महासमुन्द

कन्या उच्च प्राथमिक व प्राथमिक शाला खट्टी में संयुक्त रूप से मना बाल मेला
27-Nov-2025 6:35 PM
कन्या उच्च प्राथमिक व प्राथमिक शाला खट्टी में संयुक्त रूप से मना बाल मेला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 27 नवंबर। शासकीय कन्या उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक शाला खट्टी में संयुक्त रूप से शाला परिवार के बच्चों के द्वारा शिक्षकों के मार्गदर्शन में बाल मेला का आयोजन किया गया। शासकीय कन्या उच्च प्राथमिक शाला को चार समूहों में रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, शहीद रुक्मणी बाई तथा दयावती दीवान समूह में बांटा गया था। प्रत्येक समूह को दो-दो स्टाल लगाने की अनुमति दी गई थी। रानी लक्ष्मीबाई समूह ने पकौड़ा,दोसा, दुर्गावती समूह ने गुपचुप, खस्ता का स्टाल लगाया था। रुक्मणी देवी समूह ने मंचुरियन और चाउमिन का स्टाल लगाया था। जबकि दयावती समूह के बच्चों ने खस्ता,चाट एवं भेल बनाकर ग्राहकों को  बरबस खींचा।

प्राथमिक विभाग के बच्चों ने गुपचुप,दही कचौड़ी फ्रेंच फ्राइज़, फ रा,चौऊमिन, फल सलाद, अंकुरित अनाज तथा इडली के छोटे-छोटे स्टाल लगाये थे। इस बाल मेले में सरपंच अनिता मेहरा, उच्च प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आस्था साहू, प्राथमिक शाला के अध्यक्ष प्रेमलाल साहू विशेष रूप से उपस्थित थे। बच्चों के पालकों को बाल मेला में विशेष रुप से आमंत्रित किया गया था। तमाम शिक्षकों ने सभी स्टालों में जाकर बच्चों के द्वारा बनाये गये व्यंजनों का स्वाद लिया।

प्रधान पाठक भागवत जगत भूमिल ने शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अलग-अलग कार्य सौंपा था। अभिषेक सालोमन तथा उमाशंकर चन्द्राकर को लेन-देन तथा कूपन का दायित्व, भूपेंद्र चन्द्राकर एवं त्रिवेणी चन्द्राकर को पंडाल तथा प्राथमिक विभाग के शिक्षकों को व्यवस्था देखने का काम मिला था। प्राथमिक विभाग के प्रधान पाठक लीना पाण्डेय ने सुनीता ध्रुव, देवकुमारी साहू, सुचिता लकरा को एफ एन मेला का दायित्व दिया था।

जबकि अंजुम शेख एवं संगीता धुरंधर को विज्ञान प्रदर्शनी एवं जादू घर का दायित्व दिया गया था। बाल मेला सामग्री आपूर्ति का दायित्व वरिष्ठ शिक्षक सिराज बक्स को सौंपा गया था। प्राथमिक विभाग के बच्चों ने अपने स्टाल के माध्यम से कुल 3255रुपए का विक्रय किया। जबकि उच्च प्राथमिक विभाग के बच्चों ने 5260 रुपए का सामान बेचा। उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधान पाठक भागवत जगत भूमिल ने कहा कि बालमेला बच्चों में व्यावसायिक गुणों को विकसित करने वाला अनुठा मेला है। यहां बच्चे लेन-देन की प्रायोगिक शिक्षा लेते हैं।


अन्य पोस्ट