कोण्डागांव

शिक्षा के नाम पर ठगी का अड्डा!
18-Jul-2025 8:44 AM
शिक्षा के नाम पर ठगी का अड्डा!

जैनेक्स एड्यूटेक का मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स जांच के घेरे में, सुरक्षा और वैधता पर उठे सवाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 17 जुलाई। जिला मुख्यालय कोण्डागांव के जय स्तंभ चौक स्थित गांधी इलेक्ट्रिकल्स के ऊपर इन दिनों संचालित जैनेक्स एड्यूटेक द्वारा चलाया जा रहा मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स इन दिनों संदेह और विवाद का केंद्र बन गया है। शिक्षा और मानसिक विकास के नाम पर परिजनों से भारी भरकम रकम वसूली जा रही है, जबकि कोर्स की कोई मान्यता, वैज्ञानिक आधार, और न ही शैक्षणिक स्वीकृति है। अब संस्था की सुरक्षा और संरचना को लेकर भी गंभीर खामियां सामने आई हैं।

स्कूलों में घुसकर बिना अनुमति टेस्ट, फिर होती है फीस की वसूली

स्थानीय जानकारी के अनुसार, यह संस्था पहले शासकीय और निजी स्कूलों में बिना किसी प्रशासनिक या शैक्षणिक अनुमति के प्रवेश करती है और बच्चों का मानसिक स्तर मापने के नाम पर टेस्ट लेती है। फिर टेस्ट पास बताकर परिजनों से संपर्क कर उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि यह कोर्स उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बना देगा, मोबाइल की लत छुड़ाएगा, पढ़ाई में ध्यान बढ़ाएगा, और खेल में श्रेष्ठ बनाएगा। इस झूठे भरोसे के बदले 10 हजार से 60 हजार रुपये तक की फीस वसूली जा रही है। कोर्स की अवधि तीन माह बताई जाती है, लेकिन कक्षा सप्ताह में केवल रविवार को लगती है। अभिभावकों को न कोई रसीद दी जाती है और न ही किसी शैक्षणिक निकाय की स्वीकृति दिखाई जाती है।

संस्था में कई कमियां, बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में!

जांच में सामने आया है कि, इस संस्था में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, न ही कोई फायर सेफ्टी सिस्टम (अग्निशमन यंत्र) उपलब्ध है। ऊपर के फ्लोर में संचालित इस संस्था में जाने के लिए जो सीढिय़ां हैं, वहां रेलिंग तक नहीं है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरा बना रहता है। बच्चों के मानसिक विकास की ट्रेनिंग देने वाली संस्था के भीतर बुनियादी सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं करना, अत्यंत चिंताजनक और लापरवाहीपूर्ण रवैया दर्शाता है।

इस मामले पर कोण्डागांव के अपर कलेक्टर चित्रकांत चाली ठाकुर ने कहा कि, मीडिया के माध्यम से मामले का संज्ञान आया है। मामले की जांच करवाई जाएगी, जिसके बाद दोषी पाए जाने से नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने कहा कि, जैनेक्स एड्यूटेक का मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स जिले में संचालित नहीं है। जिले के सभी स्कूलों के संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया गया कि बच्चों का मानसिक स्तर मापने के नाम पर टेस्ट लेने के लिए कोई भी संस्था को अनुमति नहीं दी गई है।

मिड ब्रेन एक्टिवेशन विज्ञान नहीं, भ्रम और ठगी का नाम

मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स पर लंबे समय से देशभर में सवाल उठते रहे हैं। बच्चों की आंखों पर पट्टी बांधकर पढऩे या देखने जैसे दावे न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से अप्रमाणित हैं, बल्कि शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भी इसे छद्म विज्ञान की श्रेणी में रखा है। अब तक न तो सीबीएसई, न राज्य शिक्षा मंडल और न ही कोई सरकारी विश्वविद्यालय ऐसे कोर्स को मान्यता देता है।

कानूनी पहलू और संभावित कार्रवाई

कानूनी पहलू पर गौर करें तो बिना अनुमति स्कूलों में प्रवेश करना शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन है। बच्चों से मोटी फीस वसूलना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। बिना फायर सेफ्टी और सीसीटीवी के संचालन पर आपदा प्रबंधन और नगर निगम नियमों के तहत कार्रवाई संभव है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े प्रशिक्षण बिना लाइसेंस मेडिकल काउंसिल, मनोवैज्ञानिक बोर्ड और बाल संरक्षण आयोग की निगरानी का विषय है।

अभिभावकों से अपील हैं कि, शिक्षा के नाम पर हो रहे किसी भी कोर्स में शामिल होने से पहले उसके वैधता, मान्यता, प्रशिक्षकों की योग्यता और सुरक्षा इंतजामों की पूरी जानकारी अवश्य लें। बच्चों के मानसिक विकास के नाम पर किसी झूठे वादे और ठगी का शिकार न बनें।


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