रायपुर

एबीवीपी ने साय सरकार की शिक्षा व्यवस्था का आंकलन किया
24-Sep-2024 4:41 PM
एबीवीपी ने साय सरकार की शिक्षा  व्यवस्था का आंकलन किया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 सितंबर।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कि 150 सदस्यों वाली प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय  बैठक अभनपुर में  हुई। इसमें प्रदेश में  वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का आंकलन कर छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता के विषय पर प्रस्ताव भी पारित किया है। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता  सरकार से बहुआयामी प्रयास करने के लिए आग्रह किया गया । साथ ही इस वर्ष परिषद ने 2 लाख से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया।

 अहिल्याबाई होलकर जी की त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेश भर के कोलेज में उनकी जीवनी से संबंधित विषयों पर अनेको कार्यक्रम का आयोजन करेगी। प्रदेश भर की खेल की प्रतिभाओं को निखारनेपूरे प्रदेश के विद्यालय महाविद्यालय परिसरों में खेल कुंभ नाम से प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।जिसमें परंपरागत खेल के अलावा विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताएं शामिल रहेंगी। सेवा सप्ताह, विकास चेतना समाह जैसे अभियान के माध्यम से छात्रों के नाय सेवा और पर्यावरण विकास के संबंधित विषयों को लेकर कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। कॉलेज परिसरों में घटती हुई छात्रों की संख्या को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पूरे देश भर में च्च्परिसर चलो अभियानज्ज् भी लिया है इसको लेकर के पूरे प्रदेश में आने वाले समय में अभाविप कला, सोल, सेवा, जलवायु जैसे विषय के माध्यम से कार्यक्रम भी करेगी। इस वर्ष का प्रदेश अधिवेशन 27 से 29 दिसंबर  राजनांदगांव में आयोजित किया जाएगा। सामाजिक समरसता दिवस, जनजाति गौरव दिवस, स्री शक्ति दिवस, गुरु घासीदास जयंती, शहीद वीर नारायण जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की व्यापक चर्चा इस बैठक में हुई है।

अभाविप के प्रदेश मंत्री श्री यज्ञदत्त बर्मा ने कहा की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में जिस तरह से बोजना बना उससे संगठन विकाश व संगठन कार्य में व्यापक बढ़ोत्तरी भविष्य में देखने को मिलेगा, छात्र प्रोत्साहन यात्रा के माध्यम से बस्तर और सरगुजा के विद्यार्थियों की हृढ्ढञ्ज, कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय विवि, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, रेलवे जैसे स्थान दिखाना तय हुआ है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि शिक्षा में स्तर को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार को प्रयास करने की जरूरत है, पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से लगातार शिक्षा में गिरावट दिख रहा है इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना अतिमहत्वपूर्ण है एवम प्रदेश में स्थित विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में रिक्त शिक्षक, प्राध्यापकों के पदों पर तत्काल प्रभाव से भर्ती प्रारंभ करनी चाहिए।
 


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