धमतरी

मुद्दों से भटकाता हुआ बजट-डीहू राम
08-Feb-2022 4:30 PM
मुद्दों से भटकाता हुआ बजट-डीहू राम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 8 फरवरी। 
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मगरलोड के अध्यक्ष डीहू राम साहू ने कहा कि यह बजट मुद्दों से भटकाता हुआ बजट है। इस समय के सबसे बड़े मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी और कृषि के लिए बजट में कोई सार्थक रोड मैप नहीं दिखा। मोदी सरकार पहले 2 करोड़ रोजगार देने की बात कह रही थी, जो अब 60 लाख पर पहुंच गई है। कथनी और करनी में अंतर साफ दिख रहा है।

श्री साहू ने आगे कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में केवल चंद पूंजीपतियों का हित है। सूटकेस से पोटली और पोटली से डिजिटल बजट, फोकस केवल कार्पोरेट के मुनाफे पर है। पूंजीपतियों को राहत देने कार्पोरेट टैक्स और सरचार्ज घटाया गया, लेकिन आम आदमी के लिए आयकर स्लैब में कोई राहत नहीं दी गई।

पिछले बजट में महिलाओं के पोषण, किसानों के खाद, बीज पर दी जाने वाली सब्सिडी घटाया गया था, इस बार भी कोई राहत नहीं दी गई। बजट में घोषित सिंचाई परियोजना में छत्तीसगढ़ शामिल नहीं है। न ही राज्य के लिए कोई बड़ी योजना है।

अच्छे दिन का सपना जुमला साबित-डाकुवर
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मगरलोड के महामंत्री डाकुवर साहू ने कहा कि हम भयंकर महंगाई का सामना कर रहे हैं और मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। अच्छे दिन का सपना जुमला साबित हुआ। महंगाई पर कोई राहत नहीं है। किसान, मजदूर एवं युवाओं के साथ इस बजट में केंद्र सरकार द्वारा धोखा दिया गया है। केंद्रीय बजट बेहद ही निराशाजनक रहा। किसानों की आय दुगुनी करने की बात करने वाले आज एमएसपी को लेकर मौन है।

उद्योगपतियों की जेब भरने वाला बजट-राजेश
पूर्व अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मगरलोड एवं जनपद पंचायत मगरलोड के उपाध्यक्ष राजेश साहू ने कहा कि यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला साबित होगा।
कोरोना काल में बेरोजगारी, महंगाई, इलाज के खर्चों से लोग बेहाल हैं और सरकार डिजिटल करेंसी के सपने दिखा रही है। ड्रोन के जरिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का नया शिगूफा रखा गया है।

इस बजट से ना किसानों को कुछ मिला, ना मजदूरों कुछ मिला। किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में कोई बात नहीं की गई। पुराने बजट में जो कुछ शामिल थे उसको भी पूरे करने कोई प्रावधान नहीं है। यह दिशाहीन बजट है। ना नौजवानों के लिए कुछ है और ना बेरोजगारों के लिए कुछ है।

वित्तीय वर्ष 2021 - 22 और मौजूदा 2022 - 23 में किसान की खाद पर सब्सिडी 1.40 लाख रू करोड़ से कम कर 1.05 रू लाख करोड़ कर दी। जो किसानों के साथ अन्याय है। वहीं फूड सब्सिडी 2.86 रू लाख करोड़ से कम कर 2.06 रू लाख करोड़ कर दी।


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