कोण्डागांव

पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश
08-Jun-2025 9:25 PM
पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंडागांव, 8 जून। नन्हे छात्र-छात्राओं ने विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

कोंडागांव जिला अंतर्गत संकुल केंद्र करंजी के शासकीय प्राथमिक शाला डोंगरीपारा के छात्र-छात्राओं ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत शाला परिसर में पौधरोपण कर ग्राम वासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में संस्था में अध्ययनरत नन्हे छात्र-छात्राओं के साथ साथ ग्रामवासी भी अपने हाथों से शाला परिसर मे पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सामूहिक संकल्प लिया।

कार्यक्रम संयोजक टी. ऐंकट राव ने शुद्ध ऑक्सीजन, स्वच्छ वातावरण के लिए पर्यावरण संरक्षण को आवश्यक बताया तथा छात्र छात्राओं व ग्रामवासियों से अधिक से अधिक पौधारोपण कर इस धरती को सुंदर बनाने की अपील की।

कार्यक्रम की अगली कड़ी में संस्था में अध्ययनरत छात्र छात्राओं ने शिक्षक राव के नेतृत्व मे गांव के समीप के साल वन मे जाकर चिपको आंदोलन की तर्ज पर साल के विशाल हरे भरे पेड़ों से चिपक कर चिपको आंदोलन को ग्रामवासियों एवं राहगीरों के समक्ष प्रस्तुत कर हमारे जीवन मे ंवनों के महत्व एवं वनों की कटाई से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक किया।

कार्यक्रम संयोजक टी.ऐंकट राव ने चिपको आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आंदोलन  एक पर्यावरण रक्षा का आंदोलन था।यह भारत के उत्तराखंड(तब उत्तर प्रदेश) राज्य मे किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध किया था।वे राज्य के वनविभाग के ठेकेदारों द्वारा की जाने वाली वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे।

चिपको आंदोलन की मुख्य बात यह थी कि इस आंदोलन में स्त्रियों ने भारी संख्या मे भाग लिया था।इन आंदोलनकारी स्त्रियों ने पेड़ों से चिपक कर एक जनांदोलन चलाया था।इस आंदोलन की शुरुआत 1970 में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा,कॉमरेड गोविंदसिंह रावत,चंडीप्रसाद भट्ट तथा गौरादेवी के नेतृत्व मे हुआ था।


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