रायपुर

रायपुर, 20 सितंबर। अन्य पिछड़ा वर्ग जनगणना सर्वेक्षण तथा मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए बीएलओ का काम आंगनवाड़ी (आंबा) कार्यकर्ता एवं सहायिका से लिया जा रहा है। इन्हें प्रशासन धमकियां दे रहा है कि काम नहीं करोगे तो सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी। कल राजधानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष पद्मावती साहू व कुछ शिक्षकों के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया।
उनकी मांग है कि ओबीसी सर्वेक्षण कार्यक्रम में महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को पृथक रखा जाए। कर्मचारी नेता विजय झा ने कहा है कि यह व्यवहारिक रूप से भी संभव नहीं है कि महिलाएं किसी के घर घंटी बजा कर जाएं तथा आधा एक घंटे तक घर के अंदर रहकर सर्वेक्षण का फॉर्म भरे। इसे व्यवहारिक कठिनाइयां भी हैं। श्री झा ने कहा है कि ओबीसी सर्वेक्षण जनगणना किसी एजेंसी से कराई जाए, जैसे सरकारी अन्य कार्यों को एजेंसी से करवाती हैं। श्री झा ने राज्य शासन के आदेश का कड़ा विरोध और निंदा की है । उनका कहना है कि जब प्रदेश के आंगनबाड़ी सहायिकाओं कार्यकर्ताओं को शासकीय सेवक घोषित करने की मांग और हड़ताल की जाती है तो सरकार कमेटी बनाकर टाल देती है?।
दूसरी ओर बिना शासकीयकरण किए उनसे मतदाता सूची पुनरीक्षण बीएलओ कार्य, मतदाता पर्ची वितरण और अब ओबीसी सर्वेक्षण का कार्य करा रही है?। जो नियम संवैधानिक रूप से भी विपरीत है। जो शासकीय सेवक नहीं है, वह शासकीय कार्य को संपादित कर रहे हैं। यदि भविष्य में कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए शासन प्रशासन विशेष कर महिला बाल विकास के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।