गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 27 नवंबर। नगर का ऐतिहासिक श्री राधाकृष्ण मंदिर इस वर्ष अपने 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है। शताब्दी वर्ष के इस पावन अवसर पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा 24 से 30 नवंबर 2025 तक सात दिवसीय भव्य शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन को लेकर पूरे शहर में धार्मिक उल्लास, सांस्कृतिक उत्साह और आध्यात्मिक वातावरण का माहौल बना हुआ है।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार श्री राधाकृष्ण मंदिर की स्थापना वर्ष 1925 में नगर के प्रमुख अग्रवाल परिवारों द्वारा की गई थी। स्वर्गीय सेठ रेखराज-चतुर्भुज सहित अन्य पूर्वजों ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया था। आज यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि नवापारा की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता है। मंदिर ट्रस्ट समिति के संरक्षक मोहनलाल अग्रवाल, सचिव अभिषेक अग्रवाल तथा सदस्य गोपाल अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल, नयन अग्रवाल, शरद शुक्ला और डॉ. टी.एन. रमेश ने बताया कि शताब्दी वर्ष को अविस्मरणीय बनाने के लिए विविध आयोजनों की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसमें प्रतिदिन श्री विष्णु यज्ञ सुबह 7 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक हो रहा है। इसी प्रकार 28 नवंबर कलश यात्रा एवं भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए शोभायात्रा मंदिर परिसर में समाप्त होगी।
कार्यक्रमों की कड़ी में 28 से 30 नवंबर तक नानी बाई का मायरा कथा का आयोजन होगा। जिसमें वृंदावन से पधारी दीदी राधाकिशोरी प्रवचन देंगी। विशेष प्रवचन एवं भजन समारोह में 28 नवंबर रात 8 बजे विजय शंकर मेहता का प्रवचन होगा। 29 नवंबर को शाम 7.30 बजे से रात्रि 10.0 बजे तक हेमंत बृजवासी मंडली वृंदावन का भजन कार्यक्रम होगा। 30 नवंबर को रविवार को शाम 7.30 बजे से रात्रि 10.0 बजे तक लीला स्पिरिचुअल बैंड, दिल्ली द्वारा भजन संध्या का शानदार कार्यक्रम आयोजित है। शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मंदिर परिसर को आकर्षक रोशनी, फूलों और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया है।
मंदिर ट्रस्ट ने नगरवासियों, श्रद्धालुओं और आसपास के क्षेत्रों के भक्तों से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने की अपील की है। श्री राधाकृष्ण मंदिर का शताब्दी वर्ष केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि नवापारा की सामूहिक विरासत, आस्था, संस्कृति और परंपरा का भव्य उत्सव है। शहर इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए पूर्णत: तैयार है।


