धमतरी

पीएम मोदी के 7 साल का कार्यकाल निराशाजनक-डॉ.लक्ष्मी धु्रव
03-Jun-2021 6:14 PM
पीएम मोदी के 7 साल का कार्यकाल निराशाजनक-डॉ.लक्ष्मी धु्रव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 3 जून।
सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 7 साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया। जारी विज्ञप्ति में विधायक डॉ.धु्रव ने कहा कि जब प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी सत्तासीन हुए तब उन्हें कई जुमले भरे नारे जैसे अच्छे दिन आएंगे, काला धन लाएंगे, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया का नारा दिया जो कि सिर्फ स्वप्न्नमात्र प्रतीत होते है।

अपनी असफलताओं को छुपाने भाजपा द्वारा कांग्रेस को लगातार कोसा गया सिर्फ एक ही सवाल कांग्रेस ने 70 सालों में क्या किया?
लेकिन हम आज भाजपा के सात सालों के कार्यकाल को देख रहे है आम जनमानस में घोर निराशा व्याप्त है लोग महंगाई एवं बीमारी की दोहरी मार को झेल रहे है। नैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री असफल रहे है।

विधायक ने आगे कहा कि आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन हो रहा है। यदि सरकार के विरोध में कोई आवाज उठती है तो उसे पूर्णत: दबा दिया जाता है। उस पर राजद्रोह जैसे गम्भीर कानून लगा दिए जाते है। जब पूर्व में केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे थे तब पेट्रोल डीजल के दाम आंशिक रूप से थोड़े से भी बढऩे पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं द्वारा सडक़ पर धरना प्रदर्शन किया जाता था, परन्तु जब केन्द्र में मोदी की सरकार है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुंच चुके थे, लेकिन फिर भी आज देश में पेट्रोल डीजल के दाम शतक लगा चुके है रसोई गैस के दाम में भी दोगुनी से ज्यादा वृद्धि हुई है।

आज महंगाई अपनी चरम सीमा पर है। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश की जीडीपी माईनस के आंकड़े को छूकर एक काला इतिहास कायम किया है। नोटबन्दी, जी एसटी जैसे कानूनों को जनता के ऊपर जबरन थोपना इसकी मुख्य वजह है। काला धन लाने, मेक इन इंडिया एवं बेरोजगारी के मोर्चे पर नाकाम होने के बाद आत्मनिर्भर भारत जैसे नए जुमलों को जनता अब समझ चुकी हैं, क्योंकि कोरोना काल के इस मुश्किल दौर में केन्द्र की सरकार ने न सिर्फ भारत की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया, राज्यों को ऑक्सीजन के बंटवारे में भेदभाव किया गया साथ ही वैक्सीन केपिटल कहे जाने वाले देश भारत के लोगों को वेक्सीन दिलाने में असफल रही है। 

जब देश कोरोना का दंश झेल रहा था। तब देश के प्रधानमंत्री बंगाल चुनाव मे मस्त थे और सिर्फ उनके मित्र अडानी एवं अम्बानी ही पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत की राह की ओर अग्रसर है।
आज देश के युवा,किसान, व्यापारी सभी मोदी के इस तानाशाही रवैये से वाकिफ हो चुके है यह देश जल्द ही मोदी सरकार के असफल नीतियो एवं अकुशल कार्यप्रबंधन शैली का करारा जवाब देगा।
 


अन्य पोस्ट