्जन रसीले आम की वैरायटी भी शामिल थी।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 6 से 8 जून तक आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में देश-दुनिया की आम उत्पादक किसानों ने हजारों किस्मों के आमों के साथ भाग लिया। जिसमें जापान के विश्वप्रसिद्ध और दुनिया के सबसे महंगे आम मियाजाकी, जिसकी कीमत 3 लाख रुपए से अधिक प्रति आम तक होती है। इसे देखने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
इस महोत्सव में बस्तर के जंगलों में उगने वाले छोटे, गोल-मटोल देसी आमों से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की वैरायटी भी पेश की गई हैं। इन आमों के स्वाद, बनावट और सुगंध ने आम लोगों से लेकर विशेषज्ञों तक को आकर्षित किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महोत्सव का दौरा करते हुए कई किस्मों के आम देख कहा कि आज मैंने कई ऐसी आमों की प्रजातियां देखी जो जीवन में पहली बार देख रहा हूं। इनमें से बीजापुर की हाथीझुल किस्म तो एक अद्भुत उदाहरण है, जिसका वजन 2 से 4 किलो तक होता है।
धमतरी जिला उद्यानिकी विभाग की सहायक संचालक स्नेहलता सिन्हा ने बताया कि धमतरी के बेन्द्रानवागांव से लंगड़ा, नीलम, चौसा एवं भाठागांव-कुरूद बगान से बेगनफल्ली, मल्लिका, स्वर्ण रेखा आदि किस्म के आमों को प्रदर्शन में स्थान दिया गया। उन्होंने कहा कि धमतरी जिला में आम फसल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 20 सदस्यी जागरूक किसानों के प्रतिनिधिमण्डल को प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण कराया गया। ताकि वहाँ से देख समझ कर किसान अपनी जमीन पर आम की पैदावारी कर सकें।
आरएचईओ अर्चना मंडावी की अगुवाई में आम महोत्सव में महिला समूह के साथ शामिल हुई जनपद सभापति सिन्धु बैस ने कहा कि किसानों की आय डबल करने केन्द्र और राज्य सरकार किसान हित में कई योजनाएँ चला रही है।
धान की पारंपरिक खेती के अलावा किसान अब दलहन तिलहन, मछली, बकरी, मुर्गी पालन और दुग्ध उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उद्यानिकी विभाग भी इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। जिसके चलते क्षेत्र में सब्जी और फल-फूल का उत्पादन में तेजी से बढोतरी हुई है। आरएचईओ एमएल मोहबे, जीएस पैकरा ने बताया कि कुरुद क्षेत्र की
मिट्टी और वातावरण सब्जी, फल फूल और आम फसल के पैदावार के लिए बेहद अनुकूल है। यही कारण है कि क्षेत्र में गुलाब, मोंगरा, जाम, आम, पपीता और सब्जी उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।