हैदराबाद, 3 सितंबर। के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से निलंबन के एक दिन बाद वरिष्ठ नेता के. कविता ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की और अपने चचेरे भाई एवं पूर्व मंत्री टी. हरीश राव पर निशाना साधा।
पार्टी संस्थापक और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता ने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने की घोषणा की और संकेत दिया कि उनके पिता केसीआर पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का ‘दबाव’ था।
उन्होंने हरीश राव पर केसीआर परिवार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
अपने समर्थकों के साथ यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 47 वर्षीय पूर्व सांसद ने हरीश राव पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ ‘गुप्त समझौता’ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं रखी। मैं (विधान परिषद) अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज रही हूं... मैं केसीआर को बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा भेज रही हूं।’’
कविता ने कहा कि उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव को हरीश राव की कथित साजिशों से ‘‘सावधान’’ रहना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि जब उनके खिलाफ ‘‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’’ चलाया गया, तो उनके भाई ने उनका साथ नहीं दिया।
कविता ने आरोप लगाया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में हरीश राव ने पार्टी द्वारा किए गए वित्तपोषण के अलावा 20-25 विधायकों को अतिरिक्त पैसा दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हरीश राव को इतना पैसा कैसे मिला? 100 प्रतिशत, यह पैसा कालेश्वरम परियोजना में हुए भ्रष्टाचार से आया था। उनका विचार था कि अगर नतीजे स्पष्ट नहीं हुए तो उनके अपने विधायक होने चाहिए।’’
लोकप्रिय फिल्म ‘बाहुबली’ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हरीश राव खुद को ‘कटप्पा’ जैसा बताते हैं और केसीआर के प्रति वफादारी जताते हैं लेकिन फिर वह विधायकों को अलग से वित्तपोषण क्यों दे रहे हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश राव ने 2009 के विधानसभा चुनाव में सिरसिला निर्वाचन क्षेत्र में के. टी. रामा राव को हराने के लिए पैसे भेजे थे।
कविता ने कहा, ‘‘(इरादे) केसीआर, केटीआर को हराने और मेरे निजामाबाद संसदीय क्षेत्र (जहां से वह लोकसभा चुनाव हार गई थीं) के सभी विधायकों को अपने नियंत्रण में करने का है। (इरादा) केसीआर परिवार में सभी को हराने और सभी को बांटने का है। केसीआर और केटीआर से मेरा सवाल है कि क्या पार्टी अच्छी स्थिति में होगी यदि आपके साथ ऐसे लोग हों? लेकिन आपने मुझे बाहर भेज दिया जो सच बोलता है।’’
कविता ने आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर केसीआर के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच उनके चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी।
कांग्रेस सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
कविता के अनुसार, केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच उनके चचेरे भाई हरीश राव और संतोष कुमार द्वारा किए गए ‘भ्रष्टाचार’ के कारण हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रामू अन्ना (के टी रामा राव) से अनुरोध कर रही हूं। हरीश या संतोष आज आपके साथ अच्छा व्यवहार करने का दिखावा कर सकते हैं लेकिन वे हमारे शुभचिंतक नहीं हैं। वे तेलंगाना के लोगों या केसीआर के शुभचिंतक नहीं हैं। आप उन्हें दूर रखें और बीआरएस के समर्पित कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जनांदोलन चलाएं। तब बीआरएस बचेगी और पिता (केसीआर) की प्रतिष्ठा भी धूमिल नहीं होगी।’’
कविता ने अपने पिता से राजनीतिक स्थिति से अवगत रहने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुद्दों पर स्पष्ट रूप से अपनी बात रखती हूं। आज मेरी बलि दे दी गई। लेकिन, रामू अन्ना और आप (केसीआर) के लिए भी यही खतरा मंडरा रहा है। आखिरकार बीआरएस पर कब्जा करने की साजिश के तहत मुझे निलंबित कर दिया गया है।’’
उन्होंने अपने और अपने परिवार के खिलाफ कथित साजिशों को रेवंत रेड्डी और हरीश राव द्वारा पहले की गई एक हवाई यात्रा से जोड़ा।
कविता ने दावा किया कि साजिशें तब शुरू हुईं जब हरीश राव ने रेवंत रेड्डी के ‘पैर छूकर’ उनके सामने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया था।
कांग्रेस ने पहले कविता के ऐसे आरोपों का खंडन किया था।
कविता ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रही हैं और अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा करने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगी।
नेता ने कहा कि उनके स्टाफ के कुछ सदस्यों को कथित रूप से बीआरएस शासनकाल के दौरान अवैध फोन टैपिंग की जांच के सिलसिले में पुलिस से नोटिस मिले हैं। पुलिस को संदेह है कि उनके फोन भी टैप किए गए थे।
कविता ने आरोप लगाया कि उनके कर्मचारियों की फोन टैपिंग के पीछे हरीश राव का हाथ हो सकता है।
कविता ने प्रेस वार्ता के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया,"यदि सच बोलने की यही कीमत है तो मैं तेलंगाना के लोगों के लिए सौ गुना अधिक कीमत चुकाने को तैयार हूं। सत्यमेव जयते, जय तेलंगाना।"
पार्टी से उनके बाहर जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीआरएस विधायक दासोजू श्रवण ने 'पीटीआई-वीडियो' को बताया कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, वे न तो सार्वजनिक थे और न ही उनका जन कल्याण से कोई संबंध था।
श्रवण ने कहा, "उन्होंने जो भी मुद्दे उठाए थे, उन पर बंद कमरे में बैठकर बातचीत की जा सकती थी। प्रेस वार्ता की कोई जरूरत नहीं थी।"
श्रवण ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियों का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बीआरएस ने मंगलवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर राव ने कविता को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है, क्योंकि हाल के दिनों में उनका व्यवहार और पार्टी रोधी गतिविधियां बीआरएस को नुकसान पहुंचा रही हैं।
इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बुधवार को कविता द्वारा हरीश राव के साथ ‘‘गुप्त समझौता’’ संबंधी आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें "ऐसे गंदे लोगों के साथ उलझने की जरूरत नहीं है।"
रेड्डी ने कहा कि उन्हें "बीआरएस के पारिवारिक विवादों में नहीं घसीटा जाना चाहिए।"(भाषा)