रायपुर

स्वास्थ्य सेवाओं पर सांसद ने लोस में जताई नाराजगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नई दिल्ली /रायपुर 22 मार्च। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एम्स रायपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, मरीजों के रेफरल और अस्पताल प्रशासन की उदासीनता को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
सांसद श्री अग्रवाल ने लोकसभा में एम्स रायपुर में बिस्तरों की उपलब्धता, मरीजों के रेफरल, संसाधनों की बढ़ोतरी और अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर सवाल भी उठाया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि, एम्स रायपुर में 33 विभागों में 1098 बिस्तर उपलब्ध हैं । यहां मई 2024 से सितंबर 2024 तक केवल 6 महीनों में ही 2546 मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया।
अग्रवाल ने अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि एम्स रायपुर में बिस्तरों की उपलब्धता के बावजूद मरीजों को भर्ती करने से मना किया जाता है,एम्स स्टाफ द्वारा मरीजों और उनके परिजनों के साथ किए जा रहे अभद्र व्यवहार की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। यहां तक कि आपातकालीन वार्ड में भर्ती मरीजों को चार घंटे बाद जबरन छुट्टी दे दी जाती है। इस संबंध में एम्स अस्पताल प्रबंधन को पहले भी पत्र लिखा था, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने एम्स डायरेक्टर अशोक जिंदल की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी मैने खुद या मेरे कार्यालय से एम्स रायपुर से संपर्क करने की कोशिश की गई, डायरेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। यह रवैया पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है।
छत्तीसगढ़ को पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर विशेष कृषि पैकेज देने की मांग
शुक्रवार को संसद में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में लगभग 76प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य में 40.11 लाख कृषक परिवार हैं, जिनमें से 82त्न कृषक लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं। यदि छत्तीसगढ़ को भी पूर्वोत्तर राज्यों की तरह केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में विशेष अनुदान प्रावधान मिले, तो किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार और कृषि विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होने जीपीएम,सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, खैरागढ़, मानपुर-मोहला, और मनेन्द्रगढ़ में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की आवश्यकता है? माइनर मिलेट्स (कोदो-कुटकी एवं रागी) के प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना भी जरूरी है।
अग्रवाल ने महिला किसानों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने, दूरस्थ क्षेत्रों में भंडारण सुविधाओं के विकास
वेयरहाउस निर्माण के लिए केंद्र सहायतादे। छत्तीसगढ़ में भी पराली जलाने की समस्या बढ़ रही है। इसके समाधान के लिए राज्य में क्रॉप रेजिड्यू मैनेजमेंट यंत्रों को अनुदान पर उपलब्ध कराने की योजना लागू की जाए। उन्होंने 5-10 वर्ष पुराने
बीज किस्मों की बाध्यता समाप्त करने की मांग की।,जैविक खेती के प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने , वन अधिकार पट्टा धारक किसानों की तरह अन्य छोटे और सीमांत किसानों को भी 90त्न अनुदान दिया जाए, जिससे वे ऑयल पाम की खेती को अपनाने के लिए प्रेरित हों।