कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 18 जुलाई। शासकीय गुण्डाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोण्डागांव में आज का दिन एक ओर नई शुरुआत का साक्षी बना, वहीं दूसरी ओर एक सफल और समर्पित कार्यकाल की गरिमामयी विदाई का अवसर भी रहा। इस विशेष दिन पर महाविद्यालय की नव पदस्थ प्राचार्य डॉ. सरला आत्राम ने विधिवत रूप से पदभार ग्रहण किया तथा पूर्व प्राचार्य डॉ. चेतन राम पटेल को एक भव्य समारोह में भावभीनी विदाई दी गई।
डॉ. सरला आत्राम, जो पूर्व में शासकीय भानुप्रताप देव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कांकेर में प्राचार्य पद पर कार्यरत थीं, अपने अनुशासित नेतृत्व, प्रशासनिक दक्षता और शिक्षकीय संवेदनशीलता के लिए जानी जाती हैं। उनके स्वागत के लिए महाविद्यालय परिवार ने एक गरिमामय आयोजन किया, जिसमें समस्त प्राध्यापकगण, शिक्षकेतर कर्मचारी और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
डॉ. आत्राम ने अपने प्रथम उद्बोधन में महाविद्यालय की सामूहिक चेतना, सहभागिता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा -एक संस्था का विकास केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की प्रतिबद्धता और भागीदारी से संभव होता है। हम सब मिलकर शिक्षा, अनुसंधान और नैतिक मूल्यों के समुच्चय से महाविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।
इस अवसर पर डॉ. किरण नुरुति ने डॉ. सरला आत्राम का विस्तृत परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि वे न केवल एक योग्य शिक्षाविद हैं, बल्कि प्रशासनिक नेतृत्व में भी उत्कृष्टता का प्रतीक रही हैं।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में पूर्व प्राचार्य डॉ. चेतन राम पटेल के सेवाकाल को स्मरण करते हुए एक भावुक विदाई समारोह आयोजित किया गया। डॉ. पटेल का कार्यकाल महाविद्यालय के लिए प्रेरणा, मार्गदर्शन और स्थायित्व का प्रतीक रहा।
उनके कुशल नेतृत्व में महाविद्यालय ने शैक्षणिक, सांस्कृतिक और अनुशासनात्मक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की।
विदाई समारोह में वक्ताओं ने डॉ. पटेल के समर्पण, विनम्रता और संगठनात्मक क्षमता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। अनेक प्राध्यापकों और स्टाफ सदस्यों ने उन्हें अपने-अपने अनुभवों से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
डॉ. पटेल ने अपने विदाई वक्तव्य में कहा -शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना भी है। मैं यहाँ बिताए गए समय को अपने जीवन की सबसे समृद्ध अवधि मानता हूँ और विश्वास करता हूँ कि नए नेतृत्व में यह महाविद्यालय और अधिक ऊँचाइयाँ छुएगा।
महाविद्यालय परिवार ने स्मृति-चिन्ह भेंट कर डॉ. पटेल को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य व स्वस्थ जीवन की मंगलकामनाएँ कीं।
इस आयोजन में उपस्थित समस्त जनों के चेहरे जहाँ एक ओर नवीन ऊर्जा से दमकते दिखे, वहीं डॉ. पटेल की विदाई ने एक भावनात्मक छाया भी छोड़ी। यह आयोजन न केवल नेतृत्व के हस्तांतरण का साक्षी बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि एक संस्थान की सुदृढ़ता उसमें कार्यरत लोगों की निष्ठा और निरंतरता पर निर्भर करती है।