राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : मंत्रालय कर्मियों में हलचल
08-Aug-2024 4:21 PM
 राजपथ-जनपथ : मंत्रालय कर्मियों में हलचल

मंत्रालय कर्मियों में हलचल

कल मंत्रालय संवर्ग के 70 सहायक अनुभाग अधिकारी और लिपिकों के तबादले किए गए। यानी एक ही भवन में विभागों में तब्दीली हुई। दरअसल इस बार सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों ने पूरे संवर्ग के ओवरहालिंग की ठानी है। इसकी मांग भी और किसी ने नहीं मंत्रालय कर्मचारी संघ ने ही की थी। उनका कहना था कि मठाधीश बनकर किसी को एक ही जगह बने रहने या रखने का एकाधिकार नहीं होना चाहिए। हुए भी वैसा ही।

 तबादलों का विरोध करने वाले संघ से ही जब मांग आई तो अफसर भला कहां चूकते। बीते तीन महीने में करीब पांच सौ अधिकारी कर्मचारियों की कुर्सियां बदल दी। इन तबादलों में पांच वर्ष से 18 वर्ष तक एक ही विभाग में रहकर तीन तीन बार पदोन्नत लोग बदले गए। यहां तक की संघ की सचिव का भी विभाग बदल दिया गया। एक कर्मी का तो 07 में अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार स्थानांतरण हुआ है। वैसे पूर्व में कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, शायद ही ऐसा कोई सत्र रहा हो जिसमें मंत्रालय में तबादलों की मांग न करते रहे हों। यहां तक कि अपनी ही पिछली सरकार से पूछ लिया था। अब ये सूचियां देखकर उन्हें संतोष हो रहा होगा । अभी सिलसिला थमा नहीं है क्योंकि अभी तीन सौ और हैं।

हिट एंड रन वहां सख्ती, यहां ढिलाई

हिट एंड रन केस में हाल के दिनों में मुंबई, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई से कई घटनाओं पर पुलिस ने सख्ती बरती। कुछ मामलों में नाबालिग थे जो नशे में राहगीरों को रौंद कर भाग गए। एक जुलाई से लागू भारतीय न्याय संहिता में धारा 106 (1) और 106 (2) में इसे लेकर कड़े प्रावधान किए गए हैं। पहले में पांच साल की सजा है, दूसरे में दस साल की। 106 (1) में आधी राहत उस स्थिति में है, जब कोई दुर्घटना का आरोपी घायल को अस्पताल पहुंचाने में मदद करे और नजदीकी थाने को घटना की सूचना दे। टक्कर मार कर भाग जाने के बाद 106 (2) का नियम लागू होता है, जिसमें 10 साल की सजा है।

हाल ही में रायपुर में नीट में सलेक्शन के बाद एमबीबीएस काउंसलिंग की तैयारी कर रही छात्रा श्रेष्ठा को एक गाड़ी ने कुचल दिया जब वह पिता आभास सतपथी के लिए दवा लेने निकली थी। पुलिस कार्रवाई का आलम यह था कि आरोपी महिला को आधे-एक घंटे की कार्रवाई के बाद छोड़ दिया गया। महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु की घटनाओं में पुलिस ने प्रोफेशनल तरीके से काम किया और नए कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की। मगर, छत्तीसगढ़ में सब ठीक है, कोई खौफ नहीं।

सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बड़ी आलोचना हो रही है। कहा जा रहा है कि कार्रवाई में ढिलाई इसलिए बरती गई क्योंकि दुर्घटना जिसकी वजह से हुई वह एक राज्य प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी हैं।

सावन में लबालब बांध

बीते एक पखवाड़े से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने प्रदेश के हर छोटे-बड़े बांधों में रौनक ला दी है। अनजाने से जलाशय भी निखर गए हैं। इन दिनों रतनपुर के पास स्थित चांपी जलाशय एक अद्भुत दिखाई दे रहा है। बेलगहना जाने के रास्ते में चपोरा मुडऩे की जगह से एक संकरी सडक़ इस जलाशय तक जाती है। इस जलाशय की खूबसूरती इन दिनों किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है। पूरा बांध लबालब भर गया है। क्षमता से अधिक जल वेस्टवियर से कल-कल प्रवाहित हो रहा है। वेस्टवियर से बहते जल की सुमधुर ध्वनि यहां के शांत वातावरण में दूर तक सुनाई देती है, जो मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती है। (rajpathjanpath@gmail.com)


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