‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी 31 दिसंबर। साल 2024 का आज अंतिम दिन है। इस साल को अलविदा कर नए साल के स्वागत के लिए पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है। गंगरेल बांध में 2025 के पहले दिन एक जनवरी को भीड़ उमडऩे की संभावना है। गंगरेल प्रदेश का दूसरा बड़ा बांध और रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बालोद, गरियाबंद के बीच है, इसलिए लोगों के लिए पहली पसंद गंगरेल बांध होता है। भीड़ की संभावना, दुर्घटना रोकने यातायात पुलिस ने ट्रैफिक रूट चार्ट बनाया है। 7 जगह पार्किंग जोन निर्धारित किया। रायपुर, दुर्ग, नगरी, कांकेर, बालोद रूट से आने वाले पर्यटकों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित है।
एएसपी मणिशंकर चंद्रा ने सोमवार को होटल, लॉज, रिसॉर्ट मालिक व प्रबंधकों की बैठक यातायात चौकी में ली। इसमें कोतवाली, रुद्री टीआई शामिल हुए। चेताया कि होटल, ढाबों पर शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन हुआ या परोसा गया, तो सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थल के अलावा ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होगी। नशे में गाड़ी चलाने, नियम उल्लंघन पर सख्ती बरतेंगे। शांति भंग करने वालों को जेल भेजेंगे। इंटरसेप्शन वाहन, शक्ति टीम, चीता दल के माध्यम से सतत पेट्रोलिंग होगी।
गंगरेल में इन जगहों पर होगी गाडिय़ां पार्क
ट्रैफिक पुलिस ने 7 जगह पार्किंग पाइंट तय किए हैं। इनमें वर्कशॉप में चारपहिया अन्य वाहन पार्क होंगे। पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में चारपहिया अन्य वाहन, ग्रीन एडवेंचर रिसॉर्ट बाइक पार्किंग, पुलिस चौकी के पीछे (शीतला मंदिर के पास) बाइक पार्किंग, मोटल जाने के सामने चारपहिया अन्य वाहन पार्किंग रहेगी। मानव वन के आगे ओपन एरिया में चारपहिया व अन्य वाहन, अंगोरमोती मंदिर के प्रवेश द्वार के पास खाली जगह चारपहिया व अन्य वाहनों की पार्किंग होगी।
न्यू ईयर सेलिब्रेशन को मिलेगा रोमांच
गंगरेल बांध- पिकनिक मनाने के अलावा कई वाटर स्पोर्ट्स का आनंद उठा सकते हैं। वाटर स्कीइंग और जेटस्की शामिल है। यहां पहुंचने पर मनोरम दृश्य के दर्शन होंगे। यहां लग्जरी कॉटेज भी बने हुए हैं।
नरहरा जलप्रपात- यह सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। झरने के रूप में गिरने वाला जल आपका मन मोह लेगा। झरना के पास नरेश्वरी देवी का एक मंदिर है, जहां भक्त इसके प्राचीन जल में स्नान करने के बाद अनुष्ठान करते हैं।
मुरूमसिल्ली बांध- इस बांध का निर्माण साल 1914 में हुआ। यह एशिया का पहला सायफन बांध है। यह महानदी की सहायक नदी सिलयारी पर स्थित है। इस बांध की दीवारों पर कई तरह के शिल्प भी देखने को मिल जाएंगे। 100 साल बाद भी आज इस बांध की खूबसूरती जस की तस है।
सिहावा पहाड़- पहाडिय़ों पर आप खूबसूरत और सुंदर नजारों का दीदार कर सकते हैं। पहाड़ी की सडक़ें हरियाली, चट्टानी इलाकों और कई नज़ारों से भरे हैं। पहाडिय़ों में मार्ग के किनारे कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं आपको दिख जाएंगे। यह पहाड़ आपके रोमांच को बनाए रखती हैं।