रायपुर
साल भर पहले से तय डीजीपी कॉफ्रेंस के लिए निमोरा के रेस्ट हाउस आनन फानन में तैयार करने हुआ खर्च
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 दिसंबर। ठाकुर प्यारेलाल प्रशिक्षण केन्द्र निमोरा परिसर के रेस्ट हाउस में टूट फूट, रंग-रोगन कार्य में बड़ा टेंडर घोटला सामने आया है।
यहाँ आरईएस यानी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों ने टेंडर के पहले ही ठेकेदारों करोड़ों का काम करवा दिया है। इस पर करीब 4 करोड़ 30 लाख रुपय के टेंडर फानइल होने के पहले काम करवा दिया गया। ठाकुर प्यारेलाल अकादमी के गेस्ट हाउस नंबर 3 और 4 के रंग रोगन और रिनोवेशन के नाम पर किया गया है। इसमें रंगाई पोताई, सेनटरी फिटिंग फर्नीसिंग, फर्नीचर सेटअप और छत में वाटर पूफ्रिंग का कार्य शामिल है ।
टेंडर 13 नंवबर को आनलाइन और दैनिक समाचार पत्रों में जारी किया की गया।19 नंवबर को फार्म जमा करने 26 नंवबर को टेंडर खोलने की फ़ाइनल डेट बताई गई।यह पूरा काम आईटम रेट तरीके से किया गया। जबकि कांफ्रेंस ही 28-30 नवंबर तक आयोजित की गई थी।
यहां उल्लेखनीय है कि बिल्डिंग को रेनोवेट करने का ठेका, कांफ्रेंस से ठीक 15 दिन पहले निकाला गया। इन रेस्ट हाउस को डीजीपी और समकक्ष अफसरों के स्तर का रेनोवेट करना था। जबकि डीजीपी कांफ्रेंस में पीएम मोदी, गृहमंत्री शाह के आगमन को लेकर एक वर्ष पहले से शेड्यूल बना हुआ था। अधिकारी चाहते तो यह काम पहले करवा सकते थे। लेकिन ठीक कांफ्रेंस के 20-25 दिन पहले पहले आनन फानन में काम करवाया गया। इतना ही नहीं 60 कमरे वाली 2 बिल्डिंग 10 दिन में रंगाई पुताई, छत की वाटर प्रूफिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, टाइल फिटिंग, फर्नीचर फिटिंग सब मिलाकर 4 करोड़ से ज्यादा का काम खत्म कर दिया।
कांफ्रेंस के नोडल अधिकारी जब 25 नवंबर को साइट देखने गए तो काम लगभग पूरा हो चिका था । जबकि उस दिन तक टेंडर फाइनल नहीं हुआ था वर्क ऑर्डर तो दूर की बात है । इसकी शिकायत डिप्टी सीएम विजय शर्मा से की गई तो अधिकारियों ने वेब साइट से टेंडर भी हटवा दिया।
और इसके बाद आज तक किस मद-योजना से टेंडर और काम किया गया अधिकारी इसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस मामले में उप मुख्यमंत्री आरईएस विजय शर्मा ने जांच के निर्देश दिए हैं।


