कई महीनों के बाद सुधारने चेन्नई से पहुंचा इंजीनियर
शंभू यादव
कोण्डागांव, 13 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। नगर पालिका परिषद के माध्यम से जिला मुख्यालय कोण्डागांव के बस स्टैंड, नेशनल हाईवे 30, विकासनगर और कांग्रेस भवन के बीच में घड़ी चौक का स्थापना करते हुए विशालकाय घड़ी का स्थापना किया गया था। अपनी स्थापना के कुछ ही दिनों बाद घड़ी चौक का घड़ी अलग-अलग समय दिखाने। लगातार कई महीनों तक कोण्डागांव का घड़ी चौक गलत समय दिखाता रहा। आखिरकार पालिका प्रशासन ने चेन्नई से इंजीनियर बुलवाकर इसका सुधार करवा लिया है।
अब सुधार करने वाले इंजीनियर का दावा है कि, घड़ी चौक में स्थापित घड़ी निर्माण कार्य घटिया निर्माण का एक नमूना है। इसके चलते घड़ी चौक का घड़ी जल्दी ही खराब हो जाएगा।
नगर पालिका परिषद से मिली जानकारी अनुसार, वर्ष 2022 के मध्य यानी जुलाई माह तक कोण्डागांव नगर क्षेत्र को और भी आकर्षक बनाने के लिए घड़ी चौक की स्थापना की गई थी। इस घड़ी के निर्माण के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए। लाखों रुपए की लागत से निर्मित घड़ी को आनन-फानन में स्थापित कर दिया गया।
अपनी स्थापना के कुछ समय बाद ही घड़ी चौक की सभी घडिय़ां अलग-अलग समय दिखाने लगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नगर वासियों के दबाव के चलते सुधार कार्य की कवायद शुरू तो की गई, लेकिन सुधार के लिए इंजीनियर कोण्डागांव आने के लिए तैयार नहीं थे। किसी तरह इंजीनियर को मना कर बुलाया गया। लगभग 8 महीने से भी अधिक समय तक बंद रहने वाला घड़ी अब सही समय दिखाने लगा है।
घड़ी चौक के पहले फव्वारा चौक बना था
घड़ी चौक निर्माण के पूर्व चौक वाले स्थान पर फव्वारा चौक निर्मित किया गया था। छत्तीसगढ़ की पूर्व शासन के समय में तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह के हाथों इस चौक का लोकार्पण करवाया गया। लेकिन उस समय भी फव्वारा चौक के फव्वारे से कुछ समय बाद पानी आना बंद हो गया। इसके बाद पालिका प्रशासन के समक्ष फव्वारा चौक के स्थान पर घड़ी चौक निर्माण करने की मांग उठी, जिसे गंभीरता से लेते हुए घड़ी चौक का निर्माण करवाया गया। घड़ी चौक का निर्माण तो कर लिया गया, लेकिन सीएम प्रवास के चलते उनके हाथों ही इसका लोकार्पण करवाना था। ऐसे में दिन और रात निर्माण कार्य करवाया गया। समय से पहले निर्माण करने की कोशिश में घड़ी चौक के भवन में कई खामियां दिखाई देने लगी हैं।
स्थानीय कलाकारों की भी उपेक्षा
घड़ी चौक के भवन का निर्माण करते हुए इसकी दीवारों में आर्टिफिशियल कारीगिरी को संजोया गया है। ज्ञात हो कि कोण्डागांव नगर विश्व में हस्तशिल्प के क्षेत्र में विशेष पहचान रखता है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में पहचान रखने वाले कोण्डागांव के शिल्पकारों का कलाकृति को घड़ी चौक में स्थान न दिए जाने से स्थानीय कलाकारों में रोष है। पालिका प्रशासन के माध्यम से यहां केवल आर्टिफिशियल कलाकृतियों को उकेरा गया है।
61 लाख रुपए की घड़ी, 61 दिन भी नहीं चली
नगर पालिका ने बस स्टैंड के पास नेशनल हाईवे 30, विकासनगर और कांग्रेस भवन के बीच जिस घड़ी का स्थापना करवाया है, उसके लिए कुल 61 लाख रुपए खर्च किया गया है। 61 लाखों रुपए की लागत में 16 लाख रुपए अधोसंरचना मद से और डीएमएफ फंड से 45 लाख रुपए लगाए गए है।
इंजीनियर का दावा-घड़ी फिर से हो जाएगा खराब
घड़ी स्थापना और सुधार कार्य के लिए इंडियन क्लॉक कंपनी चेन्नई के इंजीनियर बी. सुब्रमण्यम को कोण्डागांव बुलाया गया था। हालांकि शुरुआती दौर में बी. सुब्रमण्यम कोण्डागांव नहीं आना चाहते थे, इस कारण से घड़ी के सुधार कार्य में लंबा समय लग गया। अब घड़ी का सुधार हो चुका है।
सुधार कार्य के दौरान बी. सुब्रमण्यम ने नगर पालिका अधिकारियों के सामने ही मीडिया से कहा कि, कोण्डागांव के घड़ी चौक निर्माण के लिए गुणवत्ताहीन घटिया निर्माण किया गया है। यहां ऊंचाई तक चढऩे के लिए सीढ़ी, प्लेटफार्म, घड़ी के कीमती सामान को रखने के लिए व्यवस्थित रैक व अन्य सुविधाओं का निर्माण नहीं किया गया है। इसके अलावा बारिश के दौरान घड़ी के कीमती मशीनरी में पानी आसानी से चला जाता है। इतना ही नहीं घड़ी चौक के भवन निर्माण में भी लापरवाही की गई है, जिस कारण से भवन के अंदर वाइब्रेशन है। इन सभी खामियों के चलते जल्द घड़ी चौक का घड़ी दुबारा जल्द ही बिगड़ जाएगा।
कमियों को पूर्ण किया जाएगा-सीएमओ
नगर पालिका परिषद कोण्डागांव के सीएमओ दिनेश डे ने चर्चा करते हुए बताया कि, घड़ी का निर्माण कार्य उनके आगमन कोण्डागांव पदस्थापना के पूर्व सितंबर से पहले ही हो चुका था। इस कारण से इसकी लागत और स्थापना का समय वे नहीं बता पाएंगे। पालिका सीएमओ दिनेश डे ने घड़ी चौक के घड़ी का सुधार करने पहुंचे बी. सुब्रमण्यम के द्वारा गिनाए गए कमियों को जल्द ही व्यवस्थित किए जाने का आश्वासन दिए है।