‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 28 जून। राज्य सरकार के वाणिज्य, उद्योग व कोण्डागांव जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा द्वारा 27 जून को ली गई बैठक में कोण्डागांव जिले के समुचित विकास के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास मद से उच्च और निम्न प्राथमिकता के क्षेत्र में वर्ष 2021-22 के लिए 55 करोड़ 80 लाख रूपए के प्रस्ताविक कार्यों का अनुमोदन किया गया।
यह अनुमोदन जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास की बैठक में किया गया। इसके तहत् वार्षिक कार्य योजना में उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों के लिए 44 करोड़ 11 लाख रूपए और निम्न प्राथमिकता वाले कार्यों के लिए 10 करोड़ 15 लाख रूपए के कार्य शामिल हैं। बैठक में जिले के तीनों विधानसभा के विधायक मोहन मरकाम, संतराम नेताम व चंदन कश्यप ने भी जिले के खनन प्रभावित क्षेत्रों की समस्याएं बताते हुए, उनके समुचित विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। बैठक में कोण्डागांव जिले में आमजनों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार करने और बड़े पैमाने पर चिकित्सा विशेषज्ञों स्त्रीरोग, नेत्र रोग, अस्थि रोग विशेषज्ञों, स्टॉफ नर्स भर्ती करने के लिए मंजूरी दी गई।
श्री लखमा ने कहा कि जिला स्तर पर जिला खनिज संस्थान न्यास से आय प्राप्त होती है और उन सभी राशियों को जिला स्तर पर ही उच्च प्राथमिकता के आधार पर कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कौशल विकास, रोजगार, सिचाई, ऊर्जा, और जल विभाजक जैसे मूल कार्यों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि इस राशि से जिले के खनन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्राम पंचायतों और प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के जीवन उत्थान के दिशा में ठोस और उल्लेखनीय कार्य किए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने कुछ विभागों की कार्यप्रणाली व अपूर्ण कार्य पर नाखुशी जाहिर करते हुए, कहा कि जिन योजनाओं का क्रियान्वयन विभागीय मद से ही स्वीकृत होती है, उन्हें अनावश्यक रूप से डीएमएफ से न कराए जाये।
कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम-2015 में नए संशोधनों के बाद अब डीएमएफ राशि से शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और उन्हें प्रभावी बनाने के काम किए जा सकेंगे। खनन और खनन संबंधी गतिविधियों से प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों के परिवार के सदस्यों को नर्सिंग, चिकित्सा शिक्षा, इंजीनियरिंग, विधि, प्रबंधन, उच्च शिक्षा, व्यवसायिक पाठ्यक्रम, तकनीकी शिक्षा, शासकीय संस्थाओं, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक शुल्क और छात्रावास शुल्क के भुगतान के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग और आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था भी इस मद से की जा सकेगी साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में दक्ष और योग्य मानव संसाधन जैसे डॉक्टरों, नर्सों और शिक्षकों आदि की आवश्यकता की पूर्ति भी डीएमएफ राशि से किया जाएगा। नए संशोधन में कृषि व संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के उपाय भी किए गए हैं।
बैठक में जिले में डीएमएफ से खनन से उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों जैसे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामों में पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण, भौतिक अधोसंरचना के क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रूपए, खनन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की पहचान कर व्यक्तिगत हितग्राही मूलक कार्यों में कृषि, अन्य संबंद्ध गतिविधियों के लिए 2 करोड़ रूपए, खनन व सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल सुविधाओं के लिए 1 करोड़ 50 लाख रूपए, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 3 करोड़ 85 लाख रूपए, शैक्षणिक, व्यवसायिक प्रशिक्षण शिक्षा के लिए 1 करोड़ रूपए, प्रसूता और शिशु स्वास्थ्य कुपोषण, संक्रमण व्याधियों की रोकथाम, महिला व बाल कल्याण के लिए 50 लाख रूपए, वृद्ध और नि:शक्तजन कल्याण के लिए 20 लाख रूपए, खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय पात्र व्यक्तियों के जीविका समर्थन, आय अर्जन कौशल विकास के लिए 30 लाख रूपए और स्वच्छता के लिए 20 लाख रूपए के वार्षिक कार्यों का अनुमोदन किया गया। इसी प्रकार निम्न प्राथमिकता के क्षेत्रों जैसे खनन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक भौतिक अंधोसंचना के लिए 40 लाख रूपए, सिंचाई विस्तार व विकास के लिए 40 लाख रूपए, ऊर्जा और जल विभाजक विकास जैसे फलोद्यान, एकीकृत कृषि और आर्थिक वानिकी और जल संग्रहण क्षेत्र के प्रत्यावर्तन के समुचित विकास कार्यों के लिए 45 लाख रूपए के कार्यों का अनुमोदन किया गया।
इसी प्रकार जीवन दीप समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री ने जीवन दीप समिति की नियमित बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित करने के लिए कहा साथ ही ओपीडी की फीस न्यूनतम 10 रूपये करने व बीपीएल मरीजों के शुल्क माफ करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। जीवन दीप समिति के सदस्यों को अब तक नामित न करने पर भी उन्होंने टिप्पणी करते हुए, इसका औचित्य जानना चाहा और तत्काल सदस्यों को गठित करने के लिए कार्यवाही करने को कहा।
इस दौरान जिपं अध्यक्ष देवचंद मातलाम, उपाध्यक्ष रवि घोष, एसपी सिद्धार्थ तिवारी, जिपं सीईओ डीएन कश्यप, वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर गौतम चंद पाटिल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. टीआर कुंवर, डॉ. संजय बसाक सहित सभी जिला अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।