‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 जून। जिले में खरीफ फसल सीजन के दौरान 1 लाख 91 हजार हेक्टेयर में धान की खेती समेत कुल 2 लाख 24 हजार हेक्टेयर से अधिक में फसल लिया जाना है जो मानसून आने के इंतजार में लंबित है।
जानकारी हो कि कास्तकारी जिले में किसान खेत सुधार, खाद, बीज भंडारण का फसल की तैयारी लगभग कर चुके हैं पर बारिश नहीं होने के कारण किसान बोआई का काम नहीं कर पा रहे हैं। मानसून आने और बारिश होने का किसानों को बेसब्री से इंतजार है। किसानों की माने तो सिंचाई सुविधा वाले किसान ही नर्सरी तैयार कर पाये हैं। शेष किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं।
जिले में 1 जून से प्रारंभ होने वाला बारिश आज 21 दिन बाद भी रूठा हुआ है। जिला भू अभिलेख शाखा के रिकार्ड के मुताबिक जिले में अभी तक 86 एमएम से अधिक औसत बारिश दर्ज किया जाता रहा है। इस साल स्थिति और गंभीर नजर आ रहा है। अभी तक केवल 2 एमएम से भी कम औसत बारिश हुआ है। कम बारिश होने की वजह से जिले में किसान खेत तैयार कर चुके है पर बोआई का काम नहीं के बराबर हुआ है।
बीते साल से 85 एकड़ अधिक रकबा का लक्ष्य
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा पूर्व खरीफ फसल सीजन से इस बार 85 एकड़ अधिक रकबा में फसल लेने का लक्ष्य रखा गया है। बिते सत्र के दौरान जिले में 2,24,669 हेक्टेयर में फसल लिया गया। इस खरीफ सीजन में 2,24,700 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। जो बिते सत्र से 31 हेक्टेयर अधिक होगा। जारी सत्र के दौरान सबसे अधिक धान के लिए 1,91,190 हेक्टयर रकबा तय किया गया है। मक्का का रकबा 510 हेक्टेयर, ज्वार 50 हेक्टेयर, ज्वार, कोदो, कुटकी 4200 हेक्टेयर, रागी 650 हेक्टेयर समेत अनाज वर्ग के लिए 1,96,600 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा दलहन वर्ग में अरहर 3500 हेक्टेयर, उड़द 550 हेक्टेयर, मूंग 100 हेक्टेयर समेत 4150 हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य तय हुआ है। अनाज व दलहन के बाद तिलहन वर्ग के सभी 5 फसल के लिए 7650 हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य निर्धारित हुआ है जिसमे मूंगफली 1500 हेक्टेयर, सोयाबीन 6000 हेक्टेयर, तिल 150 हेक्टेयर व रामतिल व सूर्यमुखी के लिए रकबा का निर्धारण हुआ है। अन्य फसलो में शामिल कपास का रकबा 16300 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। जिले में सूचीबद्ध 17 तरह फसलो में अभी तक लक्ष्य की पूर्ति शून्य याने पानी के अभाव में फसल का काम अटका हुआ है।
खेत की सफाई कर चुके हैं, बस बारिश का इंतजार
किसान हेम सिंह वर्मा, रामाधार साहू, मन्नूलाल साहू ने बताया कि हम लोग अब तक खेत की सफाई कर चुके हैं। मिट्टी पलटकर जैविक खाद, गोबर डाल चुके हैं। करीब सप्ताह भर का समय बित चुका पर बारिश नहीं होने के कारण बोआई नहीं कर पा रहे है। हालत ये हैं कि हवा के साथ खेतों में धूल उडऩे लगा है। आने वाले समय में बारिश होने पर नर्सरी तैयार कर चुके किसान रोपा लगाएंगे वही अन्य किसान बोआई का काम शुरू करेंगे ।
102 समितियों में 67000 मिट्रिक टन उर्वरक का भंडारण
फसल की तैयारी के लिए जिले को 80150 मिट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का लक्ष्य मिला है। जिले में 102 सहकारी समितियों एवं केंद्रों में 67000 मिट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया था जिसमें से किसानों द्वारा 47112 मिट्रिक टन रसायनिक उर्वरक का उठाव किया जा चुका है। रासायनिक उर्वरक का उठाव कार्य जारी है। जिले के सहकारी समितियों एवं केंद्रों में 29200 क्विंटल बीज भंडारित है। भंडारण के विरुद्ध किसानों द्वारा अब तक 27600 क्विंटल बीज का उठाव किया जा चुका है।
इस साल सबसे खराब स्थिति
जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, थानखम्हरिया, देवकर, भिभौरी व नांदघाट तहसील का बिते 10 साल के दौरान 21 जून तक कुल 691.45 एमएम बारिश होने का रिकार्ड है। जिसमें जिले का औसत बारिश 86.43 एमएम बारिष होने का है। जिले में इस बार 1 जून से प्रारंभ हुए वर्षा सीजन में बिते 21 दिन में बेमेतरा तहसील 9.4 एमएम, भिभौरी तहसील में 0.5 एमएम, नवागढ में 1.7 एमएम और नांदघाट तहसील में 0.8 एमएम बारिश हुआ है। इन तहसीलों को छोडक़र बेरला, साजा, देवकर, थानखम्हरिया में एक बूंद भी बारिश नहीं हुआ है। जिले में 21 दिन के दौरान कुल 13.6 एमएम बारिष हुआ जिसमें जिले का औसत बारिष 1.7 एमएम हुआ है। बारिष का नहीं होना किसानों के लिए धीरे-धीरे गंभीर समस्या बनते जा रहा है।
सहायक संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि खरीफ सीजन में जिले में 2 लाख 224 हजार हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य तय किया गया है, पर अभी लक्ष्य के विपरीत पूर्ति शून्य है। बारिश नही होने से इस तरह की स्थिति बनी है।