कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 जनवरी। जनपद पंचायत कोण्डागांव कार्यालय में 2 जनवरी को जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों ने ताला जड़ दिया। इसके बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने पूरे दिन धरना भी दिया।
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने बताया कि, वर्ष 2019 से अब तक 7 जनपद पंचायत सीईओ नियुक्त किए गए हैं। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहा है और ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।
जानकारी अनुसार, जनपद पंचायत कोण्डागांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में वर्ष 2019 में रमेश कुमार ओट्टी, 2019 से 2020 तक रवि कुमार साव, 2020 में पुन: रमेश कुमार ओट्टी, 2020 से 2021 तक अमित कुमार भाटिया, 2021 से भूपेंद्र सिंह जोशी, 2022 में कावेरी मरकाम और 2023 में निकिता मरकाम को नियुक्त किया गया है । जनपद पंचायत कोण्डागांव के 7 मुख्य कार्यपालन अधिकारी 2019 से 2023 तक लगातार बदले गए। इससे जनपद जनप्रतिनिधियों का गुस्सा एकाएक फूट पड़ा।
2 जनवरी को जनपद अध्यक्ष शिवलाल मंडावी, उपाध्यक्ष मनोज कुमार सेठिया व अन्य जनपद सदस्यों ने एकाएक पंचायत कार्यालय में धरना दे दिया। इतना ही नहीं धरना देते हुए जनपद पंचायत कार्यालय में ताला भी लगा दिया गया। अधिकारियों के स्थानांनतरण के मामले पर सरपंच संघ जिला उपाध्यक्ष व कोण्डागांव ब्लाक अध्यक्ष संजय उईके ने कहा कि, वे ग्रामीणों से विकास का वादा कर जीत हासिल करते हैं। अधिकारियों के बदलने से पंचायत स्तर के विकास कार्य अटके पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त हैं।
इस मामले में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम प्रकाश शर्मा ने कहा, डिप्टी कलेक्टर भूपेंद्र जोशी लगभग सवा साल से अधिक जनपद पंचायत सीईओ के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उनके शासन स्तर पर स्थानांतरण होने के बाद जिला प्रशासन ने व्यवस्था बनाते हुए डिप्टी कलेक्टर कावेरी मरकाम को जनपद पंचायत कोण्डागांव मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन बड़ा जनपद पंचायत होने के कारण अनुभवी डिप्टी कलेक्टर व फरसगांव जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी निकिता मरकाम को सीईओ बनाया गया है, वहीं उन्होंने आगे बताया, नाराज जनप्रतिनिधियों को कोण्डागांव एसडीएम ने समझाइश दी। जिसके बाद मामला शांत हो गया है।