‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 नवंबर। जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर ग्राम बरोंडा बाजार में अब प्रदेश का पांचवा राष्ट्रीय स्तर का सबसे बड़ा खेल मैदान बनने जा रहा है। फ ीफ ा मानकों को ध्यान में रखते हुए इसे 8 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा पूर्व में डीएफओ कार्यालय मैदान के पीछे 6 करोड़ की लागत से फुटबॉल ग्राउंड का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन ऐन टाइम में किसी कारणवश वन विभाग से यहां भूमि उपलब्ध कराने से मना कर दिया।
बाद में खेल विभाग ने एक ने एक बार फिर भूमि की तलाश की तथा बरोंडा बाजार के पास पब्लिक स्कूल लाइवलीहुड कॉलेज, पॉलेटेक्निक कॉलेज के समीप ही खेल विभाग को खसरा नंबर 398-1 रकबा 4.47 हेक्टेयर की भूमि मिली। इसमें प्रशासन ने 2.40 हेक्टेयर यानी 5.93 एकड़ लगभग 6 एकड़ भूमि फुटबॉल ग्राउंड के लिये चिन्हांकित किया गया है। अब यहां सर्वसुविधायुक्त फुटबॉल ग्राउंड के लिये 8 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को बनाया गया निर्माण एजेंसी
इस मैदान को लेकर तहसीलदार कार्यालय से मैदान भूमि का नक्शा विभाग को मिल चुका है। इसके निर्माण के लिये कार्य एजेंसी हाउसिंग बोर्ड को बनाया गया है। सप्ताह भर में जिला प्रशासन से खेल विभाग को जमीन का अधिपत्य होने के बाद कार्य एजेंसी हाउसंग बोर्ड इसका फायनल डिजाइन बनाने के लिये रायपुर से आर्किटेक्ट बुलाएगी। बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। उम्मीद है कि नये वर्ष 2026 से काम प्रारंभ हो जायेगा। स्थान व भूमि को आर्किटेक्ट द्वारा निरीक्षण के बाद ही पता चलेगा कि इसमें नेचुरल ग्रास बिछाया जायेगा कि सिंथेटिक बनाया जायेगा। इसके पूर्व रायपुर, सरगुजा, जगदलपुर, जयपुर में फ ीफ ा मानकों के आधार पर फुटबॉल मैदान बनाया गया है। अब महासमुंद में यह पांचवां फुटबॉल ग्राउंड होगा जो इस मानक के आधार पर होगा। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को इस निर्माण कार्य का एजेंसी बनाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार शहर सहित आसपास में लगभग 250 से अधिक फुटबॉल खिलाड़ी है। पिछले 20-22 सालों में 35 से 40 राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल खिलाड़ी शहर को दिये हैं। साधारण मैदान में अभ्यास करने में खिलाडिय़ों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब यहां राष्ट्रीय स्तर की तरह इस मैदान में अनेक प्रकार की सुविधाएं होंगी। जिसमें पेवेलियन, मेडिकल रूम, बैठक व्यवस्था, चेंजिंग रूम, दर्शक दीर्घा, शौचालय, स्नानागार तथा चाय, काफी आदि रहेंगे।
भविष्य में शहर में जनसंख्या और आबादी को दृष्टिगत रखते हुये भी फुटबॉल ग्राउंड के लिये इस स्थल का चुनाव किया गया। कहा जा रहा है कि 6 सप्ताह में उक्त जमीन का आधिपत्य मिल जायेगा। निर्माण एजेंसी तय हो चुकी है। कुछ माह में ही फायनल डाइंग के बाद काम शुरू हो जायेगा। फीफ ा मानका फुटबॉल खेल के लिए उच्च गुणवत्ता सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने वाले नियमों, दिशानिर्देशों और गुणवत्ता चिहनों का एक सेट है, जो मैदान के आकार और सामग्री से लेकर खिलाड़ी के उपकरणों और एजेंटों के नियमों तक फैला है। ये मानक फुटबॉल उत्पादों और सुविधाओं को प्रमाणित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो खेल के वैश्विक स्तर पर एकरूपता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
जानकारी अनुसार इन मैचों के लिए मैदान की लंबाई 100-110 मीटर और चौड़ाई 64-75 मीटर होनी चाहिए। हालांकि 105 मीटर 68 मीटर को आदर्श माना जाता है। एक इंजीनियर द्वारा बनाया आधार जिसमें ठोस कुचले हुए पत्थर और सटीक जल निकासी ढलान लगभग 0.5 प्रतिशत आवश्यक है। उन्नत अवशोषण के लिए 10-25 मिमी मोटे शॉक पैड की सिफारिश की जाती है।
इस मैदान के लिये 3 स्तर बनाये गये हैं। जिसमें बुनियादी उच्चव तथा उच्चतम स्तर शामिल हैं। मैदानों और उत्पादों को फ ीफा के कठोर परीक्षण पास करने होते हैं। जो सुरक्षा, प्रदर्शन और स्थायित्व के पहलुओं की जांच करते हैं। सफल परीक्षण के बाद उन्हें फ ीफ ा 1 स्टार या 2 स्टार प्रमाण पत्र प्राप्त होता है। फ ीफ ा गुणवत्ता कार्यक्रम का खेल में सुधार और खिलाडिय़ों, क्लबों और संघों की सुरक्षा करना है। ये मानक वैज्ञानिक निष्कर्षों पर आधारित होते हैं, जो खिलाडिय़ों की जरूरतों और खेल में आराम के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हैं।
जिले के खेल अधिकारी मनोज घृतलहरे का कहना है कि जिले में एक भी खेल मैदान सर्वसुविधायुक्त नहीं है। जहां खिलाड़ी ठीक से अभ्यास करें। शहर के मध्य एकमात्र मिनी स्टेडियम मैदान है। जहां उसका उपयोग स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, राज्योत्सव सहित प्रत्येक शासकीय कार्यक्रमों के लिये होता रहता है। अन्य खेल मैदान और फुटबॉल मैदान में जमीन आसमान का फर्क होता है। फुटबॉल मैदान के मानक अलग होते हैं। फलस्वरूप इसे ध्यान में रखते हुये खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने प्रस्ताव भेजा था। अब कहीं जाकर खेल मैदान फायनल हुआ।