धमतरी

आपसी कलह और भाजपा संगठन की सक्रियता से घबराई हुई है कांग्रेस-पवार
05-Sep-2021 8:20 PM
आपसी कलह और भाजपा संगठन की सक्रियता से घबराई हुई है कांग्रेस-पवार

भाजपा प्रदेश प्रभारी के बयान को लेकर प्रदर्शन कांग्रेस का ढोंग-कविन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 5 सितंबर।
भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के व्यक्तव्य को लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा जिले में किये जा रहे प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुये जिला भाजपा अध्यक्ष ठाकुर शशि पवार एवं जिला महामंत्री कविन्द्र जैन ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि आपसी कलह से परेशान तथा भाजपा के संगठन में कसावट लाने की लगातार चल रही कवायद से घबराई कांग्रेस किसी न किसी बहाने अपने कार्यकर्ताओं को मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिये बहाने ढूंढ रही है। 

पार्टी के अंदर चल रहे विद्रोह को संभाल पाने में कांग्रेस के बड़े नेता नाकाम रहे हैं। कार्यकर्ता अपने अपने गुट के समर्थन में आये दिन दिल्ली कूच कर रहे हैं। अन्य कांग्रेस शासित प्रदेशों की तरह छग में भी नेतृत्व परिवर्तन की मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में कार्यकर्ताओं का ध्यान इस मुद्दे से भटकाने के लिये कांग्रेस नेतृत्व  भाजपा प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी के वक्तव्य में हुई एक छोटी सी भाषाई त्रुटि को मुद्दा बनाकर जगह-जगह प्रदर्शन का ढोंग कर रही है। 

श्रीमती पुरंदेश्वरी की सक्रियता और उनके प्रबंध कौशल से घबराई कांग्रेस उनके एक शब्द को पकडक़र तिल का ताड़ बना रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का बदजुबानी का लंबा इतिहास रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने 1984 के सिख दंगो पर शर्मनाक टिप्पणी करते हुये कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांपती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के बारे में इतने अपशब्द कहे कि उन्हें उच्चतम न्यायालय से फटकार खाने के बाद यह स्वीकारना पड़ा कि उन्होंने उत्तेजना में अपशब्दों का प्रयोग कर दिया था। 

छग कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी नारायण सामी को तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ने उनकी बदजुबानी के खिलाफ मानहानि के लिये अदालत में घसीटा था। जहां उन्होंने बाकायदा श्री चंद्राकर से माफी मांगी थी। इतना ही नहीं धमतरी जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री कवासी लखमा और वर्तमान प्रभारी मंत्री अनिला भेडिय़ा ने शराबबंदी को लेकर आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले बयान दिये। उन्होंने अपने बयान में ये कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति शराब सेवन की रही है। जिसको लेकर आदिवासी समाज ने इन दोनों नेताओं की आलोचना की। इतना ही नहीं स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल प्रदेश में और प्रदेश के बाहर जाकर जिस प्रकार हिन्दू आस्था पर तथा ब्राम्हण समाज पर जो नफरत फैलाने वाले वक्तव्य दे रहे हैं। उनके खिलाफ प्रदेश में धरना प्रदर्शन करना चाहिये साथ ही उनकी पार्टी हिन्दू आस्था और ब्राम्हण समाज के प्रति क्या सोच रखती है, ये भी स्पष्ट करना चाहिये। कांग्रेसियों को यदि शुचिता से कोई सरोकार है, तो पहले अपने नेताओं पर दबाव बनाना चाहिये कि अपनी बदजुबानी के लिये वे देश की जनता से माफी मांगे। 

कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में सत्तासीन हुये लगभग 3 वर्ष होने को है। इन 3 वर्षों में प्रदेश में 20 हजार के लगभग आत्महत्याएं हो चुकी है। इतने ही महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। किसानों को खाद, बिजली, पानी के लिये सरकार तरसा रही है। युवाओं का न तो रोजगार मिल रहा है न ही बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है। 

विकास के कार्य धन के अभाव में ठप्प पड़े हुये हैं। कर्ज लेने में सरकार ने कीर्तिमान बना दिया है। शराब, खनिज की कालाबाजारी धड़ल्ले से चल रही है। भ्रष्टाचार के पैसे पार्टी आलाकमान को खुश करने में खर्च किये जा रहे हैं। हर जिले में आलीशान पार्टी कार्यालय बनाने में व्यस्त कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र के सारे वादे भूल चुकी है। जनता अब यह जान चुकी है। 

कांग्रेस के हाथ में सत्ता देकर उनसे बहुत बड़ी भूल हुई है।
 


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