रायपुर

एनपीएस का सही विकल्प ओपीएस ही है-यूपीएस का विरोध होगा
22-Mar-2025 8:40 PM
एनपीएस का सही विकल्प ओपीएस ही है-यूपीएस का विरोध होगा

रायपुर, 22 मार्च। केंद्रीय व राज्य सरकार के कर्मचारियों को 60-65 वर्ष सेवा करने के उपरांत लंबे संघर्ष के बाद पेंशन की पात्रता प्राप्त हुई थी। वृद्धा अवस्था में पेंशन सरकार के आंख की किरकिरी बन गई है। देश में ट्रिपल इंजन की सरकार में तीन प्रकार के पेंशन व्यवस्था किया जा रहा है?। पहले ओपीएस उसके बाद एनपीएस अब यूपीएस 1 अप्रैल 25 से लागू करने की अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी की है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि पुरानी पेंशन योजना का विकल्प अंशदाई पेंशन योजना कदापि नहीं हो सकता और अब एकीकृत पेंशन योजना भी सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए उचित नहीं है??। अंशदाई पेंशन योजना का सही विकल्प केवल पुरानी पेंशन योजना ही है। अंशदाई पेंशन योजना में करोड़ों रुपए एनएसडीएल कंपनी ने हजम कर लिया?।  2004 के बाद सेवानिवृत पेंशनरों को आर्थिक एवं मानसिक क्षति हुई है?। श्री झा ने बताया है कि पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन का 50त्न पेंशन व उस पर महंगाई भत्ता की पात्रता थी?। जिसे एनपीएस में परिवर्तित कर कर्मचारियों को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई?। अब एकीकृत पेंशन योजना जो 1 अप्रैल 25 से प्रभावित होगी तथा इसकी अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी कर ऑनलाइन उसके फार्म व विकल्प भी उपलब्ध कराए हैं?। उसमें मूल वेतन का 50त्न ही पेंशन मिलेगा। उस पर महंगाई भत्ता मिलेगा कि नहीं यह संदेहास्पद है। छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ववर्ती सरकार ने 1 अप्रैल 22 से पुरानी पेंशन योजना लागू की तथा उसमें भविष्य निधि राशि की कटौती भी प्रारंभ की गई। लेकिन 1 अप्रैल 22 से आज पर्यंत तक कटौती सुदा जीपीएफ राशि का भी कोई हिसाब किताब कोषालयों में नहीं है। कुल मिलाकर देश में परिवार कै बुजुर्गों को बोझ माना जाता है, वैसे ही केंद्र और राज्य सरकार पेंशनरों को आर्थिक बोझ समझ रही है और धीरे-धीरे पेंशन रूपी वृद्धावस्था के सहारा के पर को काटने में लगी हुई है। श्री झा ने कहा है कि अखिल भारतीय शासकीय कर्मचारी महासंघ इस पेंशन योजना का व्यापक रूप से विरोध करेगा।


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