धमतरी
धमतरी, 6 जून। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने 5 जून को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रेसवार्ता देर-शाम को ली। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है। कई स्कूलों में छात्रों की तुलना में शिक्षक अधिक हैं। कुछ स्कूलों में छात्र ज्यादा हैं, लेकिन शिक्षक कम। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षक मिलेंगे। एक ही परिसर में स्कूल होने से भवन, पानी, शौचालय जैसी सुविधाएं मजबूत होंगी। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग मिलकर इस पर काम कर रहे हैं। इससे बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी। संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। जिले में 750 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया। इन्हें समाहित कर 372 स्कूलों में समायोजित किया गया। जिले की कुल 1492 शालाओं में से 1140 शालाएं पहले की तरह चलेंगी। 352 शालाओं का समायोजन किया जा रहा है। ये वे स्कूल हैं, जहां छात्र बहुत कम हैं और पास में अच्छी सुविधाओं वाले स्कूल मौजूद हैं। एक ही परिसर में स्थित स्कूलों को मिलाया जा रहा है। इससे बच्चों को बार-बार प्रवेश लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
686 शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में आए
जिले में 686 शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में आए हैं। इनमें प्राथमिक स्कूलों से 465 प्रधान पाठक और सहायक शिक्षक, पूर्व माध्यमिक स्कूलों से 145 शिक्षक और हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूलों से 72 व्याख्याता शामिल हैं। इनमें से 407 शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। 15 शिक्षक उपस्थित रहे। 359 पदों पर पदस्थापन आदेश जारी कर दिए गए हैं। शेष 48 शिक्षकों को संयुक्त संचालक रायपुर को भेजा गया है। युक्तियुक्तकरण के तहत जिले की 3 शिक्षक विहीन प्राथमिक शालाओं, 171 एकल शिक्षकीय प्राथमिक शालाओं, 5 शिक्षक विहीन पूर्व माध्यमिक शालाओं और 3 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं के लिए पदांकन आदेश जारी किए गए हैं। इससे शैक्षणिक सत्र 2025-26 में इन स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे। बच्चों की पढ़ाई का स्तर सुधरेगा।


