‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 1 अप्रैल। नवापारा नगर की कवयित्री एवं लेखिका सरोज कंसारी की पुस्तक का विमोचन समारोह गायत्री मंदिर राजिम के सभागृह में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रायपुर की साहित्यकार सविता पाठक थी। अध्यक्षता प्रयाग साहित्य समिति के अध्यक्ष टीकमचंद सेन ने किया। विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कवियत्री डॉ. संगीता सरगम, हिंदी के प्राध्यापक डॉ. आलोक शुक्ला, रमाकांत शर्मा, राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक ईश्वरी सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में सभी अतिथियों और साहित्यकारों के सानिध्य में ‘‘सरोज कंसारी की रचना संसार’’ पुस्तक का विमोचन किया गया। इस मौके पर युवा शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने कहा कि सरोज कंसारी के पुस्तक विमोचन के साक्षी कई साहित्यकार हुए है। इस 110 पेज़ की किताब में बहुत मार्मिक एवं हृदय स्पर्शी विषय को शामिल किया है जिसे पढऩे के बाद कोई भी पाठक उनका मुरीद हो सकता हैं।
बेटियां समाज की धरोहर होती है
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सविता पाठक ने कहा कि कागज कलम में परिवार, समाज और देश में नव क्रांति लाने की क्षमता होती हैं। सरोज कंसारी की लेखनी में जीवन का सार हैं। इस अवसर पर संगीता सरगम ने अपनी सुमधुर आवाज में गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी। टीकम चंद सेन ने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में बेटियां अहम भूमिका निभाती हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, और राजनीति में अहम योगदान देती हैं। वे हर काम में अपना सर्वश्रेष्ठता देती हैं। अपनी लेखनी से एक बेटी सरोज कंसारी राजिम के साथ ही पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं।
सरोज कंसारी की कलम ने किसी को जीवन दान दिया है
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक ईश्वरी सिन्हा ने कहा कि बारिश तभी होती है जब घनघोर काले बादल छाए होते हैं और हवा में नमी 90 प्रतिशत से अधिक होती है। विचारों को शब्दों के रूप में कविता, कहानी, आलेख आदि का आकार देना प्रारंभिक स्वरूप है लेकिन वही शब्द जब औरों के विचार बनने लगे, किसी की आत्मा में जगह बनाकर औषधि बनने लगे तो लेखनी की ऊर्जा को अपना अस्तित्व मिलता है। सरोज कंसारी की कलम ने किसी को जीवनदान दिया है, यह एक परमात्मिक अहसास है। यह ऊर्जा ब्रह्मांडीय कल्याण के लिए समर्पित हो कहते हुए सरोज को अपनी शुभकामनाएं दी।
सर्वोच्च नारी अस्मिता की सशक्त प्रतीक है
ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा कि सरोज का रचना संसार पुस्तक अदभुत और संवेदन शील हैं। अपने पारिवारिक जिंदगी के कठिन संघर्षों से जूझती, उभरती और निखरती नारी अस्मिता की सशक्त प्रतीक है, सचमुच कमल हैं, वो खुद ही एक समन्दर है। उन्होंने शुभकामना देते हुए कहा कि ऐसी ही साहित्य साधना करती रहें, ज्ञान की गंगा बहे, आपके लिए हमारी शुभकामना भी स्वर ब्रह्म बनकर बहती रहे।
इस अवसर पर डॉ आलोक शुक्ला, रामाकांत शर्मा, मनोज सेन, डॉ.राजेंद्र गदिया ने भी विचार व्यक्त किए और अपनी शुभकामनाएं दी। आभार प्रदर्शन कल्याणी कंसारी एवं मंच संचालन कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने किया। ब्रम्हदत्त शर्मा, डॉ. राजेंद्र गदिया ने राम दरबार भेंट कर सरोज कंसारी को सम्मानित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रायपुर, गरियाबंद एवं धमतरी जिले से साहित्यकार उपस्थित रहे।