नयी दिल्ली, 4 सितंबर। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इथेनॉल से संबंधित सरकार की नीति से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बेटों की कंपनियों को फायदा हुआ और इस नीति के माध्यम से ‘वोट चोरी’ की तरह ‘पेटोल चोरी’ की गई है।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या लोकपाल 130वें संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले गडकरी और उनके बेटों पर लगे आरोपों की जांच करने का साहस करेगा?
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी की तरह हो गई है, जो अपने पास गलत कामों के दस्तावेजी सबूत होने का दावा तो करती थी, लेकिन हकीकत में उसके पास कुछ भी नहीं होता था।
गडकरी की तरफ से कांग्रेस के आरोपों पर फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं आई है।
खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले वोट चोरी, अब पेट्रोल चोरी, मोदी जी। वोट मिलावट से जीती सरकार अब मिलावट से देश चला रही है। ‘‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’’ के तथाकथित ध्वजवाहक अब वोट चोरी के बाद, ‘पेट्रोल चोरी’ की व्यवस्था लागू कर रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘नितिन गडकरी 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से ही इथेनॉल उत्पादन के लिए जोरदार पैरवी कर रहे हैं। सितंबर 2018 में गडकरी ने कहा था कि सरकार पांच इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है, जहां लकड़ी आधारित उत्पादों और अलग किए गए नगरपालिका कचरे से इथेनॉल बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इससे डीजल 50 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल का विकल्प 55 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा। लेकिन यह एक "जुमला" निकला।’’
खेड़ा का कहना था कि पांच साल पहले ही 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, ये वादे धरे के धरे रह गए।
उन्होंने दावा किया कि पेट्रोल की कीमतें 2014 में 71.41 रुपये से बढ़कर 2025 में 94.77 रुपये और डीजल की कीमतें 55.49 रुपये से बढ़कर 87.67 रुपये हो गई हैं, जबकि इथेनॉल उत्पादन से जुड़ी चीनी मिलें रिकॉर्ड मुनाफ़े के साथ बैंक तक पहुंच रही हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘निखिल गडकरी (नितिन गडकरी के पुत्र) के स्वामित्व वाली सियान एग्रो इंडस्ट्रीज इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एक प्रमुख इथेनॉल आपूर्तिकर्ता है। गडकरी के एक अन्य पुत्र, सारंग गडकरी मानस एग्रो इंडस्ट्रीज में निदेशक हैं, जो भी इथेनॉल का व्यवसाय करती है।’’
खेड़ा ने दावा किया कि सियान एग्रो का राजस्व 18 करोड़ रुपये (जून 2024) से बढ़कर 523 करोड़ रुपये (जून 2025) हो गया, शेयर की कीमत 37.45 रुपये (जनवरी 2025) से 2184 प्रतिशत बढ़कर 638 रुपये (अगस्त 2025) हो गई।
उनके अनुसार, भारत ने 2025 की समय सीमा से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया और भारतीय इतिहास में यह पहली बार है कि किसी नीति ने समय सीमा से पहले अपना लक्ष्य हासिल किया है।
खेड़ा ने दावा किया, ‘‘इंजन की लाइफ, माइलेज और रखरखाव को लेकर नागरिकों की चिंताओं को गडकरी ने खारिज कर दिया है, और इसके लिए "पेट्रोलियम लॉबी" को दोषी ठहराया है और इथेनॉल को "स्वच्छ ईंधन" बताया है।’’
उनका कहना था कि इथेनॉल मिश्रण से इंजन की मियाद लगभग 25 प्रतिशत कम हो जाती है, रखरखाव की लागत 25 प्रतिशत बढ़ जाती है और आधिकारिक अनुमानों की तुलना में माइलेज में अधिक नुकसान होता है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2021 में इथेनॉल मिश्रण के जरिए किसानों की समृद्धि का वादा मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात साबित हुआ, जिससे माइलेज कम हुआ, लागत बढ़ी, पेट्रोल पंप पर कोई राहत नहीं मिली और मात्र भाजपा-आरएसएस नेताओं और उनकी कंपनियों को लाभा हुआ?
खेड़ा ने कहा, ‘‘अगर इथेनॉल मिश्रण का उद्देश्य पेट्रोल की कीमत 55 रुपये तक लाना था, तो भारतीयों को अब भी लगभग दोगुना दाम क्यों चुकाना पड़ रहा है और इस अंतर की भरपाई कौन कर रहा है?’’
उन्होंने यह भी सवाल किया, ‘‘ क्या ई-20 इथेनॉल को बढ़ावा देना एक सार्वजनिक नीति है या गडकरी के बेटों और उनकी कंपनियों के लिए एक कथित अप्रत्याशित लाभ?
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की शपथ ली है, तो क्या लोकपाल 130वें संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले गडकरी और उनके बेटों पर लगे आरोपों की जांच करने का साहस करेगा?’’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘2014 से ईंधन उपकर से 38.89 लाख करोड़ रूपये इकट्ठा करने के बाद, क्या भाजपा की इथेनॉल मिश्रण नीति आम भारतीयों की कीमत पर लूट का उसका नया खाका बन गई है?’’
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी जैसी हो गई है।
उन्होंने कहा कि ‘आप’ अपनी जेब में गड़बड़ी के दस्तावेजी सबूत होने का दावा करती थी, लेकिन हकीकत में उसके पास कुछ भी नहीं था।
पात्रा ने कहा कि कांग्रेस कभी सार्थक संवाददाता सम्मेलन नहीं करती और उनकी प्रेस वार्ता से कोई अंतर नहीं पड़ता।
भाजपा नेता ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी बिना किसी आधार के ‘‘वोट चोरी’’ जैसे आरोप लगाती रहती है और संस्थाओं का दुरुपयोग करती रहती है। (भाषा)