महासमुन्द

हाइवे पर मवेशी हो रहे हैं दुर्घटना का शिकार, बेखबर हैं जिम्मेदार, नहीं खुली नींद
06-Jul-2025 2:26 PM
 हाइवे पर मवेशी हो रहे हैं दुर्घटना का शिकार,  बेखबर हैं जिम्मेदार, नहीं खुली नींद

महासमुंद, 6 जुलाई। महासमुंद जिले से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर गौवंश के लिए मौत का तांडव जारी है। पिछले सप्ताह ही इस रास्ते दुर्घटनाओं के कारण 16 गौवंश और भैंस घायल हुए। इनमें से 6 की मौके पर ही मौत हो गई।
यहां हादसों का दौर थम नहीं रहा है। महासमुंद, पिथौरा, सरायपाली, बागबाहरा शहर और आसपास के इलाकों में रोजाना सैकड़ों गायें सडक़ दुर्घटनाओं का शिकार हो रही हैं। घायल गायों को गौसेवक दल के युवाओं की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर कमला गौधाम पहुंचा देते हैं। जहां प्राथमिक चिकित्सा से गायों को त्वरित राहत मिलती है।

गौधाम के संचालक मनीष अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण यह त्रासदी घटित हो रही है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का दावा है कि मवेशियों को सडक़ों से हटाने के लिए कर्मचारी तैनात हैं और हेल्पलाइन 1033 सक्रिय है। सच तो यह है कि ये तस्वीरें सडक़ों पर गौवंश की मौजूदगी और लगातार हादसे राजमार्ग प्राधिकरण के दावों की पोल खोल रहे हैं।
गौ सेवक सौरभ अग्रवाल मोनू ने टोल प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि टोल वसूलने में तत्पर लेकिन सडक़ सुरक्षा और गौवंश की रक्षा में नाकाम है। गौसेवक अंशु सिन्हा ने भी प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल उठाया है।
 


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