बेमेतरा
पढ़ाई-लिखाई का खर्चा वहन करेंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 जनवरी। गरीबों को सीधी मदद के राज्य सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे है । प्रशासनिक संवेदनहीनता का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर बेरला ब्लॉक के अकोला गांव रहवासी दम्पति ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
ये बातें किसान नेता योगेश तिवारी ने पीडि़त परिवार से चर्चा के दौरान कही। किसान नेता ने बताया कि यह मामला प्रशासन की संवेदनहीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। योगेश तिवारी प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद के लिए गांव गए थे। बेरला पुलिस के अनुसार 22 जनवरी सुबह करीब 11 बजे ग्राम अकोली निवासी दम्पति देवधर व उसकी पत्नी केवरी निषाद ने पारिवारिक विवाद के कारण जहर खा लिया। इलाज के लिए अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
किसान नेता योगेश तिवारी ने परिवार से चर्चा के बाद बताया कि मृतक आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। मृतक दम्पत्ति के दो बच्चे हैं। आधार कार्ड में त्रुटि के कारण सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। नतीजतन तंगी से गुजर रहे परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अकोली में शोक संतप्त परिवार से मिलकर किसान नेता ने ढांढस बंधाया और उन्होंने परिवार को आर्थिक मदद करने के साथ दोनों बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता पर नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि घटना के बाद से अब तक कोई भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि पीडि़त परिवार से मिलने नहीं पहुंचा है।
यहां प्रशासन की संवेदनहीनता साफ दिखाई दे रही है। क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि फोटो खिंचाकर वाहवाही लूटने में लगे हैं, लेकिन गरीब परिवार के मदद के नाम पर वो सक्रियता नजर नहीं आती है। इसलिए जनसरोकार को प्राथमिकता देते हुए आर्थिक मदद करने के साथ बच्चों की आगे की पढ़ाई में मदद की जिम्मेदारी उठाई है। इस दौरान पूर्व सरपंच राजू परगनिहा, लखन चक्रधारी, हरीश निषाद, कुलेश्वर कुर्रे, दिनेश सारंग आदि उपस्थित थे।