महासमुन्द
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 नवंबर। महानदी में स्थित निसदा बैराज का पानी ही खराब है। पानी से बदबू आ रही है। यही कारण है कि जब तक नदी के पानी से बदबू नहीं जाती, पानी की सप्लाई फिल्टर प्लांट के जरिए शहर में नहीं की जाएगी। आमजनों तक पानी पहुंचाने के लिए टैंकर का सहारा लिया जाएगा। सोमवार को महासमुंद के अलावा रायपुर व आरंग की टीम निसदा बैराज जांच के लिए पहुंची। प्रारंभिक जांच के बाद अधिकारी संभावना जता रहे हैं कि बारिश के कारण खेतों का पानी बैराज में आया है।
कहा जा रहा है कि खेतों में रासायनिक द्रव्यों का प्रयोग किया गया होगा, जिसके चलते पानी खराब हो गया है। यही कारण है कि अब बैराज के 4 गेट खोल दिए गए हैं। दो-तीन दिन बाद जब पानी बह जाएगा, उसके बाद फिर से टीम पानी की जांच करेगी। जांच में यदि पानी से बदबू गायब हो जाती है तो ही नलों में पानी की सप्लाई की जाएगी।
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि दो-तीन दिन बाद फिर से पानी की टेस्टिंग होगी, उसके बाद ही सप्लाई होगी। फिलहाल 20 वार्डों में टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। शहर स्थित बस स्टैंड, नेहरू चौक, पिटियाझर, अंबेडकर चौक, नयापारा, संत रविदास गार्डन पास स्थित पानी टंकी से जलापूर्ति प्रभावित रहेगी। पालिका जल विभाग के कर्मियों ने टंकियों को खाली किया। इन टंकियों को पानी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही भरा जाएगा।
पालिकाध्यक्ष के मुताबिक जब तक बैराज के पानी की टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक महानदी से होने वाली जलापूर्ति पूर्णत: बंद रहेगी। अगर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट आती है और रिपोर्ट में पानी की गुणवत्ता सही पाई जाती है तो आपूर्ति शुरु कर दी जाएगी। मालूम हो कि शहर में जलापूर्ति के लिए पालिका के पास 3 इंजन व 20 पानी टैंकर हैं। जिसके माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। जलापूर्ति के लिए 5 ट्रैक्टर इंजन किराए पर लिया गया है।
कल महासमुंद व आरंग के वार्डों में महानदी के बदबूदार पानी की सप्लाई की खबर पाकर जल संसाधन रायपुर के ईई शरद टक्कर अपनी टीम के साथ निसदा बैराज पहुंचे। ईई ने जब बैराज के पानी की जांच की तो पाया कि वह बदबूदार है। उन्होंने कहा कि बरसात होने की वजह से खेतों का पानी नदी में आया होगा। खेतों में किसानों द्वारा जो पेस्टीसाइड डाली गई होगी वह बहकर नदी में आने से यह पानी बदबूदार हो गई है।