राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : संजय जोशी फिर खबरों में
01-Apr-2025 5:49 PM
राजपथ-जनपथ : संजय जोशी फिर खबरों में

खबर है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 10 तारीख को हो सकता है। इसमें शिरकत करने प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेता दिल्ली जाएंगे। इससे परे पार्टी के अंदरखाने में अलग ही चर्चा चल रही है। पार्टी के कई नेता प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रभारी संजय जोशी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावना जता रहे हैं, और जोशी के 6 अप्रैल जन्मदिन की जोर-शोर से मनाने की तैयारी चल रही है।

संजय जोशी को जन्मदिन की बधाई वाले कई होर्डिंग, और पोस्टर राजधानी के कई इलाकों में लग रहे हैं। संजय जोशी करीब 3 साल छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी रहे हैं। यहां प्रदेश के छोटे-बड़े नेताओं से सीधे संपर्क रहे हैं। यही वजह है कि उनके नाम को लेकर यहां पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं।

संजय जोशी से परे केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का नाम भी संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए लिया जा रहा है। प्रधान सबसे ज्यादा समय तक छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी रहे हैं। और उनका भी यहां के कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत संबंध है। पिछले दिनों धर्मेन्द्र प्रधान के पिता का निधन हुआ, तो सीएम और सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी के बड़ी संख्या में छोटे-बड़े नेता संवेदना प्रकट करने वहां गए थे। इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के प्रभारी रहे वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह, जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रीय अध्यक्ष   बन चुके हैं। देखना है कि जोशी अथवा प्रधान को मौका मिलता है या नहीं।

गलियारों की चर्चा 

नया वित्त वर्ष शुरू होते ही प्रशासनिक गलियारों में केंद्र सरकार के डीओपीटी के हवाले एक खबर आई है कि सरकार अपने अधिकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज को 60 से बढ़ाकर 62 करने जा रही है। महानदी भवन के आईएएस अफसरों की माने तो 7-8 दिन में इसके आदेश भी जारी किए जा सकते हैं। कहा जा रहा है कि नॉर्थ ब्लॉक में हलचल तेज है।

यह पूछने पर कि  सरकार की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर भी नहीं है कि रिटायरमेंट लाभ भुगतान के लिए खजाने में पैसे नहीं हों। और स्टाफ की कमी हो ऐसी भी स्थित नहीं हैं। हां रिटायर होने पर अनुभवी, भरोसे के अफसर छूट जाते हैं । उनके लिए तो एक्सटेंशन या संविदा नियुक्ति का विकल्प तो है ही। और कई केंद्रीय विभागों के सचिव एक्सटेंशन पर हैं ही। और फिर आठवें वेतन आयोग के गठन की भी घोषणा कर दी गई है। ऐसे में एज लिमिट में बढ़ोतरी समझ से परे हैं।

 आईएएस अफसरों का कहना है कि आपके सारे किंतु-परंतुक सही है। सरकार एक्सटेंशन वाले अफसरों को अगले दो वर्ष के लिए नियमित कर बार-बार के एक्सटेंशन को आदेश से मुक्त होना चाहती है । और ऐसे अफसर मोदी,शाह, वैष्णव, निर्मला,गडकरी जैसे दिग्गजों के विभागों के हैं। इसके अलावा यूपी, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मप्र, राजस्थान जैसे राज्यों में मुख्य सचिव या अन्य अहम विभागों में भी है। इनके रिटायरमेंट से तालमेल गड़बड़ाने के आसार को देखते हुए यह हलचल सुनी जा रही है।

फेरबदल कब?

रमन राज में 15 साल तक ग्राम सुराज अभियान सफलतापूर्वक चलता रहा। इसमें सीएम, और सरकार के मंत्री गांवों में जाकर सरकार की योजनाओं का हाल जानने की कोशिश करते थे। सरकार बदलने के बाद ग्राम सुराज अभियान बंद हो गया था। अब इस अभियान को फिर शुरू करने की तैयारी चल रही है।

ग्राम सुराज अभियान की तिथि जल्द घोषित हो सकती है, और इसके महीनेभर तक चलने की उम्मीद है। चर्चा है कि ग्राम सुराज अभियान शुरू होने से पहले प्रशासनिक फेरबदल भी हो सकता है। हालांकि सरकार में इस बात पर मंथन हो रहा है कि सुराज के पहले फेरबदल किया जाए या फिर इसके बाद। कहा जा रहा है कि आईएएस के साथ आईपीएस अफसरों के तबादले की सूची भी निकल सकती है। देखना है आगे क्या होता है।

पेट्रोल सस्ता, टोल महंगा-हिसाब बराबर!

छत्तीसगढ़ में आज से पेट्रोल का दाम एक रुपये कम हो गया, मगर यह अब भी 100 के पार है। शराब पर टैक्स घटाया गया है, मगर कुछ साल पहले से तुलना करें तो महंगी अब भी है। फिर भी रायपुर से नागपुर तक का सफर अब जेब पर थोड़ा कम भारी पड़ेगा। टैक्सी, बस वाले किराया घटाएं, तो आम लोगों को पता चलेगा। शराब की एमपी से तस्करी रुकेगी, तब मालूम होगा।

ईंधन का मामला ऐसा है कि हाईवे पर आज से टोल शुल्क बढ़ गया है। जेब में एक हाथ से रकम डालकर दूसरे हाथ से निकाल ली जाएगी। और भी कई चीजें महंगी हो रही हैं, और इनका असर हम पर सीधे पड़ेगा। जरूरी दवाओं जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स और विटामिन्स की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान हो चुका है। अगर आप दिल के मरीज हैं या स्टेंट जैसे उपकरणों पर निर्भर हैं, तो इलाज का खर्च भी बढ़ सकता है।  बुने हुए कपड़ों पर कस्टम ड्यूटी बढऩे से आपकी नई शर्ट या साड़ी भी महंगी होने वाली है। आपके अकाउंट को चलाने के लिए भी बैंक कई सेवाओं पर शुल्क बढ़ा रहे हैं। 

खाने-पीने की बात करें तो हालात मिले-जुले हैं। मछली उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। लेकिन आयातित तेल की कीमतों में उछाल से पहले से ही महंगा खाद्य तेल और रोजमर्रा का खाद्यान्न फिर महंगा होने जा रहा है। तंबाकू और सिगरेट पर टैक्स बढ़ा है। यह वृद्धि मामूली है पर कुछ न कुछ असर तो इसकी कीमत पर पडऩा ही है।

कुछ अच्छी खबरें भी हैं। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं सस्ती होने की बात कही गई है। मोबाइल फोन और मोटरसाइकिल भी थोड़े सस्ते हो सकते हैं। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो महंगाई का पैमाना ज्यादा भारी है। तो, पेट्रोल और शराब की छोटी खुशी को आनंद उठाएं, मगर कहां-कहां चोट पहुंच रही है, उसका भी हिसाब रखिए।

प्यासा मेहमान

अचानकमार अभयारण्य में एक सुंदर चीतल हैंडपंप के पास खड़ा है, शायद पानी की तलाश में। कच्ची सडक़, आसपास सूखी धरती, बिखरे हुए पत्ते, बच्चे खेलते हुए, फिर एक झोपड़ी। यकीनन इस बस्ती में रहने वाले लोग चीतल को नुकसान नहीं पहुंचाते होंगे, तभी वह निश्चिंत होकर यहां चहलकदमी करते आ गया है। शायद उसे इंतजार है कि कोई आए और उसे पानी पीने में मदद करे। (फोटो- शिरीष दामरे)


अन्य पोस्ट